
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली में स्थित PMLA (धन शोधन नियंत्रण अधिनियम) अपीलीय ट्रिब्यूनल ने आदेश दिया है कि ED (Enforcement Directorate) तुरंत वह BMW कार वापस करे जिसे सोरेन के दिल्ली स्थित आवास से जब्त किया गया था। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान सबूतों के अभाव में कार पर कब्जा बनाए रखना न्यायसंगत नहीं है।
घटना का पृष्ठभूमि
जनवरी 2024 में, ED ने हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर छापेमारी की और उसी दौरान BMW X7 (2021 मॉडल) कार को जब्त किया।
इस कार्रवाई को भूमि घोटाले एवं धन शोधन जांच से जोड़ा गया था।
बाद में, कई अन्य तत्त्व (डिजिटल उपकरण, दस्तावेज आदि) जब्त किये गए और बाद में उन्हें न्यायालय के आदेश से वापिस किया गया।
ट्रिब्यूनल का आदेश और तर्क
PMLA अपीलीय ट्रिब्यूनल, जिसकी सुनवाई 25 सितंबर 2025 को हुई, ने आदेश दिया कि ED वह BMW कार 6 हफ्तों के भीतर वापस करे।
न्यायालय ने यह तर्क दिया कि कार एक मूल्यह्रास (depreciating asset) है और इसे अनिश्चितकाल तक कब्जे में रखना उचित नहीं है।
यह भी कहा गया कि ED ने अब तक यह साबित नहीं किया कि उक्त कार “अपराध से उपार्जित धन” (proceeds of crime) से खरीदी गई थी या धन शोधन में उपयोग हुई थी।
ट्रिब्यूनल ने यह भी निर्देश दिया कि यदि भविष्य में कोई नया साक्ष्य सामने आता है, तो ED पुनः कार्रवाई कर सकती है।
किन्हीं शर्तों के साथ वापसी
ट्रिब्यूनल ने कार की वापसी पर कुछ शर्तें भी लगाई हैं — जैसे कि कार को एक वर्ष तक बेचने या स्थानांतरित करने की अनुमति नहीं होगी, और यह सुनिश्चित करना होगा कि कार संचालन योग्य स्थिति में रहे।
न्यायालय ने यह सुनिश्चित किया कि यदि भविष्य में नए तथ्यों के आधार पर मामला मूड़े, तो ED को पुनः कदम उठाने की छूट हो।
राजनीतिक और विधिक मायने
यह मामला राजनीतिक संवेदनशीलता लिए हुए है, क्योंकि Hemant Soren झारखंड के सीएम हैं और यह कोप कथित भूमि घोटाले से जुड़ी जांच का हिस्सा है।
कई पार्टियों और मीडिया ने इस फैसले को महत्वपूर्ण माना है, क्योंकि यह जांच एजेंसियों की जब्ती शक्तियों तथा न्यायालय की संतुलन भूमिका पर प्रश्न खड़ा करता है।
न्यायालय की यह कार्रवाई यह संदेश देती है कि जब्त संपत्ति को लंबे समय तक रोके रखना सिर्फ आशंकाओं पर आधारित नहीं होना चाहिए — भरोसेमंद सबूत होना अनिवार्य है।
प्रतिक्रिया और आगे की संभावना
अब यह देखना होगा कि ED इस आदेश को कैसे लागू करती है और BMW की वापसी कब पूरी होती है।
यदि नए सबूत मिलते हैं, तो मामले में नया मोड़ आ सकता है।
इस फैसले का प्रभाव आने वाले अन्य मामलों पर भी पड़ सकता है जहाँ जब्त संपत्ति को लंबे समय तक रोका गया हो।
दिल्ली स्थित PMLA अपीलीय ट्रिब्यूनल के इस आदेश ने Hemant Soren को एक बड़ी कानूनी राहत दी है। न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब्त संपत्ति को बिना ठोस सबूतों के लंबे समय तक रोकना न्यायसंगत नहीं है। इस फैसले का दूरगामी प्रभाव हो सकता है, न सिर्फ इस मामले पर बल्कि अन्य धान-शोधन जांचों पर भी।