
गिरिडीह: गावां अंचल कार्यालय में ACB की बड़ी कार्रवाई, राजस्व कर्मचारी आलोक रंजन 20 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
गिरिडीह। संवाददाता।
गिरिडीह जिले के गावां अंचल कार्यालय में भ्रष्टाचार के खिलाफ शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। धनबाद स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने गावां अंचल के राजस्व कर्मचारी आलोक रंजन को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई ACB धनबाद द्वारा पूर्व से की जा रही निगरानी और सटीक योजना के तहत की गई।
शिकायत के बाद ACB की टीम ने रची योजना
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित शिकायतकर्ता ने ACB कार्यालय, धनबाद में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि गावां अंचल कार्यालय में भूमि संबंधी कार्य को निपटाने के लिए राजस्व कर्मचारी आलोक रंजन द्वारा 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए ACB की टीम ने प्रारंभिक जांच की, जिसमें शिकायत सही पाई गई।
इसके बाद टीम ने जाल बिछाया और शुक्रवार को एक तय योजना के तहत आलोक रंजन को रिश्वत की रकम लेते ही रंगे हाथों पकड़ लिया। टीम ने आरोपी के पास से रिश्वत की पूरी राशि बरामद कर ली है।
अंचल कार्यालय में मचा हड़कंप
ACB की कार्रवाई के बाद गावां अंचल कार्यालय में अफरातफरी का माहौल बन गया। जैसे ही आलोक रंजन की गिरफ्तारी की खबर फैली, अंचल कार्यालय के अन्य कर्मियों और अधिकारियों में खलबली मच गई। कई लोग अपने कागजात समेटते और इधर-उधर सूचना लेते देखे गए। कार्यालय का सामान्य कामकाज भी कुछ समय के लिए ठप हो गया।
पूछताछ के लिए धनबाद ले गई टीम
गिरफ्तारी के बाद ACB की टीम आलोक रंजन को अपने साथ धनबाद ले गई, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। टीम यह भी जानने का प्रयास कर रही है कि क्या इस भ्रष्टाचार में अन्य अधिकारी या कर्मचारी भी शामिल हैं। संभावना जताई जा रही है कि पूछताछ के आधार पर ACB जल्द ही और भी लोगों पर शिकंजा कस सकती है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ ACB की सख्त कार्रवाई जारी
ACB धनबाद की यह कार्रवाई साफ संकेत देती है कि झारखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई और सख्त होगी। आम लोगों से वसूली करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। ACB अधिकारियों ने आम लोगों से अपील की है कि अगर उनसे कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी रिश्वत की मांग करता है तो वे बिना हिचक शिकायत दर्ज करें। उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी और ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।