झारखंड के लाखों विद्यार्थियों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) मैट्रिक और इंटर बोर्ड परीक्षा के लिए की गई फीस वृद्धि में रियायत देने पर विचार कर रहा है। बोर्ड की ओर से आवेदन शुल्क में 35% तक बढ़ोतरी की गई थी, जिसके बाद छात्रों और अभिभावकों में नाराजगी बढ़ रही थी। इसी मुद्दे पर JAC अध्यक्ष डॉ. नटवा हांसदा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और स्थिति से अवगत कराया।

मुख्यमंत्री ने उठाए थे फीस वृद्धि पर सवाल
मुख्यमंत्री ने हाल ही में बोर्ड द्वारा फीस बढ़ोतरी को लेकर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि विद्यार्थियों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ नहीं डाला जा सकता। इसके बाद JAC ने तुरंत आपात बैठक बुलाई। बैठक में मैट्रिक और इंटर परीक्षाओं की फीस में राहत देने के प्रस्ताव पर गंभीरता से चर्चा की गई। उम्मीद है कि जल्द ही विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिल सकती है।
स्कॉलरशिप न मिलना और बढ़ी फीस ने विद्यार्थियों की मुश्किल बढ़ाई
कई जिलों से छात्रों ने शिकायत की थी कि उन्हें अभी तक स्कॉलरशिप की राशि नहीं मिली है। ऐसे में बोर्ड परीक्षा की फीस में अचानक की गई बढ़ोतरी ने उन्हें परेशानी में डाल दिया। अभिभावकों का कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए यह भार उठाना मुश्किल हो रहा था। इसी दबाव को देखते हुए सरकार और बोर्ड अब राहत देने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
8वीं, 9वीं और 11वीं की परीक्षा पैटर्न में बदलाव की तैयारी
आज की बोर्ड बैठक में फीस के साथ-साथ 8वीं, 9वीं और 11वीं की परीक्षा के पैटर्न में भी बड़ा बदलाव किए जाने पर विचार किया जा रहा है। अभी तक इन कक्षाओं की परीक्षाएं OMR शीट पर केवल ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के आधार पर होती थीं। लेकिन इस बार संभावना है कि प्रश्नपत्र में लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न भी शामिल किए जाएंगे। इससे छात्रों की लिखने की क्षमता और विषय की समझ का बेहतर मूल्यांकन किया जा सकेगा।
बोर्ड की तैयारी पहले से थी, लेकिन समय अब कम बचा
जैक बोर्ड ने बताया कि परीक्षा पैटर्न परिवर्तन की योजना पहले से तैयार थी, लेकिन औपचारिक निर्णय में देरी हो गई। अब निर्णायक फैसला विकास आयुक्त की अध्यक्षता में होने वाली अहम बैठक में लिया जाएगा। इस बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारी, जैक अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी शामिल रहेंगे।
फरवरी में आयोजित होगी बोर्ड परीक्षा
झारखंड बोर्ड की मैट्रिक और इंटर परीक्षाएं फरवरी 2025 में आयोजित की जाएंगी। परीक्षा का पूरा शेड्यूल जारी किया जा चुका है। ऐसे में फीस रियायत और पैटर्न परिवर्तन का निर्णय जल्द लेना जरूरी है, जिससे छात्र अपनी तैयारी रणनीति बना सकें।
सरकार और बोर्ड दोनों छात्रों के पक्ष में दिख रहे हैं
फीस वृद्धि का विवाद बढ़ने के बाद अब सरकार और जैक बोर्ड दोनों इस दिशा में सक्रिय दिख रहे हैं कि छात्रों को किसी प्रकार की आर्थिक या मानसिक परेशानी न हो। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही मैट्रिक-इंटर के लाखों विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।
