
दुमका के प्रतिष्ठित संथाल परगना महाविद्यालय ने अपने स्थापना दिवस समारोह को धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षकों, छात्रों, पूर्व छात्रों और स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। स्थापना दिवस का आयोजन न केवल महाविद्यालय की उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए किया गया, बल्कि क्षेत्रीय शिक्षा और सामाजिक विकास में इसके योगदान को भी सम्मानित करने के लिए किया गया।
संथाल परगना महाविद्यालय का गौरवशाली इतिहास
संथाल परगना महाविद्यालय, दुमका, झारखंड के शिक्षा जगत का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इसकी स्थापना क्षेत्र के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। पिछले कई दशकों में यह संस्थान न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रतीक बना है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में भी उभरा है।
महाविद्यालय ने समय-समय पर विभिन्न शैक्षणिक सुधारों को अपनाया है और छात्रों के समग्र विकास के लिए अनेक योजनाएं लागू की हैं। इसके छात्र आज विभिन्न क्षेत्रों—शिक्षा, प्रशासन, विज्ञान, साहित्य और राजनीति—में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं।

कार्यक्रम की मुख्य झलकियां
स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई। इसके बाद महाविद्यालय के प्राचार्य ने स्वागत भाषण दिया और महाविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
मुख्य अतिथि रवीन्द्र नाथ महतो ने अपने संबोधन में शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि उच्च शिक्षा संस्थान किसी भी क्षेत्र के विकास की रीढ़ होते हैं। उन्होंने छात्रों को न केवल पढ़ाई में बल्कि समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में भी सक्रिय भूमिका निभाने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ-साथ मेधावी छात्रों और उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों की ओर से प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें छात्रों ने अपने शोध कार्य और प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए।
रवीन्द्र नाथ महतो का संदेश
रवीन्द्र नाथ महतो ने कहा कि संथाल परगना महाविद्यालय ने जिस तरह शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है, वह गर्व का विषय है। उन्होंने राज्य सरकार की शिक्षा को लेकर प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक सुधार और संसाधनों का विस्तार किया जाएगा।
महाविद्यालय की उपलब्धियां और भविष्य की योजनाएं
संथाल परगना महाविद्यालय ने हाल के वर्षों में कई शैक्षणिक और अवसंरचनात्मक उपलब्धियां हासिल की हैं। नए प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों और डिजिटल कक्षाओं की स्थापना के साथ-साथ ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया गया है। महाविद्यालय प्रशासन ने यह भी बताया कि आने वाले समय में शोध कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और छात्रों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के सेमिनारों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
स्थापना दिवस का सामाजिक और शैक्षणिक महत्व
स्थापना दिवस न केवल एक उत्सव है, बल्कि यह छात्रों और शिक्षकों को आत्ममंथन का अवसर भी प्रदान करता है। इस दिन संस्थान की पुरानी उपलब्धियों को याद किया जाता है और भविष्य के लिए नई योजनाओं का खाका तैयार किया जाता है।
दुमका और आसपास के इलाकों के युवाओं के लिए संथाल परगना महाविद्यालय हमेशा से एक प्रमुख शिक्षा केंद्र रहा है। इसकी भूमिका सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

