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देवघर। शिक्षा के महत्व को जन-जन तक पहुँचाने और बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में देवघर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज तथा विवेकानंद शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान ने संयुक्त रूप से ‘एक कदम शिक्षा की ओर’ कार्यक्रम की शुरुआत की। इसकी पहली कड़ी स्थानीय दीनबंधु मध्य विद्यालय से प्रारंभ हुई, जहां 100 विद्यार्थियों को अध्ययन सामग्री प्रदान की गई।
कार्यक्रम का उद्घाटन चैम्बर के अध्यक्ष रवि कुमार केशरी तथा वेक्सो इंडिया के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव ने किया। इस अवसर पर बच्चों को अभ्यास पुस्तिका, पेंसिल, रबड़ और पेंसिल कटर वितरित किए गए।
शिक्षा का महत्व – अध्यक्ष रवि केशरी का संदेश
अपने संबोधन में रवि कुमार केशरी ने कहा कि शिक्षा जीवन का अभिन्न हिस्सा है। यह केवल किताबों को पढ़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें जीवन को समझने और बेहतर दिशा देने की प्रेरणा देती है।
उन्होंने कहा –
“शिक्षा हमें सही और गलत में अंतर करना सिखाती है। यह सोच को विस्तृत करती है और हमें आत्मनिर्भर बनाती है। चाहे औपचारिक शिक्षा हो या जीवन के अनुभवों से मिली सीख, दोनों ही हमारे व्यक्तित्व को निखारते हैं।”
शिक्षा के बिना जीवन अधूरा – डॉ. देव
वेक्सो इंडिया के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव ने कहा कि आधुनिक समय में शिक्षा के बिना जीवन अधूरा माना जाता है।
उन्होंने कहा –
“शिक्षा केवल नौकरी पाने का साधन नहीं है, बल्कि यह हमें एक अच्छा इंसान बनने की दिशा दिखाती है। बच्चे जब शिक्षा के महत्व को समझेंगे तभी वे अपने भविष्य को उज्ज्वल बना पाएंगे।”
डॉ. देव ने बच्चों को निबंध लेखन के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि इस पहल से विद्यार्थियों को शिक्षा पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिलेगा। जब बच्चे सरल और प्रभावशाली तरीके से अपनी सोच को लिखना सीखेंगे, तो उनके अंदर आत्मविश्वास और रचनात्मकता का विकास होगा।
शिक्षकों की सक्रिय भूमिका
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक सह पूर्व प्रधानाध्यापक कृष्ण चंद्र घोष की अहम भूमिका रही। साथ ही शिक्षकवृंद – तपन कुमार सेठ, सुधांशु कुमार झा, ज्योतिका सोनी, मालती कुमारी, प्रियंका कुमारी, सोनम कुमारी और दीप्ति कुमारी भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।
शिक्षकों ने भी बच्चों को शिक्षा के महत्व और अनुशासन की सीख दी।
शिक्षा से ही समाज का विकास
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज के वंचित तबके के बच्चों तक शिक्षा का संदेश पहुंचाना था। आयोजकों का मानना है कि यदि बच्चों को प्रारंभिक स्तर पर बेहतर शिक्षा सामग्री और मार्गदर्शन मिले तो वे आगे चलकर समाज और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
रवि केशरी और डॉ. देव ने मिलकर कहा कि “शिक्षा केवल एक किताब या कक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवनभर चलने वाली प्रक्रिया है। शिक्षा से ही हम अच्छे नागरिक बन सकते हैं और समाज को नई दिशा दे सकते हैं।”
बच्चों की खुशी
कार्यक्रम में अध्ययन सामग्री पाकर बच्चे बेहद खुश हुए। कई बच्चों ने उत्साह से कहा कि अब उन्हें पढ़ाई में और मजा आएगा। विद्यालय प्रबंधन ने भी इस पहल का स्वागत किया और कहा कि इससे विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति रुचि और जिम्मेदारी बढ़ेगी।
सामाजिक जिम्मेदारी की पहल
‘एक कदम शिक्षा की ओर’ कार्यक्रम केवल अध्ययन सामग्री वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य समाज में शिक्षा के महत्व को जागरूकता के रूप में फैलाना भी है। इस पहल के जरिए समाज के अन्य वर्गों को भी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
भविष्य में इस कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य विद्यालयों के विद्यार्थियों को भी अध्ययन सामग्री और मार्गदर्शन प्रदान करने की योजना है। आयोजकों का मानना है कि जब तक हर बच्चा पढ़-लिख कर आत्मनिर्भर नहीं होगा, तब तक समाज का वास्तविक विकास संभव नहीं है।