
रांची/देवघर। कहते हैं कि लगन, परिश्रम और अनुशासन से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। इसी कहावत को सच कर दिखाया है देवघर के युवा खिलाड़ी आशुतोष दिव्यांशु ने। महज़ 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपने प्रतिभा और जुनून से यह साबित कर दिया कि छोटे शहरों से निकलने वाले खिलाड़ी भी बड़े मंच पर इतिहास रच सकते हैं।
हाल ही में आयोजित पावरलिफ्टिंग इंडिया स्टेट क्लासिक प्रतियोगिता, जिसका आयोजन रांची स्थित गुरुनानक स्कूल में हुआ, उसमें आशुतोष ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया। प्रतियोगिता में उन्होंने अपने वजन वर्ग में कुल 240 किलोग्राम का वजन उठाकर शानदार उपलब्धि हासिल की। प्रतियोगिता में उनका बॉडी वेट 74 किलोग्राम रहा।
प्रतियोगिता में प्रदर्शन
इस प्रतियोगिता में झारखंड के विभिन्न जिलों से आए युवा और अनुभवी खिलाड़ियों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। कई राज्यों से आए कोच और चयनकर्ताओं की नजरें इस प्रतियोगिता पर टिकी थीं। ऐसे माहौल में देवघर के लाल आशुतोष दिव्यांशु ने जब 240 किलो वजन उठाया तो पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि देवघर जिला और पूरे झारखंड राज्य के लिए गर्व का क्षण है।
परिवार का योगदान
आशुतोष दिव्यांशु के पिता अलोक कुमार और माता गुंजन कुमारी ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया। साधारण परिवार से आने वाले आशुतोष के लिए यह राह आसान नहीं थी, लेकिन माता-पिता ने हर कदम पर उनका हौसला बढ़ाया। खेलों के प्रति झुकाव बचपन से ही था, लेकिन पावरलिफ्टिंग को पेशेवर रूप से अपनाने का निर्णय पिछले कुछ वर्षों में लिया। आज उनका यह निर्णय सही साबित हो रहा है।
देवघर की धरती से निकला उभरता सितारा
देवघर जो बाबा बैद्यनाथ धाम और धार्मिक आस्था के लिए प्रसिद्ध है, अब धीरे-धीरे खेल जगत में भी अपनी पहचान बना रहा है। आशुतोष जैसे खिलाड़ी इस पहचान को और मजबूत कर रहे हैं। वे इस बात का प्रमाण हैं कि इच्छाशक्ति और परिश्रम से किसी भी क्षेत्र में सफलता पाई जा सकती है।
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा
आशुतोष की सफलता उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है जो खेलों के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं। छोटे कस्बों और जिलों से आने वाले खिलाड़ी अक्सर संसाधनों की कमी से जूझते हैं, लेकिन आशुतोष ने यह साबित कर दिया कि यदि मन में जुनून और सपनों को पूरा करने की लगन हो, तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।
प्रतियोगिता का महत्व
रांची में हुई इस प्रतियोगिता को पावरलिफ्टिंग के क्षेत्र में राज्य स्तर पर एक बड़ी प्रतियोगिता माना जाता है। यहां से उभरने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर अवसर मिलता है। इस प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों पर चयन समिति की पैनी नजर रहती है। ऐसे में आशुतोष का यह प्रदर्शन उनके करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।
खेल और शिक्षा में संतुलन
आशुतोष वर्तमान में अपनी पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी संतुलन बना रहे हैं। उनका मानना है कि शिक्षा और खेल दोनों जीवन को दिशा देते हैं। वे मानते हैं कि खेलों से मिलने वाला अनुशासन और आत्मविश्वास जीवन की हर परीक्षा में काम आता है।
भविष्य की तैयारी
आशुतोष दिव्यांशु का लक्ष्य केवल राज्य स्तर तक सीमित नहीं है। वे आने वाले दिनों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पावरलिफ्टिंग में अपना लोहा मनवाना चाहते हैं। इसके लिए वे लगातार मेहनत और अभ्यास कर रहे हैं। फिटनेस, डाइट और प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देकर वे खुद को हर चुनौती के लिए तैयार कर रहे हैं।
देवघरवासियों में खुशी की लहर
आशुतोष की इस सफलता से पूरे देवघर में खुशी की लहर है। मोहल्ले और परिचितों में उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। खेल प्रेमियों का कहना है कि आशुतोष जैसे युवा आने वाले समय में देवघर और झारखंड का नाम पूरे देश में रोशन करेंगे।
विशेषज्ञों की राय
कोचों और खेल विशेषज्ञों का मानना है कि आशुतोष की मेहनत और जज्बा काबिले-तारीफ है। इस उम्र में इतना वजन उठाना आसान नहीं होता। इसके लिए सख्त डाइट, अनुशासन और नियमित अभ्यास जरूरी होता है। यदि उन्हें सही मार्गदर्शन और सुविधाएं मिलती रहीं, तो वे निश्चित रूप से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीत सकते हैं।
आशुतोष दिव्यांशु की यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि देवघर और पूरे झारखंड राज्य के लिए गर्व की बात है। उन्होंने साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी साधन या स्थान की मोहताज नहीं होती। उनकी मेहनत और संघर्ष युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।
देवघर के इस होनहार खिलाड़ी ने जो सपना देखा है, वह केवल उनका नहीं बल्कि अब पूरे जिले और राज्य का सपना बन चुका है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले समय में आशुतोष पावरलिफ्टिंग में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झारखंड का नाम रोशन करेंगे।
📝 Meta Description (150–160 words)
देवघर के 18 वर्षीय युवा खिलाड़ी आशुतोष दिव्यांशु ने रांची स्थित गुरुनानक स्कूल में आयोजित पावरलिफ्टिंग इंडिया स्टेट क्लासिक प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया। महज़ 74 किलोग्राम बॉडी वेट होने के बावजूद उन्होंने 240 किलोग्राम वजन उठाकर सबको चौंका दिया। देवघर निवासी आशुतोष ने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत के बल पर राज्य स्तर की इस प्रतियोगिता में पहचान बनाई है। उनके पिता अलोक कुमार और माता गुंजन कुमारी ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया। देवघरवासियों में खुशी की लहर है और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले समय में आशुतोष राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी झारखंड का नाम रोशन करेंगे।