
देवघर। हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत जवाहर नवोदय विद्यालय रिखिया, देवघर में बुधवार को एक विशेष पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के पुस्तकालय में हिंदी भाषा एवं साहित्य से जुड़ी हुई विविध पुस्तकों का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता, पठन-पाठन की आदत और साहित्य के प्रति रुचि बढ़ाना था।
इस प्रदर्शनी का उद्घाटन विद्यालय की प्राचार्या सुषमा वर्मा ने फीता काटकर किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “हिंदी हमारी मातृभाषा है, इसे सम्मान देना और आगे बढ़ाना हम सभी का कर्तव्य है। किताबें बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण की सबसे बड़ी साथी हैं। पुस्तक प्रदर्शनी के माध्यम से बच्चों को साहित्य से जुड़ने और नए विचारों को आत्मसात करने का अवसर मिलेगा।”
पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन विद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष यू. एन. झा द्वारा किया गया। इस आयोजन में लाइब्रेरी क्लब के बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सहयोग प्रदान किया। विशेष रूप से सुमन सिंह और उनकी टीम ने प्रदर्शनी के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रदर्शनी की झलक
प्रदर्शनी में हिंदी भाषा की विभिन्न विधाओं की किताबें प्रदर्शित की गईं। इसमें कहानी, कविता, उपन्यास, जीवनी, निबंध, नाटक और बाल साहित्य से संबंधित किताबें शामिल थीं। महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह दिनकर, प्रेमचंद, हरिवंश राय बच्चन, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जैसे साहित्यकारों की कालजयी रचनाओं ने प्रदर्शनी को और भी आकर्षक बना दिया।
इसके अलावा बच्चों के लिए प्रेरणादायक कहानियाँ, ज्ञानवर्धक पुस्तकें और समकालीन लेखकों की नई कृतियाँ भी उपलब्ध कराई गईं। प्रदर्शनी में रखी गई पुस्तकों को देखकर बच्चे उत्साहित हुए और उनमें किताबें पढ़ने की रुचि स्पष्ट रूप से देखने को मिली।
बच्चों की उत्सुकता
विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शनी में रखी किताबों को ध्यानपूर्वक देखा और कई किताबें पढ़ने के लिए चुनीं। कई बच्चों ने बताया कि उन्होंने पहली बार इतने बड़े स्तर पर हिंदी पुस्तकों की प्रदर्शनी देखी है। छात्रों ने कहा कि इस प्रदर्शनी से उन्हें हिंदी साहित्य की समृद्धि और उसकी विविधता को समझने का अवसर मिला।
एक छात्रा ने कहा, “हम रोज़ अंग्रेजी और अन्य विषयों की किताबें पढ़ते हैं, लेकिन हिंदी की किताबें हमें अलग तरह की सोच देती हैं। ये हमारी संस्कृति और परंपरा से हमें जोड़ती हैं।”
हिंदी पखवाड़ा का महत्व
हर साल हिंदी दिवस (14 सितंबर) से शुरू होकर हिंदी पखवाड़ा (14 से 28 सितंबर) तक पूरे देश में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इसका उद्देश्य सरकारी, शैक्षणिक और सामाजिक स्तर पर हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देना है। इसी कड़ी में नवोदय विद्यालय रिखिया, देवघर ने पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन कर हिंदी के महत्व को रेखांकित किया।
विद्यालय की प्राचार्या ने कहा कि हिंदी पखवाड़ा सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि हमारी मातृभाषा को जीवन के हर क्षेत्र में अपनाने का प्रयास है। बच्चों को हिंदी साहित्य से जोड़ने का यह एक सार्थक प्रयास है।
शिक्षकों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
इस कार्यक्रम में मौजूद शिक्षकों और अभिभावकों ने भी पुस्तक प्रदर्शनी की सराहना की। उनका मानना है कि बच्चों को मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया से बाहर निकालकर किताबों की ओर मोड़ने का यह बेहतरीन माध्यम है। पुस्तकों से जुड़कर बच्चे न केवल ज्ञान प्राप्त करते हैं, बल्कि उनमें नैतिक मूल्यों और संस्कारों का भी विकास होता है।
पुस्तक प्रदर्शनी से मिली सीख
इस आयोजन से बच्चों ने यह सीखा कि किताबें जीवन की सबसे बड़ी मित्र होती हैं। किताबें हमें अकेलेपन में साथ देती हैं, विचारों का विस्तार करती हैं और हमें बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देती हैं। हिंदी भाषा की किताबें पढ़कर बच्चे अपनी भाषा पर गर्व महसूस करते हैं और उसमें निखार आता है।
जवाहर नवोदय विद्यालय रिखिया, देवघर में आयोजित पुस्तक प्रदर्शनी हिंदी पखवाड़ा का एक महत्वपूर्ण और यादगार आयोजन साबित हुआ। इसने बच्चों को हिंदी साहित्य से जोड़ने और पठन-पाठन की आदत को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। विद्यालय प्रशासन ने भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का आश्वासन दिया।