
नई दिल्ली। भारत के चुनावी इतिहास में अब एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत अब सभी उम्मीदवारों की रंगीन फोटो (Coloured Photo) बैलेट यूनिट में दिखाई जाएगी। इस नियम को सबसे पहले आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से लागू किया जाएगा।
क्यों ज़रूरी थी उम्मीदवार की रंगीन फोटो?
पिछले कई चुनावों में यह देखा गया कि एक जैसे नाम या प्रतीक वाले उम्मीदवारों को लेकर मतदाताओं में भ्रम की स्थिति बन जाती थी। आयोग का मानना है कि उम्मीदवार की पहचान को और स्पष्ट करने के लिए केवल नाम और चुनाव चिन्ह ही काफी नहीं है। इसलिए अब मतदाता को उम्मीदवार का नाम, चुनाव चिन्ह और साथ ही रंगीन फोटो एक साथ दिखाई देगा।
इससे ग्रामीण इलाकों, अशिक्षित मतदाताओं और बुजुर्गों को वोट डालने में आसानी होगी।
चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन
1. EVM बैलेट यूनिट पर हर प्रत्याशी की हाल ही की रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो होगी।
2. उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करते समय हाई-रेज़ोल्यूशन कलर्ड फोटो देना अनिवार्य होगा।
3. फोटो ब्लैक एंड व्हाइट की बजाय केवल रंगीन होगी।
4. फोटो का आकार और गुणवत्ता आयोग के निर्धारित फॉर्मेट में ही स्वीकार होगी।
5. हर पार्टी और प्रत्याशी को यह सुनिश्चित करना होगा कि फोटो स्पष्ट और असली हो, ताकि किसी तरह का भ्रम न फैले।
बिहार चुनाव बनेगा पहली प्रयोगशाला
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि यह बदलाव सबसे पहले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से लागू होगा। बिहार को इसलिए चुना गया क्योंकि यहां चुनावी मुकाबले ज्यादा कड़े और बहु-उम्मीदवार वाले होते हैं। इससे नई व्यवस्था की सफलता का आकलन भी बेहतर तरीके से किया जा सकेगा।
आयोग के मुताबिक, अगर यह व्यवस्था सफल रहती है तो इसे अगले साल होने वाले अन्य विधानसभा चुनावों और फिर लोकसभा चुनाव में भी लागू किया जाएगा।
मतदाताओं को क्या होगा फायदा?
अब मतदाता को भ्रम की स्थिति से मुक्ति मिलेगी।
रंगीन फोटो देखकर पहचान करना आसान होगा।
अशिक्षित मतदाताओं को चुनाव चिन्ह के साथ चेहरा भी पहचानने का सहारा मिलेगा।
फर्जी प्रत्याशी या मिलते-जुलते नाम वाले उम्मीदवारों की चालबाजी रोकी जा सकेगी।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
नई गाइडलाइन पर ज्यादातर राजनीतिक दलों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
सत्ताधारी दल ने कहा कि इससे चुनाव प्रक्रिया और पारदर्शी होगी।
विपक्षी दलों ने भी स्वागत किया लेकिन साथ ही यह मांग की कि EVM से जुड़ी तकनीकी सुरक्षा पर भी और कदम उठाए जाएं।
कुछ स्वतंत्र उम्मीदवारों ने चिंता जताई कि फोटो की तकनीकी मांग पूरी करना ग्रामीण क्षेत्रों में कठिन हो सकता है। लेकिन आयोग ने साफ कहा है कि नामांकन के साथ ही सभी तकनीकी मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
तकनीकी तैयारी
ECI ने बताया है कि EVM के सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर में बदलाव कर दिया गया है। बैलेट यूनिट में फोटो डिस्प्ले के लिए नया स्लॉट तैयार किया गया है। यह परिवर्तन भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) की मदद से किया गया है।
भविष्य में और क्या बदलाव?
आयोग ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में मतदाता को VVPAT पर्ची पर भी उम्मीदवार की फोटो दिखाई जा सकती है। हालांकि, इसके लिए तकनीकी अध्ययन और कानूनी अनुमति की ज़रूरत होगी।
चुनाव सुधार की दिशा में बड़ा कदम
भारत में चुनाव सुधारों पर लंबे समय से चर्चा होती रही है। वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) को पहले ही लागू किया जा चुका है। अब उम्मीदवार की रंगीन फोटो का समावेश चुनावी प्रक्रिया को और सुगम, पारदर्शी और विश्वसनीय बनाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भविष्य में फर्जीवाड़े और चुनावी विवादों को काफी हद तक कम करेगा।
नतीजा
आयोग का यह निर्णय न केवल तकनीकी रूप से चुनाव प्रणाली को मज़बूत करेगा, बल्कि मतदाताओं के विश्वास को भी बढ़ाएगा। बिहार चुनाव के नतीजे इस प्रयोग की सफलता तय करेंगे। यदि यह पूरी तरह सफल रहा तो आने वाले लोकसभा चुनाव में यह बदलाव भारतीय लोकतंत्र का नया चेहरा होगा।