आज की बदलती लाइफस्टाइल और अनियमित खान-पान के कारण ज्यादातर लोगों को पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे कब्ज, गैस, एसिडिटी और अपच जैसी दिक्कतें होने लगी हैं। ऐसे में गट हेल्थ यानी पाचन तंत्र को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी हो जाता है। आयुर्वेद में बताया गया है कि सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ कुछ खास प्राकृतिक औषधियां लेने से पाचन बेहतर होता है और पेट पूरे दिन हल्का महसूस होता है।

किचन में मौजूद ये घरेलू नुस्खा न सिर्फ पेट को साफ रखने में मदद करता है, बल्कि शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को निकालने में भी सहायक होता है। यह ड्रिंक ऐसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो आंतों की सफाई, मेटाबॉलिज्म सुधारने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है।
क्या है ये पाचन सुधारने वाला मिश्रण?
गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद, एक चुटकी दालचीनी या एक चम्मच नींबू मिलाकर पीना पेट को साफ रखने के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। ये तीनों चीजें आसानी से किचन में मिल जाती हैं और इनके गुण पाचन तंत्र को स्वाभाविक रूप से मजबूत बनाते हैं।
शहद के फायदे:
शहद शरीर में अच्छी बैक्टीरिया के स्तर को बढ़ाता है, जिससे गट हेल्थ बेहतर होती है। यह कब्ज और एसिडिटी को कम करने में मदद करता है और ऊर्जा भी बढ़ाता है।
दालचीनी के फायदे:
दालचीनी सूजन कम करती है और पेट में बनने वाले गैस को नियंत्रित करती है। यह पाचन क्रिया को तेज करती है और ब्लड शुगर के स्तर को भी संतुलित रखने में मदद करती है।
नींबू के फायदे:
नींबू में मौजूद विटामिन सी शरीर को डिटॉक्स करता है और टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। यह मेटाबॉलिज्म को तेज करके वजन नियंत्रित रखने में भी मदद करता है।
कैसे तैयार करें यह ड्रिंक?
एक गिलास गुनगुना पानी लें।
इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं।
चाहें तो एक चुटकी दालचीनी या आधा नींबू भी मिला सकते हैं।
इस मिश्रण को अच्छी तरह घोलकर सुबह खाली पेट पिएं।
कितने दिनों में दिखेगा असर?
नियमित रूप से 10–15 दिनों तक इस ड्रिंक का सेवन करने से कब्ज, गैस और पेट फूलने की समस्या में राहत मिल सकती है। साथ ही पाचन क्रिया में सुधार और शरीर में हल्कापन महसूस होने लगता है।
किन बातों का रखें ध्यान?
मधुमेह के मरीज शहद का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें।
दालचीनी की मात्रा सीमित रखें, अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है।
हर किसी का शरीर अलग होता है, इसलिए परिणाम समय के साथ अलग-अलग हो सकते हैं।
यह लेख सामान्य घरेलू नुस्खों और पारंपरिक जानकारियों पर आधारित है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या उपचार के लिए डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
