
देवघर (संवाददाता)। विश्वप्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम में आज का दिन ऐतिहासिक और खास रहा। झारखंड की माननीय मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी अपने परिवार संग बाबा बैद्यनाथ मंदिर पहुंचीं और विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर बाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया। पूजा के दौरान मंदिर प्रांगण में आध्यात्मिक माहौल देखने को मिला।
मुख्य सचिव का आगमन और संकल्प विधि
मंदिर पहुंचने पर तीर्थ पुरोहितों द्वारा मंत्रोच्चार के बीच मुख्य सचिव को संकल्प कराया गया। परंपरा के अनुसार उन्होंने द्वादश ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक किया और परिवार सहित बाबा बैद्यनाथ से सुख-समृद्धि, राज्य की उन्नति और जनकल्याण की कामना की। इस दौरान मंदिर के गर्भगृह में पूजा-पाठ का अद्भुत नजारा रहा।
द्वादश ज्योतिर्लिंग का महत्व
बाबा बैद्यनाथ धाम द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रमुख स्थान है। यहां जलाभिषेक और पूजा का विशेष महत्व है। माननीय मुख्य सचिव अलका तिवारी ने श्रद्धाभाव से जलाभिषेक कर बाबा से आशीर्वाद प्राप्त किया। धार्मिक मान्यता है कि यहां की गई पूजा-अर्चना से समस्त कष्टों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी
पूजा-अर्चना के बाद मौके पर उपस्थित उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री नमन प्रियेश लकड़ा ने मुख्य सचिव का स्वागत किया और उन्हें बाबा बैद्यनाथ का प्रसाद एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर मंदिर परिसर में प्रशासनिक अधिकारियों और मंदिर समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी रही।
श्रद्धालुओं में उत्साह
मुख्य सचिव को बाबा बैद्यनाथ धाम में देखकर श्रद्धालुओं में भी खासा उत्साह देखने को मिला। मंदिर परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे ताकि पूजा-अर्चना शांतिपूर्ण और गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हो सके।
धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर
देवघर का बाबा बैद्यनाथ धाम न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। मुख्य सचिव अलका तिवारी का यहां आगमन राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्था को और मजबूती प्रदान करता है।
बाबा बैद्यनाथ धाम का महत्व
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख स्थान।
सावन माह में लाखों कांवड़ियों का आगमन।
मोक्ष और मनोकामना पूर्ति का केंद्र।
पर्यटन और आस्था दोनों का अद्भुत संगम।
माननीय मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी का यह दौरा बाबा बैद्यनाथ धाम के प्रति उनकी आस्था और श्रद्धा को दर्शाता है। उनके साथ परिवार का शामिल होना यह संदेश देता है कि आध्यात्मिक शक्ति से जीवन और समाज दोनों को दिशा मिलती है।

