
देवघर। दुर्गा पूजा के पावन अवसर पर संताल परगना प्रमंडल का सबसे महंगा और भव्य पंडाल इस वर्ष भी शहरवासियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। देवघर शहर के अपर बिलासी पूजा समिति द्वारा निर्मित इस अद्भुत पंडाल का शुभारंभ शनिवार को समिति के संरक्षक एवं वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. सुनील खवाड़े ने विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया। उदघाटन के साथ ही मां दुर्गा का पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया।
डॉ. सुनील खवाड़े ने इस अवसर पर कहा कि यह पंडाल न केवल देवघर बल्कि पूरे संताल परगना का सबसे बड़ा और भव्य दुर्गा पूजा पंडाल है। इसकी कुल लागत लगभग सवा करोड़ रुपये आंकी गई है। इसकी भव्यता और वैभव दूर से ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
राजस्थान के राजदरबार की थीम पर बना पंडाल
इस साल अपर बिलासी पूजा समिति के पंडाल की थीम विशेष है। पंडाल का निर्माण राजस्थान के राजदरबार की थीम पर किया गया है। बंगाल के अनुभवी कारीगरों ने राजेश श्रृंगारी के मार्गदर्शन में इसे तैयार किया है। पंडाल निर्माण में एक महीने से अधिक का समय लगा है। इसके हर कोने में शिल्पकला और राजस्थानी वैभव का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
पिछले तीन वर्षों से लगातार सर्वश्रेष्ठ पंडाल का खिताब जीतने वाली अपर बिलासी टाउन पूजा समिति ने इस बार भी अपनी उत्कृष्ट कला और आकर्षक प्रस्तुति से भक्तों का मन मोह लिया है।
इको-फ्रेंडली मैटेरियल और अत्याधुनिक सुरक्षा इंतजाम
पंडाल निर्माण के दौरान पर्यावरण का विशेष ख्याल रखा गया है। निर्माण में प्रयुक्त सभी मैटेरियल इको-फ्रेंडली हैं, जिससे प्रकृति को कोई नुकसान न हो। साथ ही सुरक्षा के लिए 28 गार्ड तैनात किए गए हैं। पंडाल परिसर के हर चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
संभावित आपदा की स्थिति से निपटने के लिए जगह-जगह अग्निशामक यंत्र भी लगाए गए हैं। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
आकर्षक विद्युत सज्जा और आधुनिक सुविधाएं
पंडाल को चारों ओर से आकर्षक विद्युत सज्जा से सजाया गया है। रात में यह पंडाल रोशनी से जगमगाता हुआ अद्भुत नजारा पेश करता है।
श्रद्धालुओं के लिए सेल्फी जोन तैयार किया गया है जहां लोग पंडाल की खूबसूरती के साथ अपनी यादगार तस्वीरें खींच सकते हैं।
बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए विशेष लाउंज बनाया गया है, ताकि वे आराम से बैठकर मां दुर्गा के दर्शन कर सकें। इसके अलावा जगह-जगह बड़े स्क्रीन लगाए गए हैं, ताकि भीड़ में कोई भी श्रद्धालु पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से वंचित न रहे।
बच्चों के लिए झूले और पार्किंग की बेहतर व्यवस्था
पूजा समिति ने बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले और खेल की व्यवस्था की है। साथ ही, आने वाले श्रद्धालुओं को वाहन पार्किंग की परेशानी न हो, इसके लिए अलग से पार्किंग स्थल बनाया गया है।
डॉ. सुनील खवाड़े ने बताया कि पूजा के दौरान रोजाना प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई है। सभी भक्तों को मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
तीन अक्टूबर को होगा भव्य विसर्जन
पूजा समिति के अनुसार तीन अक्टूबर को मां दुर्गा की प्रतिमा का भव्य विसर्जन किया जाएगा। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना है। विसर्जन के दिन शोभायात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा।
समिति के पदाधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
उद्घाटन के अवसर पर देवघर शहर के कई गणमान्य लोग मौजूद थे। इनमें रामेश्वर चक्रवर्ती, आजाद पाठक, अमियांशु दत्त द्वारी, शेष नाथ झा, प्रेमनाथ खवाड़े, मुकेश टोनी, अर्णव बोस, बाबन चक्रवर्ती, मनोज खवाड़े, राजू झा, अनुज चंदन, कौशल सिंह, गौरव, अमित जेजवाड़े, बिट्टू, आशीष झा, नवीन शर्मा, प्रकाश भारद्वाज, उमेश मिश्रा, संतोष कुमार, राजकुमार, मन्नू और बापी प्रमुख रूप से शामिल रहे।
पूजा समिति में डॉ. सुनील खवाड़े मुख्य संरक्षक हैं, जबकि संरक्षक मंडल में कालीनाथ खवाड़े और रामेश्वर चक्रवर्ती शामिल हैं। समिति के अध्यक्ष संजयानंद झा, महासचिव अपूर्वानंद झा, कोषाध्यक्ष शेष नाथ झा और मुकेश टोनी तथा मुख्य पुजारी अमियांशु दत्त द्वारी हैं।
भक्तों का बढ़ता उत्साह
दुर्गा पूजा के इस भव्य आयोजन को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आ रहे हैं। पंडाल की अद्भुत कलाकारी और विद्युत सज्जा न सिर्फ देवघर बल्कि पूरे संताल परगना के लोगों को अपनी ओर खींच रही है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए यहां विशेष इंतजाम किए गए हैं, जिससे यह पूजा पंडाल भक्तों के लिए एक यादगार अनुभव बन गया है।
डॉ. सुनील खवाड़े ने कहा कि “अपर बिलासी पूजा समिति हर वर्ष भक्तों को नए और अनोखे अनुभव देने का प्रयास करती है। इस बार का पंडाल राजस्थान की समृद्ध कला और संस्कृति का शानदार उदाहरण है।”
सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक संदेश
यह पंडाल केवल भव्यता और आकर्षण का प्रतीक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का भी संदेश देता है। इको-फ्रेंडली मैटेरियल का उपयोग पर्यावरण संरक्षण का उदाहरण प्रस्तुत करता है। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था आधुनिक तकनीक के साथ सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय देती है।
देवघर का अपर बिलासी दुर्गा पूजा पंडाल संताल परगना का सबसे बड़ा और महंगा पंडाल बनकर सामने आया है। यहां की सजावट, थीम और व्यवस्था इसे विशिष्ट बनाती है। चाहे वह सुरक्षा की दृष्टि से किए गए इंतजाम हों या भक्तों की सुविधा के लिए बनाई गई आधुनिक सुविधाएं – यह पंडाल हर मायने में अद्वितीय है। आने वाले दिनों में यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है, जिससे यह दुर्गा पूजा पूरे क्षेत्र में चर्चा का केंद्र बना रहेगा।