
झारखंड के हजारीबाग जिले से गिरिडीह की ओर जा रहा एक पिकअप वैन रविवार की सुबह अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गया। इस दर्दनाक हादसे में करीब 10 लोग घायल हो गए, जिनमें से दो की हालत नाजुक बताई जा रही है। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां गंभीर रूप से घायल लोगों को रांची रेफर कर दिया गया। यह सड़क दुर्घटना इलाके में अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर गई।
हादसा कैसे हुआ?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पिकअप वैन हजारीबाग से गिरिडीह की ओर तेज गति से जा रही थी। अचानक वाहन का संतुलन बिगड़ गया और चालक नियंत्रण खो बैठा। बताया जाता है कि सड़क पर गड्ढे और ओवरलोडिंग भी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। वाहन पलटते ही उसमें सवार लोग चीख-पुकार मचाने लगे और आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे।

घायलों की स्थिति

घायलों की स्थिति
इस हादसे में कुल 10 लोग घायल हुए हैं। इनमें से 8 लोगों को हल्की चोटें आई हैं और उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छोड़ दिया गया। लेकिन 2 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि इन घायलों के सिर और रीढ़ की हड्डी में चोट लगी है।
गंभीर रूप से घायल दोनों मरीजों को रांची के बड़े अस्पताल में रेफर किया गया है।
स्थानीय प्रशासन ने पीड़ितों के परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।
प्रशासन की भूमिका
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तुरंत घायलों को अस्पताल भेजा और सड़क पर जाम की स्थिति से निपटा।
थाना प्रभारी ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।
वाहन को जब्त कर लिया गया है और चालक की तलाश की जा रही है।
प्राथमिक अनुमान के मुताबिक, वाहन तेज गति और ओवरलोड था।
सड़क हादसों की बढ़ती घटनाएं
झारखंड में सड़क हादसे लगातार चिंता का विषय बने हुए हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल राज्य में हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं।
मुख्य कारण
1. तेज रफ्तार
2. सड़क की खराब स्थिति
3. ओवरलोडिंग
4. नशे में वाहन चलाना
5. ट्रैफिक नियमों की अनदेखी
प्रत्यक्षदर्शियों की राय
ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क पर अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। सड़क के गड्ढों और उचित डिवाइडर की कमी के कारण हादसों की संभावना और बढ़ जाती है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सड़क मरम्मत और सुरक्षा उपायों की मांग की है।
सड़क सुरक्षा पर जोर
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते सड़क सुरक्षा नियमों का पालन किया जाए तो ऐसे हादसों से बचा जा सकता है।
सुझाव
वाहन की नियमित सर्विसिंग करनी चाहिए।
ओवरलोडिंग से बचना चाहिए।
ड्राइवरों को पर्याप्त आराम मिलना चाहिए।
ट्रैफिक पुलिस को नियमित चेकिंग करनी चाहिए।
यात्रियों को भी सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए।
झारखंड सरकार की पहल
झारखंड सरकार लगातार सड़क सुरक्षा को लेकर अभियान चला रही है।
“सड़क सुरक्षा सप्ताह” के तहत लोगों को जागरूक किया जाता है।
जगह-जगह हेलमेट और सीट बेल्ट चेकिंग अभियान चलाए जाते हैं।
हाईवे पर एंबुलेंस और पेट्रोलिंग बढ़ाने की योजना भी लागू की गई है।
हादसे के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव
सड़क हादसे केवल व्यक्तिगत नुकसान नहीं पहुंचाते बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी गहरा असर डालते हैं।
घायल व्यक्तियों का इलाज परिवार पर भारी आर्थिक बोझ डाल देता है।
मजदूर वर्ग के लोग हादसे के बाद काम करने में असमर्थ हो जाते हैं।
समाज में असुरक्षा की भावना पैदा होती है।
लोगों की मांग
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि:
1. सड़क को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए।
2. ओवरलोड वाहनों पर कड़ी कार्रवाई हो।
3. दुर्घटना प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिया जाए।
हजारीबाग से गिरिडीह जाते समय पिकअप वैन का पलटना एक बार फिर से सड़क सुरक्षा की गंभीर स्थिति को सामने लाता है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि अगर समय रहते प्रशासन और आम लोग मिलकर सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें तो कई जानें बचाई जा सकती हैं।