
Healthtip: बार-बार हो रहा है माइग्रेन? जानिए किन आदतों से बढ़ सकती है समस्या।
माइग्रेन एक सामान्य लेकिन बेहद तकलीफदेह समस्या है, जिसमें व्यक्ति को सिर के एक हिस्से में तीव्र दर्द होता है। यह दर्द कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकता है और इसके साथ उल्टी, जी मिचलाना, रोशनी या आवाज के प्रति संवेदनशीलता जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
हालांकि माइग्रेन के पीछे आनुवंशिक और हार्मोनल कारण भी हो सकते हैं, लेकिन कई बार हमारी गलत जीवनशैली और आदतें इसे ट्रिगर करने में अहम भूमिका निभाती हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि कौन-सी सामान्य गलतियां माइग्रेन को बढ़ावा देती हैं ताकि समय रहते उन्हें सुधारा जा सके।
1. नींद की अनियमितता
नींद की कमी या अधिक नींद—दोनों ही माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। कई बार लोग देर रात तक मोबाइल या टीवी देखने के कारण पर्याप्त नींद नहीं ले पाते, जिससे सिरदर्द की समस्या बढ़ जाती है।
क्या करें: रोज़ाना एक निश्चित समय पर सोने और जागने की आदत डालें। कम से कम 7–8 घंटे की नींद लें।
2. भोजन छोड़ना या लंबे अंतराल पर खाना
जब आप समय पर भोजन नहीं करते या कई घंटे भूखे रहते हैं, तो ब्लड शुगर लेवल गिर सकता है जिससे माइग्रेन की शुरुआत हो सकती है।
क्या करें: सुबह का नाश्ता ज़रूर करें और दिन भर छोटे-छोटे अंतराल पर हल्का-फुल्का खाना खाते रहें।
3. तनाव और मानसिक दबाव
लंबे समय तक तनाव या चिंता में रहना माइग्रेन का सबसे बड़ा कारण बन सकता है। ऑफिस वर्क, परीक्षा की चिंता या पारिवारिक उलझनें माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती हैं।
क्या करें: रोज़ाना मेडिटेशन, योग या गहरी सांसों की एक्सरसाइज करें। तनाव को नियंत्रण में रखने की कोशिश करें।
4. तेज़ रोशनी या ज़ोरदार आवाज़
बहुत तेज़ रोशनी, स्क्रीन की चमक या ज़ोरदार शोर भी माइग्रेन के अटैक को उकसा सकता है। खासकर वे लोग जो पहले से माइग्रेन से ग्रस्त हैं, उन्हें ऐसी जगहों से बचना चाहिए।
क्या करें: चश्मे पर एंटी-ग्लेयर कोटिंग लगवाएं और ज़रूरत पड़े तो आई मास्क का इस्तेमाल करें।
5. अनियमित कैफीन या शराब का सेवन
बहुत ज़्यादा कैफीन (जैसे चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक) या शराब पीने से माइग्रेन बढ़ सकता है। कभी-कभी अचानक कैफीन बंद कर देने से भी सिरदर्द शुरू हो सकता है।
क्या करें: कैफीन और शराब का सीमित और संतुलित सेवन करें।
6. हार्मोनल परिवर्तन (महिलाओं में)
माहवारी के दौरान या उससे पहले हार्मोनल असंतुलन के कारण महिलाओं को माइग्रेन का अनुभव अधिक होता है। प्रेगनेंसी और मेनोपॉज के समय भी ऐसा हो सकता है।
क्या करें: इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह लें और समय-समय पर चेकअप कराएं।
7. तेज़ खुशबू या परफ्यूम
कुछ लोगों को खास तरह की तेज़ गंध, जैसे डियोड्रेंट, परफ्यूम, अगरबत्ती आदि से माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है।
क्या करें: ऐसी खुशबुओं से दूरी बनाकर रखें, खासतौर पर जब माइग्रेन शुरू होने के संकेत मिलें।
8. तेज धूप या मौसम परिवर्तन
बहुत गर्मी, उमस, या अचानक मौसम का बदलना भी माइग्रेन को बढ़ावा दे सकता है।
क्या करें: तेज धूप में बाहर जाते समय चश्मा पहनें और सिर को ढकें। खुद को हाइड्रेटेड रखें।
माइग्रेन कोई आम सिरदर्द नहीं, बल्कि एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जो जीवनशैली की छोटी-छोटी गलतियों से और भी गंभीर हो सकती है। अगर आप ऊपर बताई गई आदतों पर ध्यान देंगे और थोड़ी सी सतर्कता बरतेंगे, तो माइग्रेन के अटैक को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
नोट: अगर माइग्रेन की समस्या बार-बार हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें और किसी न्यूरोलॉजिस्ट या डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें।