
भारत में नौकरी के नाम पर नेपाली नागरिकों से धोखाधड़ी का खुलासा: नेपाल सरकार ने जारी की चेतावनी, भारतीय एजेंसियों ने रेस्क्यू में निभाई अहम भूमिका।
भारत में नेपाली नागरिकों के साथ हो रही मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी की घटनाओं को देखते हुए नेपाल सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में भारत में मिलने वाले नौकरी के ऑफर्स को लेकर सावधानी बरतने की अपील की गई है। हाल ही में भारत के विभिन्न राज्यों से नेपाली नागरिकों को बंधुआ मजदूरी और अमानवीय हालात से रेस्क्यू किया गया है, जिससे मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से लिया जा रहा है।
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार से रेस्क्यू, कई नाबालिग भी शामिल
नेपाल सरकार की इस पहल के पीछे हाल ही में सामने आई एक बड़ी घटना है, जिसमें भारत के उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार से 60 नेपाली नागरिकों को मुक्त कराया गया। इनमें 12 नाबालिग भी शामिल थे। इन्हें नौकरी का झांसा देकर भारत लाया गया था और फिर जबरन मजदूरी करवाई जा रही थी।
‘भारतीय एजेंसियों से मिला पूरा सहयोग’: नेपाल एम्बैसडर
भारत में नेपाल के राजदूत शंकर पी. शर्मा ने इस पूरे घटनाक्रम पर बयान देते हुए कहा,
> “काठमांडू ने नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें उन्हें भारत से मिल रहे नौकरी के ऑफर्स को लेकर सचेत रहने के लिए कहा गया है। नेपाली नागरिकों को रेस्क्यू करने के लिए भारतीय एजेंसियों ने हमारा पूरा सहयोग किया है।”
उन्होंने यह भी बताया कि अभी भी हजारों नेपाली नागरिक भारत में फंसे हो सकते हैं और उन्हें बचाने के लिए प्रयास जारी हैं। अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के सहयोग से शेष लोगों को भी जल्द रेस्क्यू करने की योजना पर काम हो रहा है।
उत्तराखंड पुलिस ने निभाई अहम भूमिका
इस रेस्क्यू अभियान में उत्तराखंड पुलिस की भूमिका सबसे अहम रही। उत्तराखंड के होम सेक्रेटरी शैलेश बगौली ने कहा,
> “ऐसे मामलों में नेपाल जैसे पड़ोसी देशों के साथ उत्तराखंड सरकार हमेशा खड़ी रही है और आगे भी खड़ी रहेगी।”
उनके बयान से साफ है कि उत्तराखंड सरकार और सुरक्षा एजेंसियां ऐसे मामलों को गंभीरता से ले रही हैं और नेपाल सरकार के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं।
नेपाल सरकार की चेतावनी और अपील
नेपाल सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी रोजगार प्रस्ताव को स्वीकार करने से पहले उसकी पूरी जानकारी लें। बिना वैध दस्तावेज और प्रामाणिक एजेंसियों के माध्यम से विदेश में काम पर न जाएं। साथ ही, यदि किसी नागरिक को भारत में किसी भी प्रकार का संदेहास्पद प्रस्ताव मिले तो वह तुरंत नेपाल दूतावास या विदेश मंत्रालय से संपर्क करे।
भारत और नेपाल के बीच ऐतिहासिक मित्रता और आपसी सहयोग के चलते यह रेस्क्यू अभियान सफल हुआ है। लेकिन यह घटना एक गंभीर चेतावनी भी है कि गरीबी और रोजगार की तलाश में निकले मासूम लोगों को किस तरह अपराधी गिरोह अपना शिकार बना रहे हैं। अब ज़रूरत है दोनों देशों के बीच और मजबूत समन्वय की ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और हर नागरिक को सुरक्षित जीवन की गारंटी मिल सके।