
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। एक सरकारी स्कूल के शिक्षक की उसके ही घर में हत्या कर दी गई, और घर में मौजूद पत्नी और बच्चों को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब सुबह भतीजा घर आया तो उसने खाट पर लहूलुहान शव देखा। बच्चों का कमरा बाहर से बंद था। मामला हत्या की गुत्थी में उलझ गया है और पुलिस कई एंगल से जांच में जुट गई है।
छिंदवाड़ा जिले के चौरई तहसील अंतर्गत ग्राम बटियाघाट में रहने वाले 48 वर्षीय शिक्षक नंदकिशोर पन्द्रे की हत्या उनके ही घर में कर दी गई। वह सरकारी प्राथमिक स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। हर रोज की तरह वह रात को परिवार के साथ घर में ही सोए थे, लेकिन अगली सुबह जो नजारा सामने आया, वह पूरे गांव को झकझोर गया।
सुबह उनका भतीजा घर आया और जैसे ही उसने कमरे में झांका, खून से लथपथ नंदकिशोर की लाश खाट पर पड़ी थी। उनके सिर पर गंभीर चोट के निशान थे और शरीर से काफी खून बह चुका था। कमरे की हालत भी अस्त-व्यस्त पाई गई। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि घर के भीतर ही उनकी पत्नी और बच्चे सो रहे थे, लेकिन उन्हें रातभर कुछ भी पता नहीं चला। यहां तक कि जिस कमरे में बच्चे सो रहे थे, वह बाहर से बंद था।
घर के भीतर की रहस्यमयी स्थिति:
पुलिस जब मौके पर पहुंची तो घर के भीतर की स्थिति बेहद रहस्यमयी लगी। नंदकिशोर के कमरे के पास किसी तरह की तोड़फोड़ या घुसपैठ के निशान नहीं थे। यह देखकर आशंका जताई जा रही है कि हत्यारा घर का ही कोई जानकार हो सकता है, जिसे अंदर आने में कोई परेशानी नहीं हुई।
बच्चों का कमरा बाहर से बंद था, जिससे पुलिस यह मान रही है कि हत्यारा चाहता था कि किसी को बाहर आकर कुछ दिखाई न दे। पत्नी और बच्चों से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें रातभर किसी तरह की कोई आवाज नहीं आई, और वे गहरी नींद में थे।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:
गांव में इस घटना के बाद सनसनी फैल गई है। ग्रामीणों का कहना है कि नंदकिशोर एक बेहद शांत स्वभाव के व्यक्ति थे और उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। वह अपने काम से काम रखने वाले और समाज में प्रतिष्ठित माने जाने वाले व्यक्ति थे।
गांव के सरपंच और पड़ोसी भी इस बात को लेकर हैरान हैं कि घर में ही हत्या हो गई और किसी को कुछ पता नहीं चला। ग्रामीणों की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष और गहराई से जांच की जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
पुलिस की कार्रवाई और शुरुआती जांच:
मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने तुरंत शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और एफएसएल टीम को बुलाकर घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए। हत्या की इस वारदात में हत्या का हथियार अभी तक बरामद नहीं हो पाया है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाल रही है।
छिंदवाड़ा एसपी का कहना है कि हत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। पारिवारिक विवाद, संपत्ति का झगड़ा, आपसी रंजिश समेत सभी पहलुओं पर जांच हो रही है। पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में भी लिया है, जिनसे पूछताछ जारी है।
पारिवारिक एंगल पर भी शक:
पुलिस की जांच का फोकस फिलहाल घर के भीतर मौजूद लोगों पर भी है, क्योंकि जिस तरह से हत्या की गई और बाकी लोगों को भनक तक नहीं लगी, वह सामान्य घटना नहीं मानी जा रही। इस कारण कई सवाल खड़े हो रहे हैं –
क्या यह सुनियोजित साजिश थी?
क्या हत्यारा घर का जानकार था?
क्या परिवार के किसी सदस्य की भूमिका पर संदेह किया जा सकता है?
इन सवालों का जवाब पुलिस जांच के बाद ही सामने आएगा, लेकिन फिलहाल इस हत्या की गुत्थी गहराती जा रही है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलेंगे राज:
शव को जिला अस्पताल भेजा गया है, जहां पोस्टमार्टम किया जा रहा है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, नंदकिशोर के सिर पर किसी भारी वस्तु से हमला किया गया है, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हत्या के समय और हथियार के बारे में और अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है, जिससे जांच की दिशा तय हो सके।
अंतिम संस्कार में उमड़ा गांव:
नंदकिशोर का शव पोस्टमार्टम के बाद जब गांव पहुंचा तो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। परिजन बेसुध हैं और गांव का माहौल गमगीन है। नंदकिशोर का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया गया। प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में सारे क्रियाकर्म संपन्न किए गए।
सरकारी शिक्षक नंदकिशोर पन्द्रे की हत्या ने ना सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस हत्याकांड से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिलेंगे और अपराधी कानून के शिकंजे में होगा। यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि क्या अब घर भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं?