
धनबाद। कोयलांचल की धरती कोयला खनन के लिए जानी जाती है, लेकिन इसी खनन के कारण बार-बार भू-धसानों की घटनाएं लोगों की जिंदगी पर संकट बन रही हैं। ताज़ा मामला धनबाद जिले के रामकनाली क्षेत्र का है, जहां शुक्रवार सुबह एक बड़ा भू-धसान हुआ। इस हादसे में बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) का एक सर्विस वैन पूरी तरह जमीन में समा गया।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, घटना अचानक हुई, जब इलाके में खनन गतिविधियों के चलते जमीन धंस गई। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि हादसे के वक्त सर्विस वैन में कर्मचारी सवार थे। अभी तक सटीक संख्या का खुलासा नहीं हो पाया है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि कई लोग मलबे और गड्ढे में दब गए हैं।
घटनास्थल पर अफरा-तफरी
घटना के तुरंत बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। ग्रामीणों और स्थानीय लोगों ने शोर मचाकर आसपास के लोगों को सतर्क किया। मौके पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और बचाव कार्य में जुट गए।
बीसीसीएल के अधिकारी और पुलिस प्रशासन को खबर दी गई। थोड़ी देर में पुलिस की टीम, एनडीआरएफ और बचाव दल मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। गड्ढा इतना गहरा और चौड़ा हो चुका है कि बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं।
भू-धसान के पीछे कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि धनबाद और आसपास के इलाकों में अत्यधिक कोयला खनन और अवैध खनन गतिविधियां बार-बार ऐसी घटनाओं का कारण बनती हैं। भूमिगत खनन से जमीन खोखली हो जाती है और किसी भी समय धंसने लगती है। रामकनाली क्षेत्र भी लंबे समय से खनन कार्यों के कारण संवेदनशील माना जाता रहा है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह अचानक जोर की आवाज आई और देखते ही देखते जमीन धंस गई। कुछ लोग चिल्लाते हुए बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन सर्विस वैन गहराई में समा गई। आसपास के लोग डरे और सहमे हुए हैं।
स्थानीय निवासी सुरेश यादव ने कहा, “हम लोग पहले से कह रहे थे कि यहां खतरा है। जमीन खोखली हो चुकी है। लेकिन कंपनी ने ध्यान नहीं दिया और अब यह बड़ा हादसा हो गया।”
प्रशासन और बीसीसीएल की प्रतिक्रिया
हादसे के बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। बीसीसीएल प्रबंधन ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि राहत-बचाव कार्य को तेज़ी से चलाया जा रहा है। कंपनी ने प्रभावित परिवारों की मदद और मुआवज़े का आश्वासन दिया है।
धनबाद डीसी ने मीडिया से कहा, “प्राथमिकता राहत-बचाव कार्य है। हमारी टीम लगातार मौके पर मौजूद है। घटना की विस्तृत जांच के बाद जिम्मेदारी तय की जाएगी।”
लगातार खतरे में कोयलांचल
धनबाद को ‘भारत का कोयला हब’ कहा जाता है, लेकिन यहां रहने वाले लोग लगातार खतरे के साए में जी रहे हैं। कोयला खनन के कारण भू-धसानों की घटनाएं आम हो चुकी हैं। कई बार लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर खनन गतिविधियों पर नियंत्रण और सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया तो आने वाले समय में ऐसे हादसे और भी बड़े पैमाने पर हो सकते हैं।
प्रभावित लोगों का दर्द
हादसे में प्रभावित परिवार रो-रोकर बेहाल हैं। घटना के बाद से गांव का माहौल गमगीन हो गया है। महिलाएं और बच्चे दहशत में हैं। ग्रामीण प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द स्थायी समाधान निकाला जाए।
राहत-बचाव कार्य जारी
फिलहाल एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है। मलबे को हटाने और वैन तक पहुंचने के लिए मशीनों की मदद ली जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि अगर समय पर लोगों को बाहर नहीं निकाला गया तो जनहानि ज्यादा हो सकती है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना की खबर मिलते ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी चिंता जताई। विपक्षी दलों ने बीसीसीएल और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि लगातार चेतावनी देने के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
धनबाद का रामकनाली हादसा एक बार फिर इस सच्चाई को सामने लाता है कि खनन गतिविधियां जहां देश की अर्थव्यवस्था को ताकत देती हैं, वहीं स्थानीय लोगों के जीवन पर भारी पड़ रही हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस हादसे से सबक लेता है या फिर यह एक और घटना बनकर रह जाएगी।