
हिमाचल में 55 घंटे तक हाईवे जाम… अभी भी NH सहित 344 सड़कें बंद, 27 जुलाई से फिर बढ़ेंगी मुश्किलें
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण प्रदेश भर में भूस्खलन और सड़कों के धंसने की घटनाएं सामने आई हैं। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि 55 घंटे तक हाईवे जाम रहा और अब भी एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कुल 344 सड़कें बंद पड़ी हैं। हालात में कुछ सुधार की उम्मीद मौसम विभाग ने जताई है, लेकिन यह राहत बहुत देर तक टिकने वाली नहीं है। विभाग का कहना है कि 27 जुलाई से एक बार फिर मानसून सक्रिय होगा, जिससे भारी बारिश की संभावना है और प्रदेश में मुश्किलें फिर से बढ़ सकती हैं।
हिमाचल प्रदेश में बीते तीन दिनों से लगातार बारिश और भूस्खलन की वजह से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश के चलते कई हिस्सों में भूस्खलन हुआ, जिससे मुख्य राष्ट्रीय राजमार्गों से लेकर ग्रामीण संपर्क मार्गों तक यातायात ठप हो गया। खासकर मंडी, कुल्लू, चंबा, शिमला, कांगड़ा और सिरमौर जिलों में सड़कों की स्थिति बेहद खराब बनी हुई है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, अभी भी प्रदेश की 344 सड़कें बंद हैं। इनमें एक राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) भी शामिल है, जो मंडी जिले से होकर गुजरता है। इन बंद सड़कों के चलते न सिर्फ आम लोगों की आवाजाही बाधित हुई है, बल्कि जरूरी सामान की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है।
मंडी जिले में 55 घंटे तक चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे (NH-3) बाधित रहा। भारी बारिश से पहाड़ दरकने लगे, जिससे जगह-जगह मलबा जमा हो गया और यातायात पूरी तरह रुक गया। हालांकि स्थानीय प्रशासन और एनएचएआई की ओर से मलबा हटाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है, लेकिन खराब मौसम के कारण राहत कार्यों में रुकावटें आ रही हैं।
पर्यटकों को भी मुश्किलों का सामना:
हिमाचल में सैकड़ों पर्यटक मानसून के सौंदर्य का लुत्फ उठाने पहुंचे थे, लेकिन अब उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कई पर्यटक बीच रास्ते में फंस गए हैं और होटलों में कैद होकर रह गए हैं। प्रशासन की ओर से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन बंद सड़कों और मलबे के कारण बचाव कार्य भी धीमा पड़ गया है।
संपर्क सेवाएं भी प्रभावित:
भारी बारिश से सिर्फ सड़क मार्ग ही नहीं, बल्कि बिजली और टेलीकॉम सेवाएं भी बाधित हो गई हैं। खासतौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में मोबाइल नेटवर्क और बिजली की आपूर्ति ठप हो गई है। इससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी खासी परेशानी हो रही है।
मौसम विभाग की चेतावनी:
मौसम विभाग ने 26 जुलाई तक आंशिक राहत की उम्मीद जताई है, लेकिन चेतावनी दी है कि 27 जुलाई से एक बार फिर मानसून सक्रिय हो जाएगा। खासकर शिमला, मंडी, कांगड़ा, चंबा और कुल्लू जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। विभाग ने लोगों को नदी-नालों से दूर रहने और पहाड़ी इलाकों में अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
प्रशासन की तैयारियां:
प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी जिलों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। साथ ही यह भी बताया गया कि बंद सड़कों को खोलने के लिए अतिरिक्त जेसीबी और मशीनें मंगवाई गई हैं।
जनता की अपील:
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और आधिकारिक सूचना का ही पालन करें। साथ ही आपात स्थिति में जिला नियंत्रण कक्ष या हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
हिमाचल प्रदेश एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में है। भूस्खलन और मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हालांकि मौसम विभाग की माने तो 26 जुलाई तक कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन 27 तारीख से फिर एक नया खतरा सामने आने वाला है। ऐसे में जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।