देवघर। जिले में आम जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान और प्रशासनिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देशानुसार आज अपर समाहर्ता हीरा कुमार की अध्यक्षता में जनता दरबार का आयोजन किया गया। यह जनता दरबार जिले के आम नागरिकों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को एक सशक्त मंच प्रदान करता है, जहां वे अपनी शिकायतें, समस्याएं और सुझाव सीधे प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष रख सकते हैं।
जनता की शिकायतें सुनी गईं, अधिकारियों को मिले आवश्यक निर्देश
जनता दरबार के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे। इस दौरान अपर समाहर्ता हीरा कुमार ने एक-एक कर सभी शिकायतकर्ताओं की बात सुनी और संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जनता दरबार का उद्देश्य यही है कि लोगों को अपनी समस्या के समाधान के लिए बार-बार कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें, बल्कि प्रशासन उनके पास पहुंचे और मौके पर समाधान सुनिश्चित करे।
अपर समाहर्ता ने स्पष्ट कहा कि सभी विभागीय अधिकारी जन समस्याओं को गंभीरता से लें और समयसीमा के भीतर उनका समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के अंदर सभी शिकायतों की जांच पूरी कर उपायुक्त कार्यालय को प्रतिवेदन समर्पित करें।
भू-अर्जन, मुआवजा, पेंशन, आवास और बिजली बिल माफी जैसे मुद्दों पर हुई सुनवाई
जनता दरबार में जिले के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों ने अपनी-अपनी समस्याएं रखीं। इनमें प्रमुख रूप से भू-अर्जन एवं मुआवजा भुगतान, अनुकम्पा नियुक्ति, बिजली बिल माफी, फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री मईंया सम्मान योजना, पेंशन, आवास योजना, और भू-राजस्व से संबंधित मामलों की शिकायतें शामिल थीं।
अधिकांश मामलों में मौके पर ही संबंधित विभागीय अधिकारियों ने समाधान की प्रक्रिया शुरू कर दी। वहीं कुछ मामलों में अपर समाहर्ता ने स्वयं हस्तक्षेप करते हुए तत्काल निर्णय दिए।

ऑन द स्पॉट समाधान से खुश दिखे ग्रामीण
जनता दरबार में बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों और नागरिकों ने बताया कि यह पहल अत्यंत सराहनीय है। इससे न केवल जनता को अपनी बात रखने का अवसर मिला, बल्कि कई वर्षों से लंबित मामलों में त्वरित कार्रवाई भी संभव हुई।
अपर समाहर्ता ने कहा कि यह जनता दरबार केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि प्रशासन और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करने का माध्यम है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि जनता के प्रति संवेदनशील रहते हुए हर आवेदन पर गंभीरता से कार्य करें।
प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही पर दिया गया जोर
जनता दरबार के दौरान अपर समाहर्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी आवेदनों की भौतिक जांच की जाए और समाधान की रिपोर्ट नियत समय पर प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि हर विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी नागरिक की शिकायत बिना कारण लंबित न रहे।
उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन जनता की समस्याओं के समाधान को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। इसी के तहत जनता दरबार जैसी पहल को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है ताकि प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत हो और जनता का विश्वास बढ़े।
विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति और सहभागिता
इस मौके पर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अमर कुमार, प्रभारी पदाधिकारी जन शिकायत कोषांग ओम प्रियदर्शी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे। सभी विभागीय प्रतिनिधियों को जनता दरबार में आए आवेदनों की जिम्मेदारी दी गई ताकि हर मामले का समाधान शीघ्रता से किया जा सके।
अपर समाहर्ता ने निर्देश दिया कि शिकायतों की मॉनिटरिंग नियमित रूप से की जाए और प्रत्येक विभाग अपनी प्रगति रिपोर्ट साप्ताहिक आधार पर प्रस्तुत करे।
जनता दरबार से मिला प्रशासन को फीडबैक
जनता दरबार के अंत में अपर समाहर्ता ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से प्रशासन को सीधा फीडबैक मिलता है कि जमीनी स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन कितना प्रभावी है। उन्होंने कहा कि जनता की शिकायतें ही प्रशासन के लिए सुधार का अवसर हैं, और प्रत्येक अधिकारी को इसे एक जिम्मेदारी के रूप में लेना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि जनता दरबार में प्राप्त सुझावों और शिकायतों के आधार पर जिले में जनहित योजनाओं को और बेहतर ढंग से लागू किया जाएगा।
जनता दरबार बना प्रशासन और जनता के बीच सेतु
यह आयोजन प्रशासनिक व्यवस्था को जनता के और करीब लाने का एक सार्थक प्रयास साबित हुआ है। उपायुक्त के निर्देश पर चल रही यह व्यवस्था जनता को अपने अधिकारों और सरकारी योजनाओं के लाभ से जोड़ने में मदद कर रही है।
जिले के कई लोगों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अगर इस तरह के कार्यक्रम नियमित रूप से होते रहें, तो आम नागरिकों को अपनी समस्याओं के समाधान में काफी सुविधा होगी।
