
राज्यसभा में 4 नई हस्तियों की एंट्री: राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 80 के तहत किया मनोनयन, देश की विविधता को मिला प्रतिनिधित्व।
राज्यसभा में इस बार चार नई प्रतिष्ठित हस्तियों की एंट्री हुई है, जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 80 के तहत नामांकित किया गया है। इन नामांकनों के साथ भारत की विविधता, संस्कृति, खेल, शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्रों को उच्च सदन में एक नई आवाज मिली है।
राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत किया नामांकन
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 80(1)(a) राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वह विभिन्न क्षेत्रों—जैसे साहित्य, विज्ञान, कला और सामाजिक सेवा—में विशेष उपलब्धियां हासिल करने वाले लोगों को राज्यसभा के लिए मनोनीत कर सकते हैं। इसी के तहत देश की चार जानी-मानी हस्तियों को राज्यसभा की सदस्यता दी गई है।
कौन हैं ये चार नई हस्तियां?
हालांकि अधिकारिक सूची में सभी नामों का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों के अनुसार जिन चार लोगों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है, वे विभिन्न क्षेत्रों से आते हैं—जिनमें शिक्षा, कला, समाजसेवा और खेल शामिल हैं।
इन नामों से यह संदेश दिया गया है कि उच्च सदन में केवल राजनीति नहीं, बल्कि रचनात्मकता, सामाजिक समर्पण और राष्ट्रीय योगदान को भी समान रूप से महत्व दिया जाएगा।
सामाजिक और राजनीतिक हलकों में सराहना
इन नामांकनों को लेकर सामाजिक और राजनीतिक गलियारों में सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्यसभा की कार्यशैली और विमर्श का स्तर और भी समृद्ध होगा।
विपक्षी दलों की ओर से भी इस पर कोई विरोध नहीं जताया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इन नामांकनों को गौरव और निष्पक्षता का प्रतीक माना जा रहा है।
अनुच्छेद 80 का महत्व
अनुच्छेद 80 राज्यसभा की संरचना में 12 सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा नामांकित करने का प्रावधान देता है। यह प्रावधान इसलिए रखा गया है ताकि संसद में राजनीति से इतर विशेषज्ञता और अनुभव भी शामिल हो सके।
इन मनोनीत सदस्यों को राजनीतिक दलों की बाध्यता नहीं होती, जिससे वे स्वतंत्र रूप से संसद में अपनी राय रख सकते हैं।
राज्यसभा में इन चार नई हस्तियों की नियुक्ति ने यह दिखा दिया कि भारत की संसद सिर्फ राजनीतिक चर्चाओं का मंच नहीं, बल्कि देश की विविध प्रतिभाओं का प्रतिनिधित्व भी है।
इन नामांकनों से न केवल उच्च सदन का स्तर बढ़ेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश भी मिलेगा कि कड़ी मेहनत, प्रतिभा और समाजसेवा से देश की सबसे ऊंची विधायी संस्थाओं तक पहुंचा जा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह समाचार राष्ट्रपति सचिवालय और संसद से प्राप्त जानकारी एवं मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। जैसे ही नामों की आधिकारिक पुष्टि होती है, खबर को अपडेट किया जाएगा।