मोकामा (बिहार) से एक सनसनीखेज ख़बर सामने आई है। जनसुराज पार्टी के प्रतिष्ठित नेता और पूर्व राजद सहयोगी दुलारचंद यादव को गुरुवार-साहम (30 अक्टूबर 2025) को दिनदहाड़े गोली मार दी गई।
हत्या के तुरंत बाद उनका शव एक वाहन में रखा गया और उस स्थान पर शव रखे जाने का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
घटना का क्रम
मामला पटना जिले के मोकामा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहाँ चुनावी माहौल तेज था।
दुलारचंद यादव अपने समर्थकों के साथ जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी के समर्थन में थे, तभी उनके समर्थक एवं प्रतिद्वंद्वी गुट के बीच हिंसक झड़प हुई।
पुलिस के मुताबिक, गोली लगने के बाद शव वाहन में रखकर ट्रांज़िट किया गया और उस स्थान पर रखा गया जहाँ वीडियो समाया।
शव रखे जाने की जानकारी
हत्यारों द्वारा स्थान चयन के पीछे स्पष्ट कारण अभी सामने नहीं आया है।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि मृतक के समर्थकवर्ग ने उस जगह को अपने लिये प्रतीकात्मक बनाया है जहाँ शव रखा गया, जिससे राजनीतिक संकेत भी मिलते हैं।
पुलिस ने मौके पर फॉरेंसिक टीम बुला ली है तथा वीडियो फुटेज की जांच जारी है।
राजनीतिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य
दुलारचंद यादव लंबे समय से राजनीति और अपराधिक घटनाओं के बीच सक्रिय रहे हैं। उन्हें कभी के शक्तिशाली नेता माना जाता रहा है।
मोकामा क्षेत्र में यदुवर्ग एवं भूमिहार-गुटों का प्रभाव रहा है, और इस हत्या ने चुनावी माहौल में कानून-व्यवस्था पर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
मुख्य प्रतिद्वंद्वी गुट ने इसे पूर्व नियोजित षड्यंत्र करार दिया है, जबकि विपक्ष ने राज्य सरकार एवं प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
रूरल एसपी ने बताया कि विवाद उस समय शुरू हुआ जब दो गुटों के बीच वाहन हमले व लाठी-डंडा का संघर्ष हुआ।
उन्होंने यह संभावना जताई कि प्राथमिक रूप से मृतक पर वाहन चढ़ाने की बात सामने आई है, जिसे गोली के बाद गंभीर चोटें आयीं।
पुलिस ने कहा है कि अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, लेकिन वीडियो और अल्प प्रमाणों के आधार पर जांच शुरू कर दी गयी है।
आगे की चुनौतियाँ
चुनाव से पहले इस तरह की हत्या ने पूरे राज्य में डर का माहौल पैदा कर दिया है।
शव रखने और वीडियो वायरल होने की घटना ने सामाजिक शांति और संवेदनशीलता को चुनौती दी है।
प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि राजनीतिक हिंसा बेकाबू न हो और दोषियों को तुरंत न्याय मिले।
मीडिया एवं सोशल मीडिया में इस तरह की संवेदनशील दृश्य सामग्री के प्रसार पर भी सवाल उठे हैं।
मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या राजनीतिक हिंसा की एक गंभीर घटना के रूप में सामने आई है। शव जहां रखा गया और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने से मामला और जटिल हो गया है। राज्य व केन्द्र सरकार तथा निर्वाचन आयोग के लिए यह बड़ा चेतावनी-संदेश है कि चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था को तवज्जो से संभाला जाना चाहिए।
आगे की जानकारी जैसे कि आरोपियों की गिरफ्तारी, एफआईआर की कॉपी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि आने पर आप को आगे अपडेट देंगे।
