ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में गुरुवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। 9 साल से विवाहित महिला निक्की (काल्पनिक नाम) को उसके ही पति ने पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया। यह खौफनाक वारदात दहेज की मांग पूरी न होने पर अंजाम दी गई। पीड़िता के परिवार का आरोप है कि विवाह के समय उन्होंने स्कॉर्पियो कार दी थी, बावजूद इसके पति और ससुरालवालों की 35 लाख रुपये नकद की मांग खत्म नहीं हुई। दहेज उत्पीड़न की यह घटना सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रही है।

9 साल की शादी और अंत हुआ मौत से

पीड़िता की शादी 2016 में सिरसा गांव निवासी आरोपी के साथ हुई थी। शुरुआत में सब कुछ सामान्य था, लेकिन कुछ ही समय बाद दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न शुरू हो गया। मायकेवालों ने कई बार आर्थिक मदद की, लेकिन पति और उसके परिजन लगातार 35 लाख रुपये नकद की मांग पर अड़े रहे। अंततः गुरुवार को आरोपी ने पीड़िता पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी।

वायरल वीडियो ने खोली बर्बरता की पोल

घटना के बाद आरोपी पति ने मौके से भागने की कोशिश की, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो किसी ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो वायरल होते ही इलाके में सनसनी फैल गई। लोग इस बर्बरता को लेकर गुस्से में हैं और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

पुलिस की कार्रवाई और आरोप

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और गंभीर हालत में पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। ग्रेटर नोएडा पुलिस ने पति और उसके परिजनों के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई है और जल्द ही गिरफ्तारी होगी।

दहेज प्रथा पर फिर उठे सवाल

यह घटना एक बार फिर समाज में व्याप्त दहेज प्रथा पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। विवाह के 9 साल बाद भी दहेज की मांग करना कहां तक जायज है? देशभर में दहेज उत्पीड़न के मामलों में बढ़ोतरी चिंताजनक है। कानूनी प्रावधान होने के बावजूद ऐसे अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहे।

परिजनों का दर्द और मांग

पीड़िता के पिता ने कहा, “हमने बेटी की शादी में स्कॉर्पियो कार और कई महंगे तोहफे दिए थे। इसके बावजूद वह 35 लाख रुपये की मांग कर उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। हमारी बेटी ने कई बार फोन कर हमें अपनी परेशानी बताई, लेकिन हमने हमेशा समझौता कर मामले को शांत करने की कोशिश की। हमें क्या पता था कि उसकी जिंदगी इतनी दर्दनाक तरीके से खत्म होगी।”

प्रशासन पर उठे सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि पीड़िता ने कई बार थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उचित कार्रवाई नहीं हुई। अगर समय रहते प्रशासन ने कठोर कदम उठाए होते तो शायद उसकी जान बच सकती थी।

दहेज प्रथा खत्म करने की जरूरत

समाजशास्त्रियों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सिर्फ कानून नहीं, बल्कि समाज के सोच में बदलाव लाना होगा। दहेज को सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक मानने की मानसिकता बदलनी होगी। साथ ही, पीड़िताओं को समय पर न्याय और सुरक्षा मिलनी चाहिए।

कानून क्या कहता है?

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304B के तहत, शादी के सात साल के भीतर महिला की संदिग्ध मौत या उत्पीड़न की स्थिति में दहेज हत्या का मामला दर्ज होता है। हालांकि इस मामले में विवाह को नौ साल हो चुके थे, फिर भी लगातार प्रताड़ना और दहेज मांग को देखते हुए इसी धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है।

समाज को चेताने वाली घटना

ग्रेटर नोएडा की यह घटना समाज के लिए एक बड़ा सबक है। आधुनिक युग में भी जब महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रसर हो रही हैं, तब भी दहेज के नाम पर उन्हें जिंदा जलाना मानवता को शर्मसार करता है। जरूरत है कि हम ऐसे अपराधियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग करें ताकि भविष्य में कोई भी बेटी ऐसी पीड़ा न सहे।