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देवघर। भूमि विवाद अक्सर छोटे-छोटे झगड़े से शुरू होकर बड़े संघर्ष का रूप ले लेता है। इसी तरह का एक मामला देवघर के पुरनदहा गांव में सामने आया है, जहां जमीन को लेकर दो पक्षों में विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट तक की नौबत आ गई। आरोप है कि लक्ष्मण बर्मा, सुधीर बर्मा और मनोज बर्मा नामक व्यक्तियों ने रंजीत बर्मा की बुरी तरह पिटाई कर दी। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
घटना का पूरा विवरण
स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पुरनदहा मोहल्ले में लंबे समय से दो पक्षों के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। विवादित जमीन पर दोनों पक्षों ने अपना-अपना दावा किया हुआ था। आज शनिवार के सुबह स्थिति अचानक बिगड़ गई जब तीन लोगों ने मिलकर रंजीत बर्मा पर हमला बोल दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि विवादित जमीन पर बाड़बंदी को लेकर बहस हुई थी। इसी दौरान लक्ष्मण बर्मा, सुधीर बर्मा और मनोज बर्मा ने युवक को पकड़कर मारपीट शुरू कर दी। युवक को गंभीर चोटें आई हैं और इलाज के लिए देवघर सदर अस्पताल लया गया है जहां जख्मी युवक को इलाज के बाद भर्ती कर दिया गया है।
फिलहाल, पुलिस पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही है और ग्रामीणों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि सच्चाई सामने लाई जा सके।
ग्रामीणों में आक्रोश
इस घटना के बाद पूरे इलाके में गुस्सा और दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि जमीन विवाद को लेकर अक्सर तनाव बना रहता है लेकिन प्रशासन समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाता। कई ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

जमीन विवाद की बढ़ती घटनाएं
देवघर जिले में जमीन विवाद की घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भूमि का सही रिकॉर्ड और मापी-नक्शा नहीं होने के कारण लोग आपस में भिड़ जाते हैं। कई बार यह विवाद जानलेवा भी साबित हो जाता है।
कानूनी जानकारों का मानना है कि अगर भूमि संबंधी विवादों का समय पर निपटारा कर दिया जाए तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।
पीड़ित पक्ष का बयान
पीड़ित युवक और उसके परिवार का कहना है कि आरोपियों ने जान से मारने की नीयत से हमला किया। परिवार ने पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है और कहा है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।
देवघर के पुरनदहा मोहल्ले की यह घटना एक बार फिर इस बात को साबित करती है कि जमीन विवाद किस तरह हिंसा का रूप ले सकता है। अगर प्रशासन ने समय रहते विवादों का निपटारा नहीं किया तो भविष्य में और भी गंभीर घटनाएं हो सकती हैं।
पुलिस मामले की जांच कर रही है और ग्रामीण प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं। देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस केस में क्या नया मोड़ आता है।

