
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है, जो हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा-अर्चना करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि गणेश चतुर्थी की पूजा विशेष नियमों के साथ की जाए तो इसका फल कई गुना अधिक मिलता है।
क्यों जरूरी है गणेश पूजा में वास्तु का पालन?
वास्तु शास्त्र जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने और नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए जाना जाता है। गणेश चतुर्थी पर यदि पूजा के दौरान सही दिशा, स्थान और नियमों का पालन किया जाए तो भगवान गणेश की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और जीवन की रुकावटें समाप्त हो जाती हैं।
गणेश चतुर्थी पूजा में वास्तु के प्रमुख नियम
1. मूर्ति की स्थापना की दिशा
गणेश जी की मूर्ति या प्रतिमा हमेशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या पूर्व दिशा में स्थापित करनी चाहिए। यह स्थान घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश कराता है।
2. मूर्ति का चयन
गणेश जी की मूर्ति बैठी हुई मुद्रा में हो तो शुभ मानी जाती है। दाईं ओर मुड़ी हुई सूंड वाली मूर्ति परिवारिक सुख और समृद्धि बढ़ाती है।
3. पूजा स्थल की स्वच्छता
पूजा का स्थान हमेशा साफ-सुथरा और पवित्र होना चाहिए। जहां गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें, वहां किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं होनी चाहिए।
4. दीपक और धूपदान की व्यवस्था
दीपक हमेशा गणेश जी के दाईं ओर और धूपदान बाईं ओर रखना शुभ माना जाता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
5. कलश स्थापना
गणेश चतुर्थी की पूजा में कलश स्थापना करना भी शुभ होता है। कलश को पूजा स्थल के पास उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।
6. नैवेद्य और प्रसाद
गणेश जी को मोदक, लड्डू और दूर्वा चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है। यह वास्तु अनुसार भी धन और समृद्धि बढ़ाने वाला होता है
जीवन में मिलने वाले लाभ
घर में सुख-शांति और सौहार्द का वातावरण बनता है।
आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं और धन लाभ के अवसर बढ़ते हैं।
पारिवारिक रिश्तों में मजबूती आती है।
करियर और व्यवसाय में आने वाली अड़चनें समाप्त होती हैं।
स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी कम होती हैं।
गणेश चतुर्थी का पर्व सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि वास्तु शास्त्र के नियमों के कारण भी बेहद महत्वपूर्ण है। यदि आप गणेश पूजा के समय इन वास्तु नियमों का पालन करते हैं, तो बप्पा की कृपा आपके घर-परिवार पर बनी रहती है और जीवन की हर विघ्न-बाधा दूर हो जाती है।