
Dhanbad: धनबाद में 108 एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल, दो माह से नहीं मिला वेतन — स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने की आशंका।
धनबाद। झारखंड के धनबाद जिले में 108 एंबुलेंस सेवा से जुड़े कर्मचारियों ने दो माह से लंबित वेतन की मांग को लेकर आज रात से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। हड़ताल की शुरुआत से पहले कर्मचारियों ने सदर अस्पताल परिसर में जोरदार प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई। वे हाथों में तख्तियां लेकर सरकार और संबंधित एजेंसियों के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए।
कर्मचारियों का कहना है कि वे लगातार दो महीने से बिना वेतन के काम कर रहे हैं, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कई कर्मियों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है, बच्चों की पढ़ाई और दवाइयों तक का खर्च नहीं उठ पा रहा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला, जिससे मजबूरन उन्हें हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ा।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ेगा सीधा असर
108 एंबुलेंस सेवा झारखंड में आपातकालीन चिकित्सा सहायता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हड़ताल के चलते जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बुरा असर पड़ने की आशंका है। खासकर गर्भवती महिलाओं, दुर्घटना पीड़ितों और गंभीर मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाने में मुश्किलें आ सकती हैं। ऐसे में सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य विभाग के लिए यह एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
प्रशासन ने की वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी
हालात की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने कुछ वैकल्पिक व्यवस्थाएं करने का प्रयास जरूर शुरू कर दिया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि प्रशिक्षित एंबुलेंस चालकों और पैरामेडिकल स्टाफ की अनुपस्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं पर सीधा असर पड़ेगा। प्रशासन ने निजी एंबुलेंस सेवाओं की मदद लेने और अस्पतालों में इमरजेंसी स्टाफ को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
कर्मियों की मांगें जायज: यूनियन नेता
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी तरह जायज हैं और वे किसी राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित नहीं हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य है कि उन्हें समय पर वेतन मिले, ताकि वे निष्ठा से जनसेवा कर सकें। यूनियन नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही बकाया वेतन का भुगतान नहीं हुआ, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा और राज्यभर के अन्य जिलों में भी इसका असर देखने को मिलेगा।
इस बीच आम लोगों ने भी चिंता जताई है कि इस हड़ताल से उन्हें आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कई लोगों ने सरकार से अपील की है कि वह जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर स्थिति को सामान्य करे।
यह मामला न केवल कर्मचारियों के अधिकारों से जुड़ा है, बल्कि आम जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा से भी। ऐसे में समय रहते समाधान निकाला जाना बेहद जरूरी हो गया है।