
झारखंड की राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग की है। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया कि शिबू सोरेन का झारखंड राज्य निर्माण, आदिवासी समाज के उत्थान और गरीब-शोषित वर्गों के अधिकारों के लिए योगदान अतुलनीय है। महुआ माजी का यह कदम झारखंड की राजनीति में एक नई चर्चा को जन्म दे रहा है।
दिशोम गुरु शिबू सोरेन का योगदान
शिबू सोरेन, जिन्हें सम्मानपूर्वक दिशोम गुरु कहा जाता है, झारखंड के जननायक माने जाते हैं। उन्होंने आदिवासी अधिकारों की लड़ाई में कई दशकों तक संघर्ष किया। झारखंड अलग राज्य आंदोलन में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही। उनके नेतृत्व में कई आंदोलनों ने गति पकड़ी और अंततः 2000 में झारखंड को एक अलग राज्य का दर्जा मिला।
उनका जीवन गरीबों, किसानों और मजदूरों के कल्याण के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने हमेशा जंगल, जमीन और जल के अधिकार की लड़ाई लड़ी।
सांसद महुआ माजी का पत्र और उसकी मुख्य बातें
सांसद महुआ माजी ने अपने पत्र में लिखा कि दिशोम गुरु का जीवन संघर्ष और बलिदान की मिसाल है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि भारत रत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से शिबू सोरेन को सम्मानित किया जाए।
पत्र में निम्नलिखित बिंदुओं का उल्लेख किया गया है:
शिबू सोरेन का आदिवासी समाज के प्रति योगदान।
झारखंड के निर्माण में उनकी ऐतिहासिक भूमिका।
भ्रष्टाचार, अन्याय और शोषण के खिलाफ उनके आंदोलनों की सराहना।
गरीब और वंचित वर्ग को मुख्यधारा में लाने का प्रयास।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
महुआ माजी की इस मांग के बाद झारखंड के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने इस पहल का स्वागत किया है, वहीं विपक्ष ने भी इसे सराहनीय कदम बताया है।
आदिवासी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इसे ऐतिहासिक सम्मान बताते हुए सरकार से सकारात्मक पहल की अपेक्षा जताई है।
भारत रत्न और इसकी महत्ता
भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा या मानव कल्याण के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वालों को प्रदान किया जाता है। अब तक यह सम्मान 48 से अधिक लोगों को दिया जा चुका है।
यदि दिशोम गुरु शिबू सोरेन को यह सम्मान दिया जाता है, तो यह न केवल झारखंड के लिए गर्व की बात होगी बल्कि देशभर में आदिवासी समाज के सम्मान को भी नई ऊंचाई देगा।
झारखंड के विकास में शिबू सोरेन की भूमिका
शिबू सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कई योजनाएं चलाईं। उनकी नीतियों ने ग्रामीण विकास को नई दिशा दी।
वे हमेशा किसानों के हित में खड़े रहे और जंगल-जमीन की सुरक्षा के लिए अनेक प्रयास किए।
सांसद महुआ माजी की यह पहल झारखंड की राजनीतिक और सामाजिक दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। यदि यह मांग स्वीकार होती है तो दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न सम्मान मिलना न केवल उनके संघर्ष को मान्यता देगा बल्कि झारखंड के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ देगा।