
गोड्डा जिले के नगर थाना क्षेत्र के गायत्री नगर स्थित एक निजी हॉस्टल में रह रही 18 वर्षीय आदिवासी छात्रा शीला मरांडी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मूल रूप से पौड़ैयाहाट थाना क्षेत्र के कारूडीह गांव की रहने वाली शीला स्थानीय स्कूल में कक्षा 11वीं में विज्ञान (Science) की पढ़ाई कर रही थी। अचानक घटी इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई और छात्रा के परिजनों समेत ग्रामीणों में गहरा शोक का माहौल है।
चाचा के नाम लिखा सुसाइड नोट, सपने पूरे न कर पाने का दर्द
सूत्रों के अनुसार, छात्रा ने आत्महत्या से पहले अपने चाचा के नाम एक सुसाइड नोट छोड़ा। उस पत्र में उसने लिखा कि वह उनके सपनों को पूरा नहीं कर पा रही है। मृतका के चाचा दिलीप मरांडी ने बताया कि उन्हें इस कदम के पीछे की वास्तविक वजह का अंदाजा नहीं है। उनका कहना है कि संभव है कि शीला पढ़ाई के अत्यधिक दबाव में रही हो, लेकिन उसने कभी खुलकर किसी समस्या या तनाव का जिक्र परिवार से नहीं किया था। घटना की जानकारी सबसे पहले हॉस्टल से फोन आने पर परिजनों को मिली।
पुलिस कर रही मामले की जांच
जैसे ही घटना की जानकारी मिली, स्थानीय लोगों ने तत्काल नगर थाना पुलिस को सूचित किया। सूचना पाकर थाना प्रभारी दिनेश महली पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल गोड्डा भेज दिया। बाद में आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और सुसाइड नोट की भी जांच की जा रही है।
परिवार और समाज में शोक की लहर
युवा छात्रा की अचानक मौत से परिवार, रिश्तेदार और गांव में मातम का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पढ़ाई का बढ़ता दबाव और भविष्य की चिंता कई बार बच्चों को मानसिक तनाव में डाल देती है। इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था और छात्र-छात्राओं पर पड़ रहे मानसिक बोझ पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
डिस्क्लेमर: आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है। अगर आप या आपके जानने वाले किसी भी तरह के मानसिक तनाव, अवसाद या दबाव से जूझ रहे हैं, तो तुरंत परिवार, दोस्तों या किसी विशेषज्ञ से बात करें। आपात स्थिति में नज़दीकी हेल्पलाइन या पुलिस से संपर्क करें।