
पूर्व पार्षद असलम ने ‘कुरकुरे’ हत्याकांड में खुद को बताया बेगुनाह, पुलिस पर जबरन फंसाने का आरोप।
रांची। चर्चित ‘कुरकुरे’ हत्याकांड में गिरफ्तार पूर्व पार्षद असलम ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें झूठे केस में फंसाया जा रहा है। जेल से बाहर आने के बाद मीडिया से बातचीत में असलम ने कहा, “मेरा इस हत्या से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस जबरन मुझे मामले में घसीट रही है।” उन्होंने दावा किया कि पूरे प्रकरण के पीछे राजनीतिक रंजिश है और सच सामने आने पर उनकी बेगुनाही साबित हो जाएगी।
हत्या का मामला और अब तक की कार्रवाई
यह मामला शहर के बहुचर्चित अपराधी कुरकुरे की हत्या से जुड़ा है, जिसकी लाश कुछ महीने पहले संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद हुई थी। पुलिस जांच में सामने आया कि कुरकुरे को आपसी दुश्मनी के चलते गोलियों से भून दिया गया था। प्रारंभिक पूछताछ में कुछ आरोपियों ने असलम का नाम लिया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था। हालांकि, अदालत से बेल मिलने के बाद जैसे ही असलम जेल से बाहर आए, पुलिस ने उन्हें फिर से पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।
असलम का बयान
मीडिया से बातचीत में असलम ने कहा, “मेरा अपराध की दुनिया से कोई संबंध नहीं है। मैं वर्षों तक पार्षद रहा हूं और समाज सेवा में लगा हूं। कुरकुरे के साथ मेरा कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं था। कुछ लोगों ने साजिश के तहत मेरा नाम लिया है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस राजनीतिक दबाव में काम कर रही है और उन्हें बिना पुख्ता सबूत के फंसा रही है।
पुलिस का पक्ष
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में कई पहलुओं पर जांच जारी है। असलम की गिरफ्तारी और पूछताछ सबूतों के आधार पर की जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक, मामले में कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष साक्ष्य असलम की भूमिका की ओर इशारा कर रहे हैं, जिनकी पुष्टि के लिए पुलिस रिमांड जरूरी है। “हमारे पास कुछ गवाहों के बयान हैं और तकनीकी साक्ष्य भी मिले हैं, जिनसे असलम की संलिप्तता की संभावना मजबूत हुई है,” पुलिस सूत्रों ने बताया।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और विवाद
असलम का नाम पहले भी कई विवादों में आया है। पार्षद रहते हुए उन पर कई बार जमीन विवाद, रंगदारी और धमकी जैसे आरोप लग चुके हैं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में वे बरी हो चुके हैं या मामला अदालत में लंबित है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार मामला गंभीर है क्योंकि इसमें एक बड़े अपराधी की हत्या और शहर के आपराधिक गिरोहों के बीच गैंगवार की कड़ी जुड़ी है।
‘कुरकुरे’ कौन था?
कुरकुरे शहर का एक कुख्यात चेहरा था, जो कई आपराधिक मामलों में वांछित था। उस पर रंगदारी, मारपीट, अवैध हथियार रखने और हत्या जैसे मामलों में कई एफआईआर दर्ज थीं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में उसने प्रतिद्वंदी गिरोहों के खिलाफ कई हमले किए थे। इसी वजह से उसकी हत्या को गैंगवार का नतीजा माना जा रहा है।
परिवार की प्रतिक्रिया
असलम के परिवार ने भी पुलिस कार्रवाई को गलत बताया है। उनके भाई ने कहा, “असलम को केवल इसलिए फंसाया जा रहा है क्योंकि वह इलाके में राजनीतिक रूप से मजबूत है। पुलिस को पहले असली अपराधियों को पकड़ना चाहिए।” वहीं, कुरकुरे के परिजनों ने पुलिस से मांग की है कि असल दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए।
जांच की अगली दिशा
पुलिस ने इस मामले में पहले ही 4 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से दो ने बयान में असलम का नाम लिया है। जांच टीम अब असलम के मोबाइल रिकॉर्ड, लोकेशन ट्रैकिंग और अन्य तकनीकी सबूत खंगाल रही है। साथ ही, हत्या में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी भी पुलिस के लिए अहम चुनौती बनी हुई है।
कुरकुरे हत्याकांड में पूर्व पार्षद असलम की गिरफ्तारी ने न केवल शहर की राजनीति में हलचल मचा दी है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या सचमुच यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है या फिर असलम का आपराधिक गिरोहों से पुराना रिश्ता रहा है। पुलिस और असलम, दोनों अपने-अपने दावे कर रहे हैं, लेकिन अंतिम सच तभी सामने आएगा जब जांच पूरी होगी और अदालत अपना फैसला सुनाएगी।