जमशेदपुर। इस वर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व जमशेदपुर में विशेष धूमधाम से मनाया जाएगा। 27 अगस्त से 14 सितंबर तक चलने वाले इस महोत्सव के दौरान शहर के विभिन्न पंडालों में भगवान गणेश की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। आयोजक समितियों ने तैयारियां जोरों पर शुरू कर दी हैं। पंडालों को थीम आधारित सजावट से संवारने की योजना बनाई गई है, वहीं भक्तों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की जाएगी।

आयोजन की प्रमुख विशेषताएं

इस वर्ष गणेश चतुर्थी के अवसर पर जमशेदपुर के प्रमुख गणेश पंडालों में पारंपरिक पूजा-अर्चना के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। हर साल की तरह इस बार भी शहर के कई इलाकों में भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं इस आयोजन में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।

पंडालों में आधुनिक लाइटिंग, प्राकृतिक सजावट और पर्यावरण के अनुकूल प्रतिमाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। आयोजकों ने प्लास्टर ऑफ पेरिस (PoP) की जगह मिट्टी और शिल्पकला से बनी प्रतिमाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है ताकि पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे।

सुरक्षा और यातायात व्यवस्था

जमशेदपुर पुलिस प्रशासन ने त्योहार के दौरान सुरक्षा और यातायात की विशेष योजना बनाई है। प्रमुख मार्गों पर यातायात नियंत्रण के लिए बैरिकेडिंग और अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी और भीड़ नियंत्रण के लिए स्वयंसेवकों की भी मदद ली जाएगी।

भक्तों की आस्था और उत्साह

गणेश चतुर्थी पर हर वर्ग के लोग श्रद्धा और उत्साह से भाग लेते हैं। पंडालों में बच्चों के लिए विशेष गतिविधियां, महिलाओं के लिए भक्ति गीत प्रतियोगिता और युवाओं के लिए सांस्कृतिक नृत्य-नाटिका का आयोजन किया जाएगा। स्थानीय कलाकारों को भी मंच मिलेगा जिससे क्षेत्रीय कला और संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।

गणेश विसर्जन की तैयारी

14 सितंबर को गणेश विसर्जन के साथ यह महोत्सव संपन्न होगा। नगर निगम और आयोजक समितियों ने विसर्जन के लिए विशेष घाटों की व्यवस्था की है। प्रशासन ने अपील की है कि लोग प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें और प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करें।

शहरवासियों की उम्मीदें

स्थानीय निवासियों को उम्मीद है कि इस वर्ष गणेश चतुर्थी का आयोजन न केवल धार्मिक महत्व को बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन देगा। बाजारों में मिठाई, सजावट, वस्त्र और पूजा सामग्री की बिक्री में बढ़ोतरी की संभावना है।