
धनबाद। झारखंड की कोयलांचल नगरी धनबाद में शनिवार देर रात उस समय अफरा-तफरी मच गई जब हीरापुर स्थित हटिया गोदाम में भीषण आग लग गई। देखते ही देखते आग ने पूरे गोदाम को अपनी चपेट में ले लिया और वहां रखे आलू-प्याज समेत अन्य सामान जलकर राख हो गए। घटना की सूचना मिलते ही आसपास के इलाके में दहशत का माहौल बन गया। लोग घरों से बाहर निकलकर आग पर काबू पाने में जुट गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग इतनी भयानक थी कि आग की लपटें दूर-दूर तक दिखाई दे रही थीं। घटना की जानकारी मिलते ही फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। हालांकि तब तक लाखों का सामान पूरी तरह जल चुका था।
कैसे लगी आग?
आग लगने के कारणों का अभी तक आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से यह हादसा हुआ हो सकता है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि रात में गोदाम में मजदूरों द्वारा किए जा रहे कार्य से आग भड़की। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
आलू-प्याज समेत सब जलकर राख
गोदाम में बड़ी मात्रा में आलू-प्याज का स्टॉक रखा गया था। इसके अलावा कई छोटे व्यापारियों ने अपना सामान यहां जमा कर रखा था। आग लगने के कारण सबकुछ राख में तब्दील हो गया। व्यापारियों का कहना है कि लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
दमकल विभाग की तैनाती
दमकल विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंचकर करीब 4 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग इतनी तेजी से फैल रही थी कि आसपास के अन्य दुकानों और घरों तक फैलने का खतरा बना हुआ था। गनीमत रही कि फायर ब्रिगेड समय रहते पहुंच गया, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
प्रशासन की भूमिका
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन भी मौके पर पहुंचा। स्थानीय थाने की टीम ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया और लोगों को सुरक्षित स्थान पर हटाया। धनबाद जिला प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किया। साथ ही आग के कारणों का पता लगाने के लिए जांच टीम गठित की गई है।
लोगों में दहशत, व्यापारियों में आक्रोश
आग लगने की खबर फैलते ही पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आसपास के लोग घरों से बाहर निकलकर घटनास्थल पर जुट गए। व्यापारियों में प्रशासन को लेकर नाराजगी भी देखने को मिली। उनका कहना है कि अगर गोदाम में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते तो यह हादसा नहीं होता।
आर्थिक नुकसान
गोदाम में आग लगने से व्यापारियों को लाखों का नुकसान हुआ है। आलू-प्याज का स्टॉक नष्ट हो जाने से आने वाले दिनों में बाजार में सब्जियों की कीमतों पर भी असर पड़ सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह आग न केवल व्यापारियों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी बड़ी समस्या लेकर आई है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा?
स्थानीय निवासी अजय कुमार ने बताया कि रात करीब 12 बजे अचानक गोदाम से धुआं उठता दिखा। पहले लोगों ने सोचा कि कोई छोटा-मोटा हादसा हुआ है, लेकिन कुछ ही देर में आग की लपटें आसमान छूने लगीं। वहीं, दुकानदार सुनील अग्रवाल ने कहा कि “हमारी सारी पूंजी जलकर राख हो गई। सरकार से हमें उचित मुआवजा मिलना चाहिए।”
प्रशासन की अपील
धनबाद प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और जांच पूरी होने तक धैर्य बनाए रखें। अधिकारियों ने कहा है कि आग के असली कारणों का पता चलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व में भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
धनबाद और झारखंड के अन्य जिलों में गोदामों और बाजारों में आग लगने की घटनाएं अक्सर सामने आती रही हैं। कुछ महीने पहले बोकारो में भी आलू-प्याज के गोदाम में आग लग गई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्यों सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता।
जांच और सुरक्षा इंतजाम
जांच एजेंसियों ने कहा है कि घटना की पूरी जांच की जाएगी। वहीं, फायर विभाग ने सुझाव दिया है कि सभी गोदामों में अग्निशमन यंत्र, अलार्म और सुरक्षा उपाय अनिवार्य किए जाएं। प्रशासन ने भी आश्वासन दिया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
धनबाद-हीरापुर हटिया गोदाम में लगी भीषण आग ने न केवल व्यापारियों को आर्थिक रूप से तबाह कर दिया बल्कि पूरे इलाके में भय और चिंता का माहौल बना दिया। यह हादसा इस बात की ओर इशारा करता है कि हमारे बाजार और गोदाम अभी भी आग जैसी आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं। जरूरत है कि सरकार, प्रशासन और व्यापारी मिलकर सुरक्षा मानकों को लागू करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।