
गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहा जाता है। मान्यता है कि घर में बप्पा की स्थापना करने से परिवार में सुख-समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। हर साल लाखों भक्त अपने घरों में गणेश जी की प्रतिमा लाते हैं और पूरे उत्साह के साथ उनका पूजन करते हैं। लेकिन अगर आप पहली बार अपने घर में गणपति स्थापना करने जा रहे हैं तो कुछ महत्वपूर्ण नियमों और परंपराओं का पालन करना बेहद जरूरी है।
क्यों है खास गणेश चतुर्थी 2025
इस साल की गणेश चतुर्थी खास संयोग लेकर आ रही है। माना जाता है कि इस बार ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति ऐसी है कि गणपति की पूजा और स्थापना करने से घर में शुभता और समृद्धि का वास होगा। 10 दिनों तक गणपति की पूजा करने से न सिर्फ विघ्न दूर होते हैं, बल्कि जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है।
गणेश जी की स्थापना में ध्यान देने योग्य बातें
1. शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें
गणेश जी की स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुभ समय में की गई स्थापना से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।
2. गणपति की दिशा और स्थान
गणेश जी की मूर्ति हमेशा घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या पूर्व दिशा में स्थापित करनी चाहिए। यह दिशा अत्यंत शुभ मानी जाती है। मूर्ति को सीधे जमीन पर न रखें, बल्कि लकड़ी की चौकी या पाट पर लाल या पीले कपड़े बिछाकर स्थापित करें।
3. प्रतिमा का आकार और स्वरूप
गणपति की मूर्ति का आकार घर की जगह और सुविधा के अनुसार ही चुनें। पहली बार स्थापना करने वालों को छोटी और सुंदर प्रतिमा लेना बेहतर माना जाता है।
4. स्थापना से पहले घर की शुद्धि
गणेश चतुर्थी से पहले घर की साफ-सफाई करना बहुत जरूरी है। पूजा स्थल को विशेष रूप से स्वच्छ और पवित्र बनाएं।
5. स्थापना के बाद नित्य पूजन
गणेश जी की स्थापना के बाद रोजाना उनकी पूजा, आरती और नैवेद्य अर्पित करें। मोदक, लड्डू और दूर्वा (घास) गणपति को विशेष प्रिय हैं।
6. व्रत और नियमों का पालन
गणेश चतुर्थी के दौरान घर के सदस्यों को सात्विकता और शुद्धता का पालन करना चाहिए। नकारात्मक विचारों और क्रोध से बचें।
7. विसर्जन की विधि
गणेश जी की पूजा 10 दिनों तक की जाती है और उसके बाद विसर्जन किया जाता है। विसर्जन करते समय भगवान से क्षमा प्रार्थना करें और अगले वर्ष पुनः आने का निवेदन करें।
पहली बार स्थापना करने वालों के लिए खास टिप्स
घर के छोटे बच्चे और बुजुर्ग भी पूजन में शामिल हों, इससे पारिवारिक एकता बढ़ती है।
पूजा स्थल पर अधिक भीड़ या शोरगुल न करें, शांत वातावरण रखें।
अगर पूरे विधि-विधान की जानकारी न हो तो किसी पंडित से मार्गदर्शन अवश्य लें।
गणेश चतुर्थी का यह पर्व न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह परिवार और समाज में एकता, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी है।