
झारखंड की राजधानी रांची अब केवल शैक्षणिक, खनन और खेल गतिविधियों के लिए ही नहीं बल्कि सूचना प्रौद्योगिकी (IT) क्षेत्र में भी अपनी नई पहचान बनाने जा रही है। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि रांची में जल्द ही एक बड़ा आईटी हब (IT Hub) खोला जाएगा। इस आईटी हब में गूगल, टीसीएस (TCS), विप्रो (Wipro), इंफोसिस (Infosys) और अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियां निवेश करने जा रही हैं। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद रांची न केवल रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराएगा, बल्कि झारखंड को देश के टेक्नोलॉजी हब की सूची में भी शामिल करेगा।
क्यों जरूरी है आईटी हब?
आज के दौर में डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियानों के बाद आईटी सेक्टर की मांग तेजी से बढ़ी है। रांची जैसे शहरों में आईटी हब बनने से:
स्थानीय युवाओं को बड़े शहरों जैसे बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे की ओर पलायन करने की आवश्यकता कम होगी।
झारखंड में तकनीकी स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा।
सरकारी सेवाओं और प्रशासन में डिजिटलीकरण को नई गति मिलेगी।
विदेशी निवेश आकर्षित होगा और राज्य का आर्थिक विकास होगा।
सरकार की पहल
झारखंड सरकार ने इस हब को स्थापित करने के लिए विशेष भूमि आवंटित की है। आईटी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने:
टैक्स में रियायत
बिजली और इंटरनेट की हाई-स्पीड सुविधा
निवेशकों के लिए सरल नियम
स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम
जैसी कई योजनाएं तैयार की हैं।
राज्य सरकार का दावा है कि आने वाले 5 वर्षों में इस प्रोजेक्ट से लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा।
गूगल, टीसीएस और विप्रो का रोल
1. गूगल (Google):
डिजिटल क्लाउड सर्विस, AI और मशीन लर्निंग रिसर्च सेंटर खोलने की योजना।
स्थानीय स्टार्टअप्स को ग्लोबल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना।
2. टीसीएस (TCS):
हजारों आईटी प्रोफेशनल्स के लिए भर्ती अभियान।
बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO) और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में योगदान।
3. विप्रो (Wipro):
साइबर सिक्योरिटी और डेटा सेंटर की स्थापना।
ग्रामीण इलाकों में डिजिटल ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट।
रोजगार के अवसर
रांची आईटी हब से सीधा फायदा इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और डिप्लोमा धारक युवाओं को होगा। अनुमान है कि शुरुआती चरण में ही लगभग 50,000 रोजगार पैदा होंगे।
सॉफ्टवेयर डेवलपर
डेटा एनालिस्ट
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट
BPO एग्जिक्यूटिव
नेटवर्क इंजीनियर
रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोफेशनल
इन पदों पर युवाओं को काम करने का मौका मिलेगा।
शिक्षा और कौशल विकास
आईटी हब की स्थापना के बाद IIT-ISM धनबाद, BIT मेसरा, NIT जमशेदपुर, रांची यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों के छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। कंपनियां कॉलेजों के साथ मिलकर इंटरनशिप और कैंपस प्लेसमेंट की व्यवस्था करेंगी।
आर्थिक विकास में योगदान
राज्य के जीडीपी में आईटी सेक्टर का योगदान बढ़ेगा।
छोटे और मध्यम व्यापार (MSME) को डिजिटल प्लेटफॉर्म मिलेगा।
रांची का नाम देश के प्रमुख स्टार्टअप हब्स में शामिल होगा।
चुनौतियां और समाधान
हालांकि रांची में आईटी हब स्थापित करने के रास्ते में कुछ चुनौतियां भी हैं:
बिजली आपूर्ति की स्थिरता
बेहतर परिवहन और कनेक्टिविटी
ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट का विस्तार
युवाओं को ग्लोबल लेवल की ट्रेनिंग देना
लेकिन सरकार और कंपनियां मिलकर इन समस्याओं का हल निकालने की दिशा में काम कर रही हैं।
विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञ: “रांची आईटी हब से न केवल रोजगार बल्कि विदेशी निवेश भी बढ़ेगा।”
शिक्षा विशेषज्ञ: “यह हब झारखंड के छात्रों को बड़े शहरों की तरह अवसर देगा।”
आईटी प्रोफेशनल्स: “गूगल, टीसीएस और विप्रो जैसी कंपनियों का यहां आना रांची के लिए ऐतिहासिक कदम है।”
रांची में बनने वाला आईटी हब झारखंड की दिशा और दशा दोनों बदल सकता है। यह प्रोजेक्ट न केवल डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूत करेगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार और स्टार्टअप्स के लिए अवसर भी प्रदान करेगा। आने वाले वर्षों में रांची देश के प्रमुख आईटी डेस्टिनेशन में गिना जाएगा।