डिंपल यादव पर आपत्तिजनक टिप्पणी पर बढ़ा विवाद, BJP आई समर्थन में, NDA नेताओं को दी सख्त नसीहत

 

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव पर मौलाना साजिद रशीदी की विवादित टिप्पणी ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और डिंपल यादव के समर्थन में खुलकर सामने आई है। बीजेपी नेताओं ने जहां इस बयान को ‘महिलाओं का अपमान’ बताया है, वहीं एनडीए के अन्य घटक दलों को भी इस मसले पर सख्त रुख अपनाने की सलाह दी है।

यह पूरा मामला उस वक्त तूल पकड़ गया जब ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने एक टीवी डिबेट के दौरान डिंपल यादव को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। उनके बयान के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर विरोध की लहर दौड़ गई और राजनीतिक गलियारों में भी तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं।

मौलाना की टिप्पणी ने भड़काया सियासी तूफान

डिबेट में मौलाना साजिद रशीदी ने जिस भाषा और शैली का प्रयोग किया, उसे न सिर्फ अभद्र माना गया, बल्कि इसे महिलाओं के खिलाफ मानसिकता का परिचायक भी कहा गया। उनके बयान को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स ने तीखा विरोध जताया। महिला संगठनों ने इसे शर्मनाक करार देते हुए मौलाना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

बीजेपी ने डिंपल यादव का किया समर्थन

मौलाना रशीदी की टिप्पणी के बाद बीजेपी ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि यह बयान सिर्फ डिंपल यादव नहीं, बल्कि हर महिला का अपमान है। बीजेपी ने स्पष्ट किया कि वह राजनीतिक मतभेदों के बावजूद महिला सम्मान के मुद्दे पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी।

बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वंदना सिंह ने कहा, “डिंपल यादव एक सांसद हैं, एक महिला हैं और किसी को भी यह अधिकार नहीं कि वह उनके खिलाफ इस तरह की टिप्पणी करे। भाजपा इस मामले में डिंपल यादव के साथ है और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करती है।”

एनडीए नेताओं को दी गई नसीहत

बीजेपी ने न केवल इस मसले पर सार्वजनिक बयान दिया, बल्कि NDA के अन्य घटक दलों को भी महिलाओं के सम्मान पर एकजुट होकर खड़े होने का संदेश दिया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी नेतृत्व चाहता है कि इस मुद्दे पर सभी सहयोगी दल खुलकर डिंपल यादव के समर्थन में आवाज उठाएं, ताकि महिलाओं के सम्मान को लेकर एक मजबूत संदेश समाज में जाए।

सपा का मौलाना पर पलटवार

सपा की ओर से भी इस टिप्पणी की तीखी आलोचना की गई है। पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि मौलाना रशीदी का बयान निंदनीय है और समाजवादी पार्टी इसकी घोर भर्त्सना करती है। उन्होंने कहा कि महिला सम्मान पर किसी भी तरह की टिप्पणी को समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।

चौधरी ने मांग की कि “सरकार इस बयान का संज्ञान लेकर मौलाना रशीदी के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की भाषा इस्तेमाल करने से पहले सौ बार सोचे।”

महिला आयोग और NCW भी हरकत में

डिंपल यादव पर की गई टिप्पणी पर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी संज्ञान लिया है। आयोग ने मौलाना साजिद रशीदी को नोटिस जारी करते हुए 48 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि “यह बयान बेहद आपत्तिजनक है और इसमें महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाई गई है। आयोग इस मामले में सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।”

सोशल मीडिया पर विरोध की बाढ़

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे X (पूर्व में ट्विटर), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर मौलाना रशीदी के खिलाफ जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है।

विपक्ष की चुप्पी पर सवाल

वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे विपक्षी दलों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। भाजपा और सपा दोनों ही दलों ने विपक्ष से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर राजनीति न करें और एकजुट होकर महिलाओं के सम्मान की लड़ाई में शामिल हों।

महिला सम्मान पर एकजुट हो सियासत

डिंपल यादव पर मौलाना रशीदी की टिप्पणी केवल एक महिला सांसद का नहीं, पूरे देश की महिलाओं का अपमान है। बीजेपी का समर्थन मिलना यह दर्शाता है कि महिला सुरक्षा और सम्मान के मुद्दे पर दलों को राजनीति से ऊपर उठकर साथ आना चाहिए। ऐसे मामलों में जल्द और सख्त कार्रवाई ही समाज को यह विश्वास दिला सकती है कि लोकतंत्र में महिलाओं का स्थान सुरक्षित है।

 

  • Related Posts

    अनिल अंबानी के घर पर CBI की छापेमारी, 17,000 करोड़ के बैंक फ्रॉड केस में दर्ज हुई FIR

    ContentsFIR दर्ज, बैंकों के कंसोर्टियम से लिया गया लोनकिन बैंकों का पैसा फंसा?अनिल अंबानी और रिलायंस ग्रुप की मुश्किलेंCBI की छापेमारी की रणनीतिअनिल अंबानी की प्रतिक्रियाबैंकिंग सेक्टर पर असरक्या है…

    राजनेता जेल में बैठकर सचिवालय नहीं चला सकते’: पूर्व Solicitor General हरीश साल्वे ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन किया”

    Contents1. विधेयक क्या कहता है?2. हरीश साल्वे का दृष्टिकोण3. विपक्ष का आरोप और तर्क4. विधेयक का राजनीतिक और संवैधानिक महत्व कांग्रेस के वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व Solicitor General ऑफ इंडिया,…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *