
हिमाचल: मंडी के सरकाघाट में गहरी खाई में गिरी HRTC बस, 5 की मौत, 15 से अधिक घायल।
सरकाघाट (मंडी), 24 जुलाई:
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में वीरवार सुबह एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे इलाके को हिला दिया। सरकाघाट उपमंडल के मसेरन क्षेत्र में हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (HRTC) की एक बस अनियंत्रित होकर सैंकड़ों फीट गहरी खाई में गिर गई। इस दर्दनाक दुर्घटना में पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 15 से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हादसे के बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोगों के सहयोग से राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया।
हादसा कैसे हुआ?
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक यह हादसा सुबह लगभग 8:30 बजे उस वक्त हुआ, जब HRTC की बस मसेरन से सरकाघाट की ओर जा रही थी। रास्ते में एक तीखे मोड़ पर ड्राइवर का वाहन से नियंत्रण हट गया और बस सीधे गहरी खाई में जा गिरी। बताया जा रहा है कि खाई की गहराई करीब 250 से 300 फीट थी, जिससे बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और यात्री इधर-उधर गिर पड़े। हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बस के परखच्चे उड़ गए और कई यात्रियों के शरीर सड़क से काफी नीचे बिखरे पड़े थे।
मृतकों की सूची
अब तक पांच लोगों के मौत की पुष्टि की जा चुकी है। इनमें तीन पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। स्थानीय प्रशासन की मदद से शवों को खाई से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए सरकाघाट अस्पताल भिजवाया गया है। मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है और उनके परिजनों को सूचना भेज दी गई है। प्रशासन ने बताया कि मृतकों के परिवारों को शीघ्र ही सरकारी सहायता प्रदान की जाएगी।
घायलों की स्थिति चिंताजनक
इस हादसे में घायल हुए 15 से अधिक यात्रियों को प्राथमिक उपचार के लिए तुरंत सरकाघाट सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है, जिन्हें बेहतर उपचार के लिए मंडी के जोनल अस्पताल और कुछ को IGMC शिमला रेफर किया गया है। डॉक्टरों की टीम घायलों की लगातार निगरानी कर रही है। कुछ यात्रियों को सिर, रीढ़ और आंतरिक अंगों में गंभीर चोटें आई हैं।
चश्मदीदों की ज़ुबानी
हादसे के चश्मदीद और स्थानीय ग्रामीण कुलदीप ठाकुर ने बताया, “हम सुबह खेत में काम कर रहे थे, तभी एक जोर की आवाज आई। जब दौड़कर घटनास्थल पर पहुंचे तो देखा कि बस खाई में गिरी पड़ी है और उसमें सवार लोग चीख-पुकार कर रहे हैं। हम तुरंत रस्सियों और लकड़ियों की मदद से खाई में उतरे और घायलों को बाहर निकालना शुरू किया।”
स्थानीय युवाओं, होमगार्ड, पुलिस और प्रशासनिक टीम ने मिलकर बचाव अभियान चलाया, जो लगभग दो घंटे तक चला। घायलों को स्ट्रेचर और हाथों पर उठाकर ऊपर लाया गया।
प्रशासन की तत्परता
हादसे की जानकारी मिलते ही प्रशासन, पुलिस और एम्बुलेंस की टीमें मौके पर रवाना हो गईं। एसडीएम सरकाघाट और थाना प्रभारी स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। मंडी जिले के उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने पुष्टि करते हुए कहा, “यह हादसा अत्यंत दुखद है। बचाव और राहत कार्य में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था की गई है। मामले की जांच की जा रही है।”
उन्होंने यह भी बताया कि प्रारंभिक जांच में ब्रेक फेल होना और ओवरलोडिंग जैसी संभावनाएं सामने आई हैं, लेकिन पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारण का खुलासा हो सकेगा।
HRTC और सरकार की प्रतिक्रिया
हिमाचल परिवहन विभाग (HRTC) की ओर से इस हादसे पर शोक जताया गया है। मंडी डिपो प्रबंधन ने हादसे में मारे गए यात्रियों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। साथ ही इस हादसे की जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख और घायलों को ₹50,000 की तात्कालिक राहत राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सरकार शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है और दुर्घटना के जिम्मेदार कारणों की गहराई से जांच की जाएगी।
हादसों से सबक लेने की ज़रूरत
यह हादसा एक बार फिर से हिमाचल की दुर्गम सड़कों की खतरनाक स्थिति और सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करता है। पहाड़ी इलाकों में आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं, जिनमें कई निर्दोष लोगों की जान चली जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ड्राइवरों की ट्रेनिंग, बसों की नियमित जांच, तथा सड़क सुरक्षा के प्रति सजगता बढ़ाने की आवश्यकता है। साथ ही, दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में पैराफिट, चेतावनी संकेतक और गार्डरेल जैसे संरचनात्मक उपाय भी अनिवार्य रूप से किए जाने चाहिए।
सरकाघाट में हुए इस भीषण बस हादसे ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया है। जहां एक ओर मृतकों के परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, वहीं घायलों की जिंदगी बचाने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। सरकार और प्रशासन से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे हादसे की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कदम उठाएं और भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं, इसके लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित करें।