
देवघर। शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके मीना बाजार में शनिवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। केसरवानी आश्रम के बगल में स्थित एक जर्जर मकान अचानक ढह गया। घटना के बाद आसपास के इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। गनीमत रही कि मकान गिरने के समय कोई व्यक्ति भीतर मौजूद नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।
मकान गिरने से सड़क पर मलबा फैल गया और आने-जाने वाले राहगीरों व स्थानीय दुकानदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। घटना के बाद मौके पर भीड़ जुट गई और लोगों ने नगर निगम की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई।
हादसे से लोगों में दहशत का माहौल
स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों ने बताया कि यह मकान लंबे समय से जर्जर अवस्था में खड़ा था। कई बार आसपास रहने वाले लोगों ने नगर निगम को इसकी जानकारी दी थी, मगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई। लोगों ने कहा कि आज मकान गिरने से बड़ी दुर्घटना टल गई, लेकिन इस हादसे ने निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आसपास के दुकानदारों का कहना है कि मकान गिरने से सड़क पर आवाजाही बाधित हो गई है। सुबह से शाम तक दुकानों पर आने-जाने वाले ग्राहकों को भारी असुविधा हो रही है। कई दुकानदारों ने तो अपनी दुकानें अस्थायी रूप से बंद कर दीं, क्योंकि मलबा हटाए जाने तक ग्राहक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं।
निगम की ओर से नोटिस के बावजूद कार्रवाई नहीं
सूत्रों के मुताबिक, नगर निगम ने इस जर्जर मकान के साथ-साथ इलाके के दो-तीन अन्य पुराने मकानों को भी नोटिस जारी किया था। मकान मालिकों को स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि वे जल्द से जल्द पुराने ढांचे को गिरा दें, ताकि भविष्य में दुर्घटना न हो।
हालांकि, समय पर कोई ठोस कदम न उठाए जाने के कारण यह हादसा हुआ। इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि जब नगर निगम खुद नोटिस जारी कर चुका था तो फिर इस मकान को लेकर कार्रवाई क्यों टाली गई।
स्थानीय लोगों की मांग
हादसे के बाद इलाके के लोगों ने नगर निगम से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय निवासियों और दुकानदारों ने कहा कि:
1. तुरंत सड़क से मलबा हटवाया जाए।
2. इलाके में मौजूद अन्य जर्जर मकानों की पहचान कर उन्हें गिराया जाए।
3. शहर के अन्य हिस्सों में भी इस तरह के ढहने की आशंका वाले मकानों की लिस्ट बनाई जाए।
लोगों का कहना है कि अगर निगम ने समय रहते जिम्मेदारी निभाई होती तो आज यह हादसा टाला जा सकता था।
हादसे के समय की स्थिति
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अचानक तेज आवाज के साथ मकान गिरा और पूरा इलाका धूल-धुएं से भर गया। सड़क से गुजर रहे लोग कुछ समय के लिए दहशत में आ गए। आसपास की दुकानों में मौजूद ग्राहकों को भी घबराहट हुई और वे इधर-उधर भागने लगे।
कुछ ही देर में आसपास के लोग घटनास्थल पर जमा हो गए। मौके पर नगर निगम के कर्मचारी और पुलिस टीम पहुंची। निगम की टीम ने स्थिति का जायजा लिया और जल्द से जल्द मलबा हटाने की बात कही।
बड़ी दुर्घटना टलने पर राहत
हालांकि मकान गिरने से सड़क पर जाम जैसी स्थिति बन गई और आवाजाही बाधित हुई, मगर सबसे बड़ी राहत की बात यह रही कि कोई व्यक्ति हादसे में घायल नहीं हुआ। लोगों का कहना है कि यदि यह घटना कुछ घंटे बाद या बाजार के ज्यादा भीड़भाड़ वाले समय में होती, तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।
शहर में जर्जर मकानों का खतरा
विशेषज्ञों का मानना है कि देवघर शहर में ऐसे कई पुराने और जर्जर मकान हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। नगर निगम को चाहिए कि समय-समय पर ऐसे मकानों की पहचान कर कार्रवाई करे। बारिश और सीलन के मौसम में मकानों की दीवारें कमजोर हो जाती हैं और हादसे की संभावना बढ़ जाती है।
लोगों ने जताई नाराजगी
स्थानीय लोगों ने कहा कि नगर निगम केवल नोटिस देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी मान लेता है, लेकिन असलियत में कार्रवाई नहीं करता। यही कारण है कि आज यह हादसा हुआ। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
भविष्य के लिए सबक
यह घटना देवघर नगर निगम के लिए एक बड़ा सबक है। शहर में जर्जर मकानों का गिरना केवल संपत्ति की हानि नहीं है, बल्कि यह आमजन के जीवन के लिए भी खतरा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते पुराने मकानों की मरम्मत या ध्वस्तीकरण किया जाए, तो ऐसे हादसों को रोका जा सकता है।
देवघर के मीना बाजार में जर्जर मकान ढहने की घटना ने नगर निगम की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन इसने सभी को आगाह कर दिया है कि समय रहते कदम न उठाने पर बड़ा हादसा कभी भी हो सकता है। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि निगम इस बार लापरवाही न दिखाकर इलाके से मलबा हटाने और अन्य जर्जर मकानों को गिराने की दिशा में ठोस कार्रवाई करेगा।