दुबई एयरशो में भारतीय हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस से संबंधित हादसे के बाद दुनिया भर में इस विमान को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे। लेकिन इन तमाम अटकलों पर अब भारतीय एयरोस्पेस सेक्टर की प्रमुख संस्था हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने स्पष्ट और ठोस जवाब दिया है। HAL के चेयरमैन डीके सुनील ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि दुबई घटना दुर्भाग्यपूर्ण अवश्य है, लेकिन तेजस खुद तकनीकी रूप से पूरी तरह सक्षम, सुरक्षित और दुनिया के सबसे विश्वसनीय लड़ाकू विमानों में शामिल है।

उन्होंने साफ कहा कि इस घटना का न तो तेजस प्रोग्राम पर कोई असर पड़ेगा, और न ही इसकी ऑपरेशनल कैपेबिलिटी पर। HAL प्रमुख के मुताबिक, “तेजस का सेफ्टी रिकॉर्ड बेहतरीन है। आज तक भारत में तेजस के संचालन के दौरान किसी तरह की तकनीकी विफलता या डिजाइन फेलियर जैसी स्थिति सामने नहीं आई।”
दुबई एयरशो हादसा: क्या हुआ था?
दुबई एयरशो में तेजस का डेमो प्रदर्शन दुनिया के कई देशों के लिए आकर्षण का केंद्र था। इसी दौरान रविवार को टेकऑफ से पहले एक तकनीकी समस्याओं जैसी शुरुआती आशंकाएँ सामने आईं और विमान संतुलन खो बैठा। यह घटना मीडिया में तेजी से वायरल हुई और सोशल मीडिया पर विभिन्न तरह की चर्चाएँ शुरू हो गईं।
हालांकि, HAL ने स्पष्ट किया कि वास्तविक कारणों की जांच की जा रही है, और शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह ऑपरेशनल ग्राउंड हैंडलिंग या बाहरी परिस्थितियों से संबंधित एक अलग-थलग घटना थी। चेयरमैन डीके सुनील ने कहा कि “यह तेजस की इंजीनियरिंग या डिजाइन की खामी नहीं है।”
तेजस की सुरक्षा पर क्यों भरोसा? HAL ने दिए ठोस तर्क
HAL के अनुसार, तेजस को भारत की तीनों वायु सेनाओं — IAF, Navy और Export Evaluation Units — के कई स्तरों पर टेस्ट किया गया है।
तेजस ने अब तक 3,000+ से अधिक उड़ानें पूरी कर ली हैं। इनमें एक भी ऐसी घटना नहीं हुई जिसमें डिजाइन समस्या मुख्य कारण हो।
HAL प्रमुख ने कहा—
“तेजस ने जिन परिस्थितियों में सफलतापूर्वक उड़ान भरी है, वैसी परिस्थितियों में दुनिया के कुछ ही हल्के लड़ाकू विमान खुद को साबित कर पाते हैं।”
तेजस की सुरक्षा और गुणवत्ता के प्रमुख बिंदु:
अत्याधुनिक Fly-by-wire तकनीक
Zero-zero ejection seat
मजबूत airframe design इंटरनेशनल मानकों पर खरा
रियल-टाइम हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम
दुनिया के शीर्ष LCA प्लेटफॉर्म्स में टेस्टेड सेफ्टी रेट
यही कारण है कि भारत ही नहीं, बल्कि कई देश तेजस की खरीद में रुचि दिखा रहे हैं।
क्या तेजस कार्यक्रम पर असर पड़ेगा? HAL का स्पष्ट जवाब—“बिल्कुल नहीं”
दुनिया के कई देशों में यह सवाल छाया हुआ था कि क्या दुबई की घटना का असर तेजस के एक्सपोर्ट प्लान पर पड़ेगा?
इस पर HAL चीफ सुनील ने कहा:
“तेजस का ट्रैक रिकॉर्ड किसी भी आधुनिक फाइटर जेट के मुकाबले मजबूत है। एक अलग-थलग घटना पूरी इंडस्ट्री को प्रभावित नहीं करती। तेजस निरंतर अपग्रेड हो रहा है और हम अपने ग्राहकों का विश्वास बनाए रखेंगे।”
उन्होंने बताया कि HAL और भारतीय वायुसेना (IAF) पहले से ही तेजस के MK-1A मॉडल की डिलीवरी प्रक्रिया को तेज कर चुके हैं। यह आधुनिक संस्करण और भी अधिक उन्नत, सुरक्षित और युद्ध क्षमता से लैस है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजस की बढ़ती प्रतिष्ठा
दुबई एयरशो हमेशा से भारत के लिए रणनीतिक महत्व रखता है। यहां तेजस की मौजूदगी ने ना सिर्फ भारत की एयरोस्पेस क्षमता को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि वैश्विक रक्षा बाजार में एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता बनने की क्षमता रखता है।
कई देशों—नेपाल, अर्जेंटीना, वियतनाम, मलेशिया और खासकर अफ्रीकी देशों—ने तेजस में रुचि दिखाई है।
HAL का मानना है कि तेजस से जुड़े किसी भी एक हादसे से भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट मिशन प्रभावित नहीं होगा, क्योंकि विमान की सफलता का पूरा इतिहास उसके पक्ष में खड़ा है।
IAF का भी दावा—तेजस पूरी तरह भरोसेमंद
भारतीय वायुसेना ने भी इस घटना के बाद कहा कि तेजस एक combat-proven, तेज़ और अत्यंत भरोसेमंद प्लेटफॉर्म है।
IAF के अनुसार, तेजस ने कई ऑपरेशनल मिशन, एयर शो, हाइट-टेस्ट और वेपन-फायरिंग में शानदार प्रदर्शन किया है।
AI, डिजिटल एवियोनिक्स और इंडिजिनस डिजाइन के चलते तेजस आज भारत की Make in India रक्षा रणनीति का सबसे सफल प्रतीक बन चुका है।
भारत की एयरोस्पेस इंडस्ट्री के लिए घटना से सीख
विशेषज्ञों का मानना है कि दुबई जैसी घटनाएँ विमानन जगत में असामान्य नहीं हैं। Boeing, Airbus, F-35 जैसे दिग्गज विमान भी कई बार टेस्ट या लॉजिस्टिक परिस्थितियों में चुनौतियों से गुजरते रहे हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि HAL और IAF दोनों ने पारदर्शिता से बताया कि तेजस की इंजीनियरिंग मजबूत है और किसी भी तरह की आंतरिक तकनीकी विफलता का संकेत नहीं है।
तेजस का भरोसा बरकरार, भारत का सिर गर्व से ऊँचा
तेजस भारतीय इंजीनियरिंग का गौरव है और दुबई घटना के बाद HAL का यह वक्तव्य अंतरराष्ट्रीय जगत को एक मजबूत संदेश देता है—
“तेजस न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ हल्के लड़ाकू विमानों की श्रेणी में मजबूती से खड़ा है।”
भारत के लिए यह विमान सिर्फ तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की उड़ान है, जिसे दुनिया अब और अधिक गंभीरता से देख रही है।
