पूरे पूर्वी भारत में कोयला कारोबार पर लंबे समय से जारी भ्रष्टाचार, अवैध खनन और माफिया नेटवर्क के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। केंद्रीय एजेंसी ने झारखंड और पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में एक साथ तड़के सुबह तीन दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। इस ऑपरेशन में धनबाद—जिसे देश की कोयला राजधानी कहा जाता है—सबसे बड़ा केंद्र रहा, जहां कई माफिया सरगनाओं के अड्डों पर ED के दलों ने दस्तक दी।

इस अचानक हुई कार्रवाई ने पूरे कोयला कारोबार से जुड़े नेटवर्क में हड़कंप मचा दिया है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, जांच एजेंसी को कई ठिकानों से बड़ी मात्रा में नकदी, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं, जिनका सीधा संबंध अवैध खनन और धनशोधन (Money Laundering) से बताया जा रहा है।
कैसे शुरू हुई संयुक्त कार्रवाई?
सूत्रों के मुताबिक, यह छापेमारी एक लंबे समय से चल रही खुफिया जांच और वित्तीय लेन-देन की निगरानी के बाद की गई। ED को कई इनपुट मिले थे कि झारखंड और बंगाल में सक्रिय कुछ बड़े कोयला माफिया फर्जी कंपनियों, कैश रूट और हवाला चैनल के जरिए करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग कर रहे हैं।
इन इनपुट्स के आधार पर ED ने एक मजबूत टीम बनाई और दोनों राज्यों में एक साथ छापेमारी का निर्णय लिया, ताकि किसी भी आरोपी को कार्रवाई की भनक न लगे।
धनबाद: कोयला माफियाओं का बड़ा गढ़
धनबाद, जिसे कोयला उद्योग की रीढ़ माना जाता है, हमेशा से माफिया गतिविधियों और खनन से जुड़े विवादों के कारण सुर्खियों में रहा है।
इस बार ED की टीमों ने धनबाद के—
जोरापोखर
धनसार
सिंधरी
कतरास
बालियापुर
जैसे इलाकों में कई स्थानों पर छापे मारे। इनमें से अधिकांश ठिकाने ऐसे बताए जा रहे हैं जहां से कोयला माफिया नेटवर्क संचालित होता था या जहां से कैश और दस्तावेजों का लेन-देन होता था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार किया कि कार्रवाई की वजह से माफिया नेटवर्क में “भारी खलबली” मच गई है और कई लोग छिपने या पलायन की कोशिश कर रहे हैं।
नकदी, ज्वेलरी और संदिग्ध दस्तावेज बरामद
छापेमारी में ED को निम्नलिखित प्रकार की जब्तियां मिली हैं—
उच्च मात्रा में नकदी (लाखों–करोड़ों के बीच अनुमान)
सोने के आभूषण
लक्ज़री घड़ियाँ और महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
लैपटॉप–मोबाइल से डिलीट डेटा रिकवरी के संकेत
अवैध खनन से जुड़े रजिस्टर, बिल बुक और हिसाब-किताब की डायरी
फर्जी कंपनियों और शेल फर्मों के दस्तावेज
इन बरामदियों के बाद ED मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत विस्तृत पूछताछ और डिजिटल फोरेंसिक जांच करेगी।
कैसे काम करता था कोयला माफियाओं का नेटवर्क?
जांच में सामने आया है कि कोयला माफिया नेटवर्क आम तौर पर तीन स्तरों पर काम करता है—
अवैध खनन – कच्चा माल निकालना
गैर-कानूनी खदानों या बंद पड़ी खदानों से अवैध तरीके से कोयला निकाला जाता था। इसमें स्थानीय गिरोह और असंगठित मजदूरों का इस्तेमाल होता था।
परिवहन और सप्लाई चेन में हेराफेरी
अवैध कोयला अलग-अलग ट्रकों के जरिए ईंट भट्टों, छोटे कारखानों और दूसरे राज्यों में भेजा जाता था। रास्ते में फर्जी परमिट और ट्रांसपोर्ट स्लिप का इस्तेमाल किया जाता था।
मनी लॉन्ड्रिंग – काले धन को सफेद बनाना
कोयले से कमाई गई काली कमाई को
रियल एस्टेट
फर्जी कंपनियां
हवाला नेटवर्क
गोल्ड खरीद
राजनीतिक फंडिंग
के जरिए सफेद किया जाता था।
ED की वर्तमान कार्रवाई का सबसे बड़ा फोकस इसी तीसरे चरण पर है।
पश्चिम बंगाल में भी छापेमारी
बंगाल के आसनसोल, दुर्गापुर, रानीगंज और बीरभूम जिलों में भी ED ने कई स्थानों पर दबिश दी। ये सभी क्षेत्र कोयला कारोबार से जुड़े हैं और लंबे समय से जांच एजेंसियों की निगरानी में थे।
बंगाल में बरामद दस्तावेजों के झारखंड नेटवर्क से कनेक्शन मिलने की संभावना जताई जा रही है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया – ‘पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई’
धनबाद और बंगाल के कई इलाकों में स्थानीय लोगों ने कहा कि हाल के वर्षों में पहली बार इतनी समन्वित और बड़े स्तर की छापेमारी हुई है।
कुछ व्यापारियों ने इसे क्षेत्र में “कोयला भ्रष्टाचार खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम” बताया, जबकि कुछ लोगों ने चिंता जताई कि ऐसी कार्रवाई से असंगठित खनन क्षेत्रों में रोजगार पर असर हो सकता है।
क्या होंगे आगे के कदम?
ED अब जब्त की गई डिजिटल डिवाइस, अकाउंट बुक्स और बैंक ट्रांजेक्शनों की जांच करेगी। कई माफिया सरगनाओं को समन भेजे जा सकते हैं। कुछ को गिरफ्तार भी किया जा सकता है, यदि धनशोधन के स्पष्ट सबूत मिलते हैं।
इस मामले में आयकर विभाग, CBI और स्थानीय पुलिस भी अपने-अपने स्तर से सहयोग करेगी।
पूरे मामले का व्यापक महत्व
यह कार्रवाई सिर्फ कोयला माफियाओं के खिलाफ नहीं, बल्कि—
अवैध खनन
भ्रष्टाचार
राजनीतिक संरक्षण
और वित्तीय अपराध
के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का हिस्सा मानी जा रही है।
जांच एजेंसी का दावा है कि आने वाले हफ्तों में और खुलासे हो सकते हैं।
