
इंडिया टीवी के लोकप्रिय शो ‘आप की अदालत’ में इस बार मेहमान बनकर पहुंचे बागेश्वर धाम सरकार के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री। शो के एंकर और इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने उनसे कई अहम सवाल पूछे। इस दौरान दर्शकों को भी बाबा से सवाल करने का मौका मिला। इन्हीं सवालों में से एक महिला ने पूछा कि हिंदू धर्म में बहुत सारे देवी-देवता हैं, ऐसे में आज के युवा अक्सर यह सोचकर कन्फ्यूजन में रहते हैं कि आखिर किस भगवान को सबसे बड़ा माना जाए।
किस भगवान को सबसे बड़ा मानें?
इस सवाल का जवाब देते हुए बागेश्वर बाबा ने बड़ी सरल और गहन व्याख्या दी। उन्होंने कहा कि जैसे कोई व्यक्ति एक दुकान में जाकर सोने की अंगूठी, ब्रेसलेट और मंगलसूत्र खरीदता है। जब वह दुकानदार से पूछता है कि इनमें बड़ा सोना कौन सा है, तो दुकानदार कहता है कि सब सोना ही है, कोई बड़ा या छोटा नहीं। सोने का हर आभूषण सोना ही कहलाता है, उसी तरह मिट्टी से बने बर्तन भी चाहे कुल्हड़ हों, थाली हो या मटका, सब मिट्टी के ही बने होते हैं।
बाबा ने आगे समझाते हुए कहा कि बिल्कुल उसी तरह भगवान भी एक ही हैं। चाहे आप राम की पूजा करें, कृष्ण की भक्ति करें, शिवजी को मानें या हनुमान जी को पूजें—अंततः सबका आधार वही एक परमात्मा है। उन्होंने कहा कि बरगद के पेड़ की किसी भी टहनी को पकड़कर ऊपर चढ़ना शुरू कर दो, अंततः आप बरगद पर ही पहुंचोगे। उसी प्रकार आप किसी भी देवता की आराधना से अंततः परमात्मा तक पहुंचते हैं।
सभी देवता समान हैं
बागेश्वर बाबा ने स्पष्ट कहा कि हिंदू धर्म में भगवानों में कोई बड़ा या छोटा नहीं है। सभी देवता एक ही परम शक्ति के रूप हैं और उनकी आराधना से अंततः भक्त उसी परमात्मा से जुड़ता है। इसलिए किसी भी भगवान की पूजा करने से भक्त का मार्ग परमात्मा तक ही जाता है।
इस तरह बाबा ने यह स्पष्ट कर दिया कि हिंदू धर्म में अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा करना भले ही अलग-अलग रूपों में दिखता हो, लेकिन सभी का लक्ष्य और सार एक ही है—परमात्मा से जुड़ना।