
देवघर। बच्चों में वैज्ञानिक सोच, नवाचार और सृजन क्षमता को विकसित करना ही इस साइंस एग्जीबिशन का मुख्य उद्देश्य है। यह बातें उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री नमन प्रियेश लकड़ा ने कहीं। वे सोमवार, 01 सितंबर 2025 को रामकृष्ण विवेकानंद विद्यामंदिर विद्यालय में आयोजित जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी (Science Exhibition) में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस विज्ञान प्रदर्शनी में देवघर जिले के सरकारी एवं निजी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। विद्यार्थियों ने विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों जैसे – पर्यावरण संरक्षण, सौर ऊर्जा, जल संरक्षण, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्वास्थ्य एवं तकनीक पर आधारित अभिनव मॉडल प्रस्तुत किए।
बच्चों की रचनात्मकता का अनोखा प्रदर्शन
प्रदर्शनी के दौरान छात्र-छात्राओं ने अपने-अपने मॉडल को न केवल तैयार किया, बल्कि उसकी कार्य-प्रणाली (Working Process) को भी विस्तार से समझाया। बच्चों ने अपने शोध, कल्पनाशीलता और समस्या समाधान क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया। इसमें कई ऐसे मॉडल थे, जिन्हें भविष्य में व्यावहारिक जीवन में लागू किया जा सकता है।
उपायुक्त ने किया बच्चों का उत्साहवर्धन
उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने बच्चों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा –
“ऐसी गतिविधियाँ बच्चों में रचनात्मकता, तार्किक सोच और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देती हैं। विज्ञान प्रदर्शनी से छात्रों में वैज्ञानिक जिज्ञासा, नवाचार और समस्या समाधान कौशल विकसित होता है। साथ ही वे सीखे हुए ज्ञान को व्यवहारिक रूप में लागू करना सीखते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि यह प्रदर्शनी छात्रों में संचार कौशल, टीम वर्क और आत्मविश्वास जैसे गुणों को भी मजबूती प्रदान करती है। इस प्रकार के आयोजन बच्चों को केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उन्हें एक वैश्विक नागरिक बनने के लिए तैयार करते हैं।
विज्ञान और समाज के बीच सेतु
इस प्रदर्शनी के माध्यम से न केवल छात्रों की प्रतिभा सामने आई, बल्कि समुदाय के बीच विज्ञान के प्रति रुचि और अन्वेषण की संस्कृति को भी बढ़ावा मिला। स्थानीय अभिभावकों और अध्यापकों ने भी छात्रों के नवाचार को सराहा और उन्हें प्रोत्साहित किया।
मुख्य आकर्षण बने ये मॉडल
इस प्रदर्शनी में कई ऐसे मॉडल प्रस्तुत किए गए, जिन्होंने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
सौर ऊर्जा आधारित जल पंप – जो किसानों की सिंचाई समस्या को हल करने में कारगर साबित हो सकता है।
एआई आधारित हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम – जो ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बना सकता है।
रोबोटिक वेस्ट कलेक्टर – जो शहरों में कचरा प्रबंधन को आसान बनाएगा।
जल संरक्षण तकनीक पर आधारित प्रोजेक्ट्स – जिससे पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है।
इन प्रोजेक्ट्स ने यह साबित किया कि देवघर के विद्यार्थी भविष्य में देश को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।
उत्कृष्ट छात्रों को मिला सम्मान
कार्यक्रम के समापन पर उपायुक्त श्री नमन प्रियेश लकड़ा द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों के छात्रों को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इससे बच्चों के चेहरे खिल उठे और उन्हें आगे और बेहतर करने की प्रेरणा मिली।
विज्ञान प्रदर्शनी क्यों है जरूरी?
आज के समय में जब तकनीक तेजी से बदल रही है, ऐसे में बच्चों को शुरुआती स्तर से ही वैज्ञानिक सोच और नवाचार की ओर प्रोत्साहित करना आवश्यक है। इस तरह की साइंस एग्जीबिशन न केवल बच्चों के ज्ञान को बढ़ाती है बल्कि उनमें समस्या समाधान की क्षमता भी विकसित करती है। यह भविष्य के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और नवाचारकर्ताओं को तैयार करने का सबसे कारगर माध्यम है।
सामुदायिक भागीदारी की मिसाल
कार्यक्रम में अभिभावकों, शिक्षकों और स्थानीय बुद्धिजीवियों ने भी भाग लिया। सभी ने एक स्वर में कहा कि इस प्रकार की प्रदर्शनी से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है, और वे आगे चलकर समाज के लिए उपयोगी तकनीकी समाधान देने में सक्षम बनते हैं।
देवघर जिले में आयोजित यह साइंस एग्जीबिशन छात्रों की प्रतिभा का सशक्त मंच साबित हुआ। उपायुक्त श्री नमन प्रियेश लकड़ा की मौजूदगी ने बच्चों का उत्साह दोगुना कर दिया। इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि अगर बच्चों को सही अवसर और मार्गदर्शन मिले तो वे किसी भी क्षेत्र में कमाल कर सकते हैं।