चाईबासा में मूसलधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, सिद्धेश्वर नाथ मंदिर का शिवलिंग पानी में डूबा

चाईबासा में मूसलधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, सिद्धेश्वर नाथ मंदिर का शिवलिंग पानी में डूबा

चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम), 26 जुलाई 2025: झारखंड के चाईबासा जिले में बीते कुछ दिनों से जारी भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। लगातार हो रही मूसलधार बारिश से नदियां, नाले और तालाब उफान पर हैं। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि जिले के ऐतिहासिक और श्रद्धा का केंद्र माने जाने वाले सिद्धेश्वर नाथ मंदिर का शिवलिंग भी जलमग्न हो गया है। श्रद्धालु इसे प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ भगवान शिव की कृपा का संकेत भी मान रहे हैं।

सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में पहली बार ऐसा दृश्य

सिद्धेश्वर नाथ मंदिर चाईबासा के लोगों की आस्था का एक बड़ा केंद्र है। सावन महीने में यहां हजारों की संख्या में भक्त पूजा-अर्चना के लिए जुटते हैं। परंतु इस बार लगातार हो रही बारिश ने ऐसी स्थिति उत्पन्न कर दी कि मंदिर परिसर में पानी भर गया और मुख्य गर्भगृह में स्थित शिवलिंग पूरी तरह से पानी में डूब गया। लोगों ने बताया कि वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है कि शिवलिंग पूरी तरह से जलमग्न हो गया हो।

बारिश का कहर: सड़कें बनीं दरिया, गांव हुए टापू

चाईबासा शहर ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी बारिश का कहर साफ दिखाई दे रहा है। कई गांव जलमग्न हो गए हैं और सड़कें नदी जैसे बहने लगी हैं। कई स्थानों पर पुल-पुलिया टूटने की खबरें भी सामने आई हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों का मुख्य शहर से संपर्क कट गया है। खासतौर पर बंदगांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर और चक्रधरपुर क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है।

प्रशासन अलर्ट पर, NDRF की टीम को तैयार रहने का निर्देश

जिले के उपायुक्त अनन्या मित्तल ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आपदा प्रबंधन की टीमों को अलर्ट पर रखा है। उन्होंने जलभराव वाले क्षेत्रों में NDRF और स्थानीय प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। वहीं, जिलावासियों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

श्रद्धालुओं की भावनाएं जुड़ीं, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में जलभराव का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि मंदिर का पूरा गर्भगृह जलमग्न है और शिवलिंग को केवल पानी की सतह से पहचाना जा सकता है। इस दृश्य को देखने के लिए स्थानीय लोग मंदिर परिसर के बाहर एकत्र हो रहे हैं। कई भक्त इसे “शिव का जलाभिषेक” मान रहे हैं और पूजा-पाठ कर रहे हैं।

कृषि पर भी असर, धान की फसल को भारी नुकसान

इस अत्यधिक वर्षा का असर किसानों पर भी पड़ा है। खेतों में पानी भरने से धान की फसलें खराब हो रही हैं। कई इलाकों में बोआई के बाद की फसलें पूरी तरह डूब गई हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। कृषि विभाग के अधिकारी स्थिति का आकलन कर रहे हैं।

स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी, ट्रांसपोर्ट प्रभावित

लगातार बारिश के कारण जिले के कई स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। वहीं, लोकल ट्रांसपोर्ट सेवाएं भी बाधित हो गई हैं। कई सड़कों पर पानी भरा होने के कारण वाहन चालकों को जोखिम उठाकर आवागमन करना पड़ रहा है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर कई मार्गों को बंद भी कर दिया है।

भविष्यवाणी और पूर्व चेतावनी की कमी

स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर मौसम विभाग द्वारा पहले ही चेतावनी दी जाती तो नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता था। अचानक आई भारी बारिश ने सभी को असहज और असहाय बना दिया है। अब लोगों को राहत और मौसम के साफ होने का इंतजार ।

चाईबासा में लगातार हो रही बारिश ने जहां आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, वहीं धार्मिक स्थल सिद्धेश्वर नाथ मंदिर का जलमग्न होना लोगों के लिए चिंता और आस्था दोनों का विषय बना हुआ है। प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है, लेकिन हालात सामान्य होने में अभी समय लग सकता है। आने वाले दिनों में बारिश की तीव्रता बनी रही तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

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