गाजियाबाद।राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। बढ़ते ट्रैफिक दबाव और रोज़ाना लगने वाले घंटों के जाम से छुटकारा दिलाने के उद्देश्य से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) शहर में तीन नए फ्लाईओवर बनाने जा रहा है। यह फ्लाईओवर न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करेंगे बल्कि प्रदूषण को भी नियंत्रित करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।

गाजियाबाद पिछले कुछ वर्षों में NCR का अहम ट्रांज़िट हब बनकर उभरा है। दिल्ली, नोएडा, मेरठ, मोदीनगर और हापुड़ जैसे शहरों से इसकी तेज़ी से बढ़ती कनेक्टिविटी के कारण यहां रोज लाखों लोग आवाजाही करते हैं। वहीं ट्रैफिक में लगातार बढ़ोतरी के चलते कई प्रमुख सड़कों पर जाम स्थाई समस्या बन चुकी है। ऐसे में जीडीए का यह प्रोजेक्ट शहरवासियों के लिए एक बड़ी सौगात साबित हो सकता है।
कहां-कहां बनेंगे फ्लाईओवर?
जीडीए अधिकारियों के अनुसार, प्रस्तावित तीनों फ्लाईओवर शहर के उन बेहद व्यस्त मार्गों पर बनाए जाएंगे जहां रोजाना भारी ट्रैफिक का दबाव रहता है। ये लोकेशन इस प्रकार हैं:
1. मोहननगर चौराहा फ्लाईओवर
मोहननगर चौराहा, गाजियाबाद का सबसे व्यस्त और जाम से प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। दिल्ली, साहिबाबाद, वसुंधरा, वैशाली और मेरठ रोड से आने वाले वाहनों की भारी आवाजाही इस चौराहे पर गंभीर जाम का कारण बनती है।
फ्लाईओवर बनने के बाद—
मोहननगर से मेरठ रोड की ओर जाने वालों को सिग्नल फ्री रास्ता मिलेगा
मेट्रो स्टेशन के आसपास का जाम काफी कम होगा
साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र के कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी
2. वसुंधरा सेक्टर-1 से एनएच-9 कनेक्टिंग फ्लाईओवर
वसुंधरा क्षेत्र से निकलकर एनएच-9 में प्रवेश करने वाले वाहनों को अक्सर लंबी कतारों का सामना करना पड़ता है। पीक आवर में यह जाम कई किलोमीटर तक बढ़ जाता है।
इस नए फ्लाईओवर की मदद से
वसुंधरा और वैशाली इलाके के लाखों लोगों को जाम का स्थाई समाधान मिलेगा
दिल्ली जाने वाले कम्यूटर का समय बचेगा
एनएच-9 पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा
3. राजनगर एक्सटेंशन—दिलशाद गार्डन रूट फ्लाईओवर
राजनगर एक्सटेंशन तेजी से विकसित हो रहा आवासीय क्षेत्र है। यहां से दिल्ली जाने वाले रोजाना भारी ट्रैफिक का सामना करते हैं।
फ्लाईओवर बन जाने के बाद—
रूट पर जाम लगभग खत्म होने की संभावना
यात्रियों के यात्रा समय में 20 से 30 मिनट की बचत
मेडिकल और आपातकालीन सेवाओं के आवागमन में आसानी
जीडीए का लक्ष्य — 2026 तक पूरा प्रोजेक्ट
जीडीए अधिकारियों ने बताया कि फ्लाईओवर निर्माण कार्य को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।
संभावना है कि:
2025 में निर्माण कार्य शुरू होगा
2026 के अंत तक तीनों फ्लाईओवर आम जनता के लिए खुल जाएंगे
प्राधिकरण का दावा है कि निर्माण अवधि में भी ट्रैफिक को स्मार्ट तरीके से डायवर्ट किया जाएगा ताकि लोगों को कम से कम परेशानी हो।
ट्रैफिक जाम कम होने से प्रदूषण भी घटेगा
एनसीआर में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण वाहनों का लंबा इंतजार और रेंगती ट्रैफिक लाइनें हैं। गाजियाबाद में हर साल सर्दियों में AQI खतरनाक श्रेणी में पहुंच जाता है।
फ्लाईओवर निर्माण के बाद—
वाहनों की रफ्तार बढ़ेगी
आइडलिंग टाइम कम होगा
फ्यूल की खपत कम होगी
प्रदूषण में कमी आएगी
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रैफिक मैनेजमेंट सुधारने से शहर की एयर क्वालिटी में करीब 20% तक अंतर आ सकता है।
लोगों में उत्साह—“अब रोजाना का जाम खत्म होने की उम्मीद”
रोजाना ऑफिस जाने वाले लोगों ने इस प्रोजेक्ट का स्वागत किया है।
राहगीरों का कहना है कि—
रोज 10–15 मिनट के रास्ते में 45–60 मिनट का समय लग जाता था
स्कूल बसों को भी घंटों जाम में फंसना पड़ता था
आर्थिक नुकसान भी होता था क्योंकि ईंधन की खपत बहुत बढ़ जाती थी
फ्लाईओवर बनने के बाद इन समस्याओं से काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद है।
आर्थिक विकास को भी मिलेगा बढ़ावा
बुनियादी ढांचे में सुधार से—
रियल एस्टेट की कीमतें बढ़ेंगी
बिजनेस को नया आयाम मिलेगा
नए निवेश आकर्षित होंगे
गाजियाबाद पहले से ही NCR का प्रमुख औद्योगिक और आवासीय केंद्र है। नई सड़क परियोजनाएं इसे और मजबूत बनाएंगी।
गाजियाबाद में नए फ्लाईओवरों का निर्माण शहर के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल ट्रैफिक जाम का स्थाई समाधान मिलेगा बल्कि प्रदूषण कम होगा, समय बचेगा और लोगों की दैनिक जिंदगी अधिक सुविधाजनक बनेगी।
एनसीआर में रहने वाले लाखों लोगों के लिए यह प्रोजेक्ट एक बड़ी राहत की सौगात साबित होगा।
