
देवघर। देवघर जिला का कजरा गांव इस समय शोक में डूबा हुआ है। गांव का हर गली–मोहल्ला, हर घर और हर चेहरा नम है। आंखों में आंसू हैं लेकिन सीने में गर्व भी है, क्योंकि इस गांव के बेटे नीरज चौधरी ने देश की रक्षा करते हुए सियाचिन की बर्फीली चोटियों पर वीरगति प्राप्त की। वीरगति को प्राप्त होने के बाद उनका पार्थिव शरीर कल (तारीख) देवघर के कजरा गांव लाया जाएगा।
नीरज चौधरी वर्ष 2022 में अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना में शामिल हुए थे। बचपन से ही उनका सपना था कि वे सेना की वर्दी पहनें और देश की सेवा करें। उनका सपना भले ही अधूरा रह गया, लेकिन अपने लहू से उन्होंने मातृभूमि को सींचकर अमरता पा ली।
गांव में मातम का माहौल
कजरा गांव में मातम का माहौल है। नीरज चौधरी के घर पर परिजन, रिश्तेदार और ग्रामीणों की भीड़ जुटी हुई है। उनकी मां, पिता, दादा, दादी और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। चाचा संतोष चौधरी ने भावुक होते हुए कहा –
“नीरज बचपन से ही देश की सेवा करना चाहता था। उसे सेना की वर्दी पहनने का जुनून था। हम सभी को उस पर गर्व है कि उसने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।”
बचपन से देशभक्ति का जज्बा
परिजनों और गांव के बुजुर्गों के अनुसार नीरज का बचपन से ही स्वभाव अलग था। पढ़ाई के साथ–साथ वे हमेशा अनुशासन और जिम्मेदारी पर जोर देते थे। अक्सर कहा करते थे कि “मैं बड़ा होकर सेना में जाऊंगा और देश की सेवा करूंगा।” परिवार वालों ने भी उनके इस सपने को पूरा करने में हर संभव मदद की।
सियाचिन की कठिन ड्यूटी
नीरज चौधरी 2022 से सेना में शामिल होकर सियाचिन में तैनात थे। सियाचिन दुनिया की सबसे ऊंची और कठिन युद्धभूमियों में से एक है, जहां का तापमान अक्सर माइनस 40 डिग्री तक गिर जाता है। सांस लेना भी वहां चुनौती से कम नहीं है। ऐसे हालातों में देश की रक्षा करना हर किसी के बस की बात नहीं। लेकिन नीरज जैसे जवान ही इस मुश्किल मोर्चे पर डटे रहते हैं और देश की सरहदों को सुरक्षित रखते हैं।

गांव में गम और गर्व की लहर
गांव के लोग बताते हैं कि नीरज बहुत मिलनसार और मददगार थे। वे हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते थे। उनकी शहादत से पूरा गांव गमगीन है लेकिन साथ ही गर्व भी है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ।
एक ग्रामीण ने बताया, “गांव का हर बच्चा नीरज की तरह बनने का सपना देख रहा है। उसकी शहादत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी।”
अंतिम संस्कार की तैयारी
नीरज चौधरी का पार्थिव शरीर सेना के जवानों के साथ पूरे राजकीय सम्मान के साथ कजरा गांव लाया जाएगा। यहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन और सेना ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। हजारों की संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचेंगे।
परिवार का गर्व भरा बयान
शहीद नीरज चौधरी के चाचा संतोष चौधरी कहते हैं, “नीरज को मैंने बचपन से पाला–पोसा। वह हमेशा कहता था कि वह देश की सेवा करेगा। आज भले ही वह हमारे बीच नहीं है, लेकिन हमें गर्व है कि उसने देश के लिए जान दी। हमारा दुख बहुत बड़ा है, लेकिन गर्व भी उससे कहीं ज्यादा है।”
देशभक्ति की मिसाल
नीरज चौधरी जैसे जवानों की शहादत ही देश को मजबूत बनाती है। वे सिर्फ एक परिवार या गांव के नहीं, बल्कि पूरे देश के बेटे हैं। उनकी यादें हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगी।
लोग कर रहे नमन
सोशल मीडिया से लेकर आसपास के गांवों तक लोग नीरज चौधरी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। हर कोई यही कह रहा है कि नीरज ने अपनी जान देकर पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
शहीद को श्रद्धांजलि
गांव के बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं – सभी की आंखें नम हैं। लोग मोमबत्तियां जलाकर और तिरंगे के साथ शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। कजरा गांव आने वाले दिनों में हमेशा नीरज चौधरी को गर्व से याद करेगा।
देवघर का बेटा नीरज चौधरी भले ही आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी वीरता, उनका साहस और उनका देशभक्ति का जज्बा हमेशा लोगों को प्रेरणा देता रहेगा। उनके बलिदान को देश कभी नहीं भूलेगा।

