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पटना। बिहार की राजनीति में हमेशा चर्चा में रहने वाले राजद (RJD) परिवार के भीतर एक बार फिर से विवाद की गूंज सुनाई दे रही है। पूर्व सांसद और लालू प्रसाद यादव के समधी साधु यादव ने एक बार फिर बड़ा बयान देकर सियासत को गर्मा दिया है। साधु यादव ने कहा कि तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच जो मतभेद सामने आए, उसके पीछे परिवार के बाहर के लोग जिम्मेदार हैं।
साधु यादव ने साफ तौर पर कहा कि जब तक लालू परिवार के घर में बाहरी लोग दखल देंगे, तब तक पार्टी भी मजबूत नहीं होगी और सत्ता भी हाथ से निकलती रहेगी।
साधु यादव ने तेज प्रताप का पक्ष लिया
साधु यादव ने अपने बयान में तेज प्रताप यादव का पक्ष लेते हुए कहा कि तेज प्रताप के साथ हमेशा साजिश होती रही है। उन्हें राजनीति में हाशिये पर धकेलने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि बाहरी लोग घर में रहकर परिवार के सदस्यों के बीच दूरी बनाने का काम कर रहे हैं। यही वजह है कि आज पार्टी की स्थिति कमजोर होती जा रही है।
‘जब तक घर में बाहरी रहेंगे, पार्टी सत्ता से दूर रहेगी’
पूर्व सांसद ने कहा कि “लालू प्रसाद यादव ने बड़ी मेहनत से पार्टी खड़ी की थी, लेकिन आज वही पार्टी कमजोर होती जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि घर और पार्टी दोनों में बाहरी लोग ज्यादा प्रभावी हो गए हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर परिवार एकजुट नहीं हुआ तो सत्ता की डगर और कठिन होती जाएगी।
हाल ही में सामने आया था तेज प्रताप-तेजस्वी का विवाद
बिहार की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच कथित मतभेद की खबरें जोर पकड़ रही थीं। कई बार तेज प्रताप ने मंच से बयान देते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है। वहीं तेजस्वी यादव, जो बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, उन्होंने हमेशा संयमित रहकर जवाब दिया।
तेज प्रताप ने कई बार कहा कि उन्हें पार्टी में अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने अपने ही नेताओं और सलाहकारों पर सवाल उठाए। ऐसे में साधु यादव का यह बयान सीधे-सीधे तेज प्रताप का समर्थन करता दिखाई दे रहा है।
लालू परिवार और राजनीति में खींचतान नई नहीं
लालू प्रसाद यादव का परिवार लंबे समय से राजनीति में सक्रिय है। लालू प्रसाद और राबड़ी देवी ने बिहार की राजनीति पर वर्षों तक राज किया। इसके बाद तेजस्वी यादव को उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी माना गया, जबकि तेज प्रताप यादव ने भी राजनीति में अपनी सक्रियता बढ़ाई।
लेकिन समय-समय पर दोनों भाइयों के बीच मतभेद की खबरें आती रही हैं। तेज प्रताप के बयानों से कई बार पार्टी की मुश्किलें भी बढ़ी हैं।
साधु यादव का RJD से पुराना रिश्ता
साधु यादव खुद लालू प्रसाद यादव के रिश्तेदार हैं और RJD से उनका पुराना नाता रहा है। वे सांसद भी रह चुके हैं। हालांकि बाद में उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली थी। अब उनका यह बयान एक बार फिर से पार्टी और परिवार दोनों के भीतर की खींचतान को उजागर करता है।
राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज
साधु यादव के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। राजद कार्यकर्ताओं का मानना है कि ऐसे बयानों से पार्टी की छवि पर असर पड़ता है। वहीं, विरोधी दलों को भी हमला करने का मौका मिल जाता है।
विपक्ष को मिला मुद्दा
भाजपा और जदयू पहले से ही RJD पर परिवारवाद का आरोप लगाते रहे हैं। अब साधु यादव के इस बयान ने विपक्ष को और मजबूत हथियार दे दिया है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में इसका असर पार्टी की रणनीति और चुनावी तैयारी पर पड़ सकता है।
क्या होगा तेज प्रताप और तेजस्वी का भविष्य?
बिहार की राजनीति के जानकारों का मानना है कि अगर लालू परिवार एकजुट नहीं होता है, तो इसका सीधा फायदा विपक्षी दलों को मिलेगा। तेजस्वी यादव अभी भी युवा नेताओं में सबसे लोकप्रिय चेहरा माने जाते हैं, लेकिन तेज प्रताप की नाराजगी पार्टी के लिए चुनौती है।
साधु यादव का यह बयान इसी नाराजगी को और हवा देता हुआ नजर आता है।
साधु यादव ने जिस तरह से तेज प्रताप और तेजस्वी के विवाद को बाहरी लोगों की साजिश बताया है, उसने एक बार फिर से लालू परिवार की राजनीति को सुर्खियों में ला दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि RJD इस अंदरूनी कलह को कैसे संभालती है और परिवार को एकजुट कर पाती है या नहीं।