केवडिया (गुजरात): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर एक भव्य परेड का आयोजन किया गया, जिसमें तीनों सेनाओं, पुलिस बलों और एनसीसी कैडेट्स ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान देशवासियों से एकता, अखंडता और भाईचारे की भावना को बनाए रखने का आह्वान किया।
2014 से हर वर्ष मनाया जाता है राष्ट्रीय एकता दिवस
प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर वर्ष 2014 से हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस (Rashtriya Ekta Diwas) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य भारत की एकता, अखंडता और समरसता के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने स्वतंत्र भारत के निर्माण में 562 रियासतों को एकजुट कर भारत को एक राष्ट्र के रूप में स्थापित किया था।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज का दिन हमें याद दिलाता है कि अगर सरदार पटेल न होते, तो भारत की यह एकता संभव नहीं होती। देश का हर नागरिक उनके आदर्शों को आत्मसात करे — यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर भव्य आयोजन
गुजरात के नर्मदा जिले में स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है (182 मीटर), पर आज का माहौल बेहद भावुक और गौरवपूर्ण रहा। यहां तड़के से ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय गान से हुई, जिसके बाद राष्ट्रीय एकता परेड का आयोजन किया गया। इस परेड में सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी, और एनसीसी की टुकड़ियों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने परेड की सलामी ली और देशभर के युवाओं को ‘रन फॉर यूनिटी’ में शामिल होने का संदेश दिया।
प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की शक्ति उसकी विविधता में है। उन्होंने कहा,
“जब 140 करोड़ देशवासी एक लक्ष्य के साथ आगे बढ़ते हैं, तो कोई शक्ति हमें रोक नहीं सकती। सरदार पटेल ने जो सपना देखा था — अखंड भारत का — उसे हमें और मजबूत करना है।”
उन्होंने यह भी कहा कि आज जब दुनिया अनेक संकटों से जूझ रही है, तब भारत को अपनी एकता और समरसता से मिसाल कायम करनी चाहिए। पीएम मोदी ने युवाओं से अपील की कि वे सरदार पटेल के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।
रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम में युवाओं की भागीदारी
देशभर में आज ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया गया, जिसमें लाखों युवाओं ने हिस्सा लिया। दिल्ली, मुंबई, भोपाल, लखनऊ, पटना और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में स्कूली बच्चों, एनसीसी कैडेट्स और आम नागरिकों ने सरदार पटेल के सम्मान में दौड़ लगाई।
गुजरात के केवडिया में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रियों, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और देशभर से आए गणमान्य लोगों ने भाग लिया।
सरदार पटेल का भारत निर्माण में योगदान
सरदार वल्लभभाई पटेल को “भारत का लौह पुरुष” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने रियासतों को एकत्र कर एक अखंड भारत की नींव रखी थी। आजादी के बाद जब देश के कई हिस्से अलग-अलग राज्यों के रूप में स्वतंत्र रहना चाहते थे, तब सरदार पटेल ने अपने कूटनीतिक कौशल और दृढ़ संकल्प से उन्हें भारत में विलय कराया।
उनकी यह कोशिशें ही भारत की आज की भौगोलिक और राजनीतिक एकता की आधारशिला बनीं।
देशभर में कार्यक्रम और सांस्कृतिक आयोजन
राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर आज देशभर के स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में एकता प्रतिज्ञा दिलाई गई। दिल्ली में गृह मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “सरदार पटेल का विजन आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना स्वतंत्रता के समय था।”
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भारत की विविध परंपराओं और लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया गया, जिससे “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का संदेश दिया गया।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का बढ़ता महत्व
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी आज भारत का गौरव बन चुका है। यह न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, बल्कि राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी है। हर साल लाखों लोग यहां सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देने और उनके आदर्शों को समझने आते हैं।
सरकार ने इस अवसर पर घोषणा की कि आने वाले वर्षों में यहां एकता गैलरी और सरदार पटेल म्यूज़ियम का और विस्तार किया जाएगा, ताकि युवा पीढ़ी उनके जीवन और कार्यों से और अधिक जुड़ सके।
राष्ट्रीय एकता दिवस केवल एक समारोह नहीं, बल्कि यह एक संकल्प है — देश को एकजुट, सशक्त और समरस बनाने का। सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर पूरा देश उनके अदम्य साहस और नेतृत्व को नमन कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में, “भारत की एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है, और हमें इसे हर हाल में बनाए रखना है।”
