
नवग्रहों की कृपा कैसे पाएं: जानें विशेष पूजा विधि और हर ग्रह के लिए कौन-सा व्रत करना होता है फलदायक।
हिंदू धर्म में नवग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु) को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। ये ग्रह हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र – जैसे स्वास्थ्य, करियर, विवाह, संतान, धन और भाग्य – को प्रभावित करते हैं। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रह दोष होता है या ग्रहों की दशा प्रतिकूल चल रही हो, तो विशेष पूजा और व्रत द्वारा ग्रहों की शांति व कृपा प्राप्त की जा सकती है।
इस लेख में जानिए नवग्रहों की विशेष पूजा विधि और हर ग्रह के लिए कौन-सा व्रत किया जाए, जिससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन हो सके।
1. सूर्य ग्रह की पूजा और व्रत
महत्व: आत्मबल, सरकारी नौकरी, स्वास्थ्य
पूजा विधि:
रविवार को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।
तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, अक्षत और गुड़ डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
“ॐ घृणिः सूर्याय नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।
व्रत: रविवार का व्रत करें, नमक रहित भोजन ग्रहण करें।
2. चंद्र ग्रह की पूजा और व्रत
महत्व: मन, भावनाएं, माता का सुख
पूजा विधि:
सोमवार को सफेद वस्त्र पहनें और चावल, दूध और मिश्री का भोग चढ़ाएं।
“ॐ चंद्राय नमः” मंत्र का जाप करें।
व्रत: सोमवार को व्रत रखें, फलाहार करें और शिवजी की पूजा करें।
3. मंगल ग्रह की पूजा और व्रत
महत्व: ऊर्जा, भूमि, भाइयों का संबंध
पूजा विधि:
मंगलवार को हनुमान जी और मंगलदेव की पूजा करें।
मसूर की दाल और लाल वस्त्र अर्पित करें।
“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंत्र का जाप करें।
व्रत: मंगलवार का व्रत करें, लाल वस्त्र पहनें और मीठा भोजन करें।
4. बुध ग्रह की पूजा और व्रत
महत्व: बुद्धि, व्यापार, शिक्षा
पूजा विधि:
बुधवार को गणेश जी की पूजा करें।
हरे रंग के वस्त्र पहनें और मूंग दाल का भोग लगाएं।
“ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का जप करें।
व्रत: बुधवार को व्रत रखें, हरे फल और सब्जियां ग्रहण करें।
5. गुरु ग्रह की पूजा और व्रत
महत्व: ज्ञान, गुरु कृपा, संतान
पूजा विधि:
गुरुवार को विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा करें।
पीले वस्त्र पहनें और चने की दाल, हल्दी, पीले फूल चढ़ाएं।
“ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करें।
व्रत: गुरुवार को पीले खाद्य पदार्थ ग्रहण करें, नमक से परहेज करें।
6. शुक्र ग्रह की पूजा और व्रत
महत्व: सौंदर्य, प्रेम, वैवाहिक सुख
पूजा विधि:
शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा करें।
सफेद वस्त्र पहनें और खीर या मिश्री का भोग लगाएं।
“ॐ शुं शुक्राय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
व्रत: शुक्रवार का व्रत रखें, सफेद भोजन लें।
7. शनि ग्रह की पूजा और व्रत
महत्व: कर्म, न्याय, संयम
पूजा विधि:
शनिवार को शनि देव और हनुमान जी की पूजा करें।
काली वस्तुएं जैसे काला तिल, सरसों का तेल अर्पित करें।
“ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
व्रत: शनिवार को व्रत करें, काले वस्त्र पहनें और दान करें।
8. राहु ग्रह की पूजा और व्रत
महत्व: भ्रम, आकस्मिक घटनाएं, कालसर्प दोष
पूजा विधि:
शनिवार या राहुकाल में पूजा करें।
नीले या काले रंग का प्रयोग करें।
“ॐ राहवे नमः” मंत्र का जप करें।
व्रत: शनिवार या अमावस्या को राहु के दोष निवारण हेतु व्रत करें।
9. केतु ग्रह की पूजा और व्रत
महत्व: रहस्य, मोक्ष, आत्मिक विकास
पूजा विधि:
मंगलवार या केतु ग्रह की विशेष तिथि को पूजा करें।
धूप, चंदन और ध्वजा अर्पित करें।
“ॐ केतवे नमः” मंत्र का जप करें।
व्रत: मंगलवार को केतु शांति हेतु व्रत करें।
नवग्रह पूजा की सामान्य विधि:
नवग्रह यंत्र या चित्र की स्थापना करें।
सभी ग्रहों के मंत्रों का जाप करें।
दीपक जलाएं, फूल, अक्षत और धूप से पूजन करें।
एक स्थान पर बैठकर नियमित रूप से नवग्रह स्तोत्र या शांति पाठ पढ़ें।
नवग्रहों की सही विधि से पूजा और व्रत करने से ग्रहों की प्रतिकूलता कम होती है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने लगते हैं। लेकिन यह जरूरी है कि किसी भी ग्रह दोष के लिए पहले योग्य ज्योतिषी से कुंडली की जांच कराएं और तभी विशेष पूजा या व्रत करें।
डिस्क्लेमर:
यह लेख धार्मिक आस्था और मान्यताओं पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी प्राचीन ग्रंथों और ज्योतिष परंपरा से ली गई है। किसी विशेष पूजा, मंत्र या व्रत को करने से पहले योग्य पंडित या ज्योतिषी की सलाह अवश्य लें। लेखक या प्रकाशक किसी प्रकार के व्यक्तिगत निर्णय की जिम्मेदारी नहीं लेते।