
Dilip Joshi passes away: पूर्व भारतीय स्पिनर दिलीप जोशी नहीं रहे,77 वर्ष की उम्र में लंदन में हुआ निधन, क्रिकेट जगत में शोक की लहर।
भारतीय क्रिकेट के एक शानदार स्पिन गेंदबाज और बेहतरीन प्रतिभा के धनी दिलीप दोशी का 77 वर्ष की उम्र में लंदन में निधन हो गया। वे पिछले कई वर्षों से वहीं निवास कर रहे थे और लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे।
उनके निधन की खबर से भारतीय क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। बीसीसीआई, पूर्व खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, रवि शास्त्री, और कई अन्य क्रिकेट दिग्गजों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
दिलीप दोशी: एक सधी हुई कला के स्पिनर
दिलीप दोशी भारतीय क्रिकेट इतिहास के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक थे, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में देर से पदार्पण करने के बावजूद गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला और अगले कुछ वर्षों में भारत के लिए कुल 33 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 114 विकेट अपने नाम किए।
उनके रिकॉर्ड में 6 बार पांच विकेट लेने का कीर्तिमान भी शामिल है, जो किसी भी बाएं हाथ के स्पिनर के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। उनका स्पिन कौशल, सटीकता और धैर्य, भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को मजबूती देने में काफी कारगर सिद्ध हुआ था, विशेषकर विदेशों में।
सीमित ओवरों में भी छोड़ी छाप
टेस्ट क्रिकेट के अलावा दिलीप दोशी ने भारत के लिए 15 वनडे मैच भी खेले, जिसमें उन्होंने 22 विकेट हासिल की। हालांकि उस समय वनडे क्रिकेट उतना लोकप्रिय नहीं था, लेकिन उनकी गेंदबाजी शैली सीमित ओवरों के खेल में भी प्रभावी रही।
क्रिकेट के बाद भी खेल से जुड़ाव
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद दिलीप दोशी ने खेल को कभी नहीं छोड़ा। वे विभिन्न खेल संगठनों और क्लबों से जुड़े रहे और युवाओं को प्रेरित करते रहे।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय खेल और व्यापार जगत में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।
क्रिकेट जगत की प्रतिक्रियाएं
उनके निधन पर बीसीसीआई ने सोशल मीडिया पर शोक संदेश साझा करते हुए लिखा:
“दिलीप दोशी भारतीय क्रिकेट के एक सच्चे सिपाही थे। उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। हम उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं।”
सचिन तेंदुलकर ने भी ट्वीट कर कहा:
“दिलीप जी एक बेहतरीन खिलाड़ी और महान व्यक्ति थे। उनके साथ बिताए क्षण हमेशा याद रहेंगे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।”
रवि शास्त्री ने उन्हें “खामोश लेकिन घातक स्पिनर” बताया और लिखा कि वे एक प्रेरणा थे।
दिलीप दोशी का जाना भारतीय क्रिकेट के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने उस दौर में भी भारतीय टीम को मजबूती दी जब टीम विदेशों में संघर्ष कर रही थी। उनकी गेंदबाजी, संयम और समर्पण आज भी युवा खिलाड़ियों के लिए एक मिसाल है।