सपा से निष्कासित विधायक पूजा पाल की CM योगी से मुलाकात: विकास कार्य की अपील या राजनीतिक संकेत?

सपा से निष्कासित विधायक पूजा पाल की CM योगी से मुलाकात: विकास कार्य की अपील या राजनीतिक संकेत?

कौशांबी की चायल सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) से हाल ही में निष्कासित विधायक पूजा पाल ने 17 अगस्त 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी सरकारी आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि विकास कार्यों के एजेंडे और निजी जीवन की चर्चाओं को भी नए आयाम दिए हैं। अब खुद विधायक ने मुलाकात के पीछे की वास्तविक वजह बताई है।

14 अगस्त 2025 को पूजा पाल को सपा से पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोप के चलते निष्कासित कर दिया गया था। इस कार्रवाई के पीछे उनकी विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘जीरो-टॉलरेंस’ नीति की खुले में तारीफ़ करना प्रमुख कारण था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उसी दिन भाजपा में झुकाव होने का नाम कर उनका निष्कासन सुनिश्चित कराया।

विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान पूजा पाल ने कहा कि योगी सरकार ने मेरे पति, पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या के दोषियों को सजा दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाई।

मुलाकात की वजह – विधायक का बयान:

पूजा पाल ने स्पष्ट किया कि यह मुलाकात किसी राजनीतिक गठजोड़ या पार्टी-भर्ती की तैयारी नहीं थी, बल्कि क्षेत्र में लंबित विकास परियोजनाओं को मुख्यमंत्री के माध्यम से आगे बढ़ाने के सिलसिले में हुई। उन्होंने कहा कि **“विकास कार्य केवल मुख्यमंत्री के माध्यम से ही हो सकते हैं और उन्हें लिखित रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं. मुलाकात उसी प्रक्रिया का एक हिस्सा था।”**

साथ ही उन्होंने विरोधियों द्वारा उनके दिवंगत पति को लेकर की जा रही झूठी छंटनी पर ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि **“जो लोग दावा करते हैं कि वे अतीक अहमद की ओर काम करते थे, जबकि अतीक के खिलाफ 300-400 मामले थे—राजू पाल ने हमेशा उनका मुकाबला किया।”**

राजनीतिक हलकों में चर्चाएँ:

इस मुलाकात ने उठ रहे राजनीतिक संकेतों को हवा दे दी है। विश्लेषकों का मानना है कि यह सिर्फ शिष्टाचार भेंट नहीं, बल्कि आगामी राजनीतिक समीकरणों की तैयारी का पहला कदम हो सकता है।

भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं, खासकर विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए।

भाजपा नेता बृजभूषण सिंह ने इस सब पर कहा कि **“अब पूजा पाल स्वतंत्र हैं और वह किसी भी पार्टी में शामिल हो सकती हैं.”**

मुलाकात के बाद पूजा पाल ने निजी जीवन को लेकर उड़ रही अफवाहों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि महिलाएं अक्सर निजी संघर्षों का सामना करती हैं, और उन पर बने आरोप उनकी छवि धूमिल करने की चेष्टा मात्र हैं।

उनके निजी जीवन पर राजनीति करने वालों पर उन्होंने कड़ी टिप्पणी भी की।

विधायक पूजा पाल की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कहना हो सकता है सिर्फ “विकास कार्य सुनिश्चित करने” की राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा, लेकिन सियासी विश्लेषकों और विपक्षी दलों के लिए यह कदम नए अध्याय की शुरुआत का संकेत भी है। चाहे वह भाजपा की संभावित राह हो, या एक नए राजनीतिक मोर्चे की तैयारी—इस मुलाकात ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल दर्ज करवा दी है।

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