हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण और गायों की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन से भगवान कृष्ण ने गोचर अर्थात गायों की सेवा और उनकी रक्षा करने का कार्य आरंभ किया था। इसीलिए इसे गोपाष्टमी कहा जाता है।
गोपाष्टमी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
साल 2025 में गोपाष्टमी का पर्व 30 अक्टूबर, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 29 अक्टूबर की शाम से प्रारंभ होकर 30 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 11 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार गोपाष्टमी का व्रत और पूजा 30 अक्टूबर को की जाएगी। इस दिन गौमाता की पूजा, सेवा और गोदान करने से अत्यंत पुण्य की प्राप्ति होती है।
गोपाष्टमी का धार्मिक महत्व
गोपाष्टमी का पर्व मुख्य रूप से भगवान श्रीकृष्ण, माता यशोदा और गायों की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन में गौसेवा का आरंभ किया था। गायों को हिंदू धर्म में देवी समान माना गया है और वे समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्रतीक हैं। कहा जाता है कि जो व्यक्ति गोपाष्टमी के दिन गाय की सेवा करता है, उसे जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
गोपाष्टमी पूजा विधि
गोपाष्टमी के दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर या गौशाला में गाय की विधिवत पूजा करें। गाय को गुड़, हरा चारा, रोटी, फल और जल अर्पित करें। गाय के शरीर पर हल्दी, रोली और चंदन लगाकर उसकी आरती करें। भगवान श्रीकृष्ण और बलराम की पूजा करें। इस दिन गोदान का विशेष महत्व बताया गया है, इसलिए संभव हो तो किसी ब्राह्मण या गौशाला को दान अवश्य करें।
गोपाष्टमी पर किए जाने वाले शुभ उपाय
1. इस दिन गाय को गुड़ और रोटी खिलाने से घर में धन की वृद्धि होती है।
2. गौमाता के चरणों में झुककर प्रणाम करने से पितृ दोष समाप्त होता है।
3. गोदान करने से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक स्थिरता आती है।
4. गाय के शरीर पर तिलक लगाने से भाग्य चमकता है और कार्यों में सफलता मिलती है।
5. श्रीकृष्ण को मक्खन और मिश्री अर्पित करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
गोपाष्टमी का सामाजिक और आध्यात्मिक संदेश
गोपाष्टमी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि यह समाज को संदेश देता है कि हमें गायों की सेवा, सुरक्षा और संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। गाय हमारे जीवन और पर्यावरण के लिए अत्यंत उपयोगी है। यह पर्व करुणा, सेवा और दया की भावना को जगाने वाला है।
गोपाष्टमी 2025 का पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह दिन गौमाता और भगवान श्रीकृष्ण की उपासना के लिए अत्यंत पवित्र है। जो लोग इस दिन श्रद्धा से पूजा, सेवा और गोदान करते हैं, उनके जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है।
यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पंचांग गणना पर आधारित है। किसी भी धार्मिक निर्णय या व्रत-पूजन से पहले अपने पुरोहित या ज्योतिषाचार्य की सलाह अवश्य लें।
