
देवघर। शिक्षक दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल देवघर के प्रशिक्षु एवं इंटर्न पारा मेडिकल छात्रों ने अपने शिक्षकों को सम्मानित करने और उनके मार्गदर्शन के प्रति आभार प्रकट करने के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर सदर अस्पताल के डीपीएचएल लैब इंचार्ज मनोज कुमार मिश्र एवं फार्मेसी इंचार्ज संजीव कुमार मिश्र ने देश के महान दार्शनिक, विद्वान और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद केक काटकर शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया।
शिक्षक दिवस पर श्रद्धांजलि और प्रेरणा का क्षण
कार्यक्रम में मौजूद शिक्षकों ने कहा कि शिक्षक केवल पुस्तकीय ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि जीवन जीने की सही दिशा भी दिखाते हैं।
डीपीएचएल लैब इंचार्ज मनोज कुमार मिश्र ने कहा –
“सदर अस्पताल देवघर में प्रशिक्षु छात्रों को न केवल तकनीकी शिक्षा दी जाती है बल्कि उन्हें समय का पाबंद, ईमानदार, जिम्मेदार और अपने कार्यों के प्रति निष्ठावान बनने की शिक्षा भी दी जाती है। हमारा प्रयास है कि यहां से प्रशिक्षित होकर निकलने वाले छात्र समाज और स्वास्थ्य व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दें।”
वहीं फार्मेसी इंचार्ज संजीव कुमार मिश्र ने कहा कि शिक्षक दिवस केवल औपचारिकता नहीं है बल्कि यह एक प्रेरणा है जो हर छात्र को याद दिलाती है कि शिक्षा जीवन का मूल मंत्र है।

कार्यक्रम में शामिल अतिथि एवं छात्र
इस अवसर पर वरीय लैब तकनीशियन त्रिलोकी नाथ पांडेय, अनिल कुमार गुप्ता, पारस नाथ अंबे, विभूति कुमार, अनिता कुमारी, मीना कुमारी, अनिल कुमार यादव, शैलेश कुमार, मन्शीका भारती, मिथिलेश कुमार, काजल कुमारी, पिंकी कुमारी, अजित कुमार महतो, राहुल मुर्मू, कृष्ण कुमार, शिवानी, अनुपम कुमार सिंह, प्रियतम कुमार, रामानंद कुमार, विकास यादव, विक्रम, राहुल, संदीप, प्रिय रंजन दास, स्वाति कुमारी सहित बड़ी संख्या में प्रशिक्षु छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
सभी छात्रों ने अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन को जीवन की सबसे बड़ी पूंजी बताते हुए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
सदर अस्पताल देवघर की भूमिका
ज्ञातव्य है कि सदर अस्पताल देवघर में राज्य सरकार की ओर से प्रयोगशाला सहायक (Lab Assistant), ड्रेसर (Dresser) और एक्स-रे सहायक (X-Ray Assistant) जैसे महत्वपूर्ण कोर्स संचालित किए जाते हैं। इन कोर्सों में नामांकित प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं को अस्पताल के अनुभवी तकनीशियन और शिक्षक व्यावहारिक व सैद्धांतिक दोनों प्रकार की शिक्षा देते हैं।
यह कार्यक्रम छात्रों और शिक्षकों के बीच एक सेतु का काम करता है, जिसमें छात्र अपने अनुभव साझा करते हैं और शिक्षक उन्हें जीवन की कठिनाइयों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं।
शिक्षक दिवस का महत्व
भारत में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है, जिन्होंने शिक्षा को समाज की रीढ़ कहा था। उनका मानना था कि शिक्षा के बिना कोई भी राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकता। इसी विचारधारा को आत्मसात करते हुए सदर अस्पताल देवघर के प्रशिक्षु छात्रों ने इस दिन को खास तरीके से मनाया।
छात्रों की भावनाएं
कई प्रशिक्षु छात्रों ने साझा किया कि वे अपने शिक्षकों से सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि अनुशासन, नैतिकता और जिम्मेदारी जैसे जीवन मूल्यों को सीख रहे हैं। छात्राओं ने बताया कि लैब और मेडिकल ट्रेनिंग के दौरान उनके शिक्षक हमेशा धैर्य, संवेदनशीलता और समर्पण की शिक्षा देते हैं।
देवघर में पहली बार आयोजित विशेष पहल
इस तरह का विशेष कार्यक्रम देवघर के सदर अस्पताल में पहली बार बड़े पैमाने पर आयोजित किया गया। इसमें न सिर्फ शिक्षकों को सम्मानित किया गया बल्कि छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर माहौल को उत्सवमय बना दिया।
शिक्षक दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम देवघर के सदर अस्पताल के लिए ऐतिहासिक रहा। इस आयोजन ने छात्रों और शिक्षकों के बीच एक भावनात्मक रिश्ता और गहरा कर दिया।
निश्चित रूप से इस तरह के प्रयास भविष्य में भी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नए आयाम जोड़ेंगे।

