
गिरिडीह (झारखंड) में बारिश के बाद हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। रविवार शाम को नाले में बहे एक मासूम बच्चे का शव 18 घंटे की लंबी तलाश के बाद मिला। स्थानीय प्रशासन, गोताखोरों और ग्रामीणों की अथक कोशिशों के बाद सोमवार सुबह रानी सती तालाब से शव बरामद किया गया। यह तालाब घटना स्थल से लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित है। इस घटना ने न केवल परिवार बल्कि पूरे इलाके को शोक में डूबो दिया है।
घटना कैसे घटी
रविवार देर शाम गिरिडीह जिले के एक मोहल्ले में भारी बारिश के कारण नाले में तेज बहाव आ गया। इस दौरान 10 वर्षीय बच्चा (नाम—गोपनीय) खेलते-खेलते नाले के पास चला गया। देखते ही देखते उसका पैर फिसल गया और वह बहते पानी में गिर पड़ा। आसपास मौजूद लोग शोर मचाते रहे, लेकिन तेज बहाव के कारण बच्चे को बचाया नहीं जा सका।
परिजन और स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और पुलिस प्रशासन को सूचना दी गई। रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा, लेकिन अंधेरे और पानी के तेज बहाव के कारण सफलता नहीं मिल सकी। अंततः सोमवार सुबह बच्चे का शव नाले से लगभग 2 किलोमीटर दूर रानी सती तालाब से मिला।
रेस्क्यू ऑपरेशन की कहानी
रेस्क्यू अभियान में नगर निगम, पुलिस, SDRF टीम और स्थानीय ग्रामीण शामिल रहे। अंधेरे और लगातार बारिश के बीच तलाशी अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। कई गोताखोरों को तालाब और नाले के गहरे हिस्सों में उतारा गया। ग्रामीणों ने भी प्रशासन का साथ दिया।
रविवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक लगातार 18 घंटे की कोशिशों के बाद शव को तालाब से बाहर निकाला गया। शव मिलने के बाद पूरे इलाके में मातम पसर गया।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
बच्चे की मौत की खबर सुनकर परिवारजन बेसुध हो गए। मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीण भी परिवार को सांत्वना देते दिखे, लेकिन माहौल बेहद गमगीन रहा। बच्चे की उम्र कम होने के कारण पूरे मोहल्ले के लोग शोक में डूब गए।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और जिला प्रशासन हरकत में आ गए थे। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए SDRF टीम को बुलाया। नगर निगम के कर्मचारी भी पूरी रात मौके पर मौजूद रहे।
स्थानीय प्रशासन ने परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। साथ ही, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
हादसों के पीछे वजह
गिरिडीह समेत झारखंड के कई जिलों में नालों की स्थिति बेहद खराब है। बरसात के दिनों में ये नाले खतरा बन जाते हैं। जगह-जगह खुले नाले, सुरक्षा दीवार की कमी और सफाई की अनदेखी से आए दिन ऐसे हादसे होते रहते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि –
खुले और असुरक्षित नाले बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं।
बारिश के समय नालों के पास बच्चों को जाने से रोकना बेहद जरूरी है।
प्रशासन को नालों पर जाली, गार्ड रेल और चेतावनी बोर्ड लगवाना चाहिए।
इलाके में शोक की लहर
बच्चे के शव मिलने के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। लोग बड़ी संख्या में घर के बाहर इकट्ठा हुए। अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीणों ने प्रशासन से ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
भविष्य में रोकथाम के सुझाव
1. नालों पर सुरक्षा कवच लगाया जाए।
2. बारिश के मौसम में बच्चों को नालों से दूर रखने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाए।
3. स्थानीय निकाय समय-समय पर नालों की सफाई और मरम्मत करें।
4. आपदा प्रबंधन टीम को हाई-टेक उपकरण और पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।
5. खतरनाक जगहों पर चेतावनी बोर्ड लगाकर लोगों को सतर्क किया जाए।