
श्रावणी मेले के पांचवें दिन श्रद्धालुओं की उमड़ी भारी भीड़, बीएड कॉलेज तक पहुंची कतारें
देवघर। श्रावणी मेले की आस्था और भक्ति की लहर पांचवें दिन अपने चरम पर रही। सोमवार को अहले सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें बाबा बैद्यनाथ धाम के दर्शन और जलार्पण के लिए उमड़ पड़ीं। सुबह 04:16 बजे जलार्पण की प्रक्रिया आरंभ हुई और दिन भर बाबा मंदिर प्रांगण ‘बोल बम’ के जयकारों से गूंजता रहा।
इस दौरान श्रद्धालुओं की कतार इतनी लंबी रही कि बीएड कॉलेज तक पहुंच गई। श्रद्धालुओं की आस्था ने यह दिखा दिया कि चाहे कितनी भी भीड़ हो, उनका उत्साह और विश्वास कभी कम नहीं होता। पांचवें दिन कुल 1,27,519 श्रद्धालुओं ने बाबा बैद्यनाथ को जल अर्पित किया।
तीन मार्गों से हुआ जलार्पण
श्रद्धालुओं के जलार्पण की सुविधा के लिए जिला प्रशासन द्वारा तीन प्रमुख व्यवस्थाओं को सक्रिय रूप से लागू किया गया था:
1. बाह्य अर्घा (External Argha) – इस माध्यम से कुल 26,538 श्रद्धालुओं ने बाबा को जल चढ़ाया। यह प्रणाली उन श्रद्धालुओं के लिए है जो लंबी कतारों से बचकर बाहर से ही जलार्पण करना चाहते हैं। यह सुविधा वृद्ध, महिला और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी साबित हो रही है।
2. आंतरिक अर्घा (Internal Argha) – बाबा मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचने और सीधे जलार्पण करने की पारंपरिक व्यवस्था के तहत 96,235 श्रद्धालुओं ने जल अर्पित किया। यहां व्यवस्था अत्यंत अनुशासित और सुरक्षित रही। प्रशासन द्वारा तैनात दंडाधिकारियों और स्वयंसेवकों ने भीड़ को नियंत्रित और सुव्यवस्थित बनाए रखा।
3. शीघ्र दर्शनम कूपन व्यवस्था – समय की बचत और विशेष सुविधा के लिए जारी किए गए शीघ्र दर्शनम कूपन के तहत 4,746 श्रद्धालुओं ने जलार्पण किया। यह कूपन सुविधा मुख्य रूप से दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित हो रही है।
मंदिर प्रबंधन की सजगता और प्रशासन की मुस्तैदी
श्रावणी मेला के सुचारू संचालन हेतु मंदिर प्रबंधन समिति और जिला प्रशासन दिन-रात जुटा हुआ है। प्रत्येक जलार्पण मार्ग पर विशेष पुलिस बल, महिला सुरक्षा दल, स्वास्थ्य कर्मी, स्वयंसेवक और NCC/Scouts की टीम तैनात रही। CCTV निगरानी और ड्रोन से भीड़ पर नजर रखी जा रही है।
मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को दिशा-निर्देश देने के लिए डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड, घोषणाएं, तथा मार्गदर्शक वालंटियर्स लगातार सक्रिय रहे। बाबा मंदिर की सफाई व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया गया। हर एक घंटे में मंदिर परिसर की सफाई की जा रही है, जिससे श्रद्धालुओं को स्वच्छ वातावरण मिल सके।
स्वास्थ्य सेवाएं और पेयजल व्यवस्था
श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य शिविर, प्राथमिक उपचार केंद्र, जलपान केंद्र तथा चलंत चिकित्सा वाहन (Ambulance) 24 घंटे उपलब्ध हैं। जलार्पण मार्ग पर जगह-जगह ठंडा पेयजल, शीतलपेय, ORS और छांव की व्यवस्था भी की गई है।
श्रद्धालुओं की भावना और श्रद्धा
पांचवें दिन की सुबह से ही बैद्यनाथ धाम में हर-हर महादेव और बोल बम के नारों से वातावरण भक्तिमय हो गया। कावंरियों ने बेलपत्र, धतूरा और गंगाजल के साथ बाबा को जल चढ़ाया। किसी ने संतान सुख के लिए, तो किसी ने परिवार की समृद्धि के लिए बाबा से प्रार्थना की।
एक कावंरियी रंजीत कुमार, जो सुलतानगंज से नंगे पांव 105 किलोमीटर की यात्रा कर पहुंचे थे, ने कहा – “हर साल बाबा के दर्शन करने आते हैं। भीड़ तो होती है, पर सेवा और व्यवस्था बहुत बेहतर हो गई है। यही श्रद्धा हमें हर साल यहां खींच लाती है।”
शेष दिनों की तैयारी
पांचवें दिन की अभूतपूर्व भीड़ को देखते हुए आने वाले दिनों के लिए सुरक्षा, स्वच्छता और सुविधा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है। विशेषकर सोमवार और पूर्णिमा को संभावित अत्यधिक भीड़ के लिए अतिरिक्त बल की तैनाती, अस्थायी स्वास्थ्य शिविर और मोबाइल कंट्रोल यूनिट्स तैनात किए जा रहे हैं।
राजकीय श्रावणी मेला 2025 का पांचवां दिन श्रद्धा, व्यवस्था और भक्ति का समागम रहा। बाबा बैद्यनाथ की नगरी एक बार फिर यह सिद्ध कर रही है कि यहां आस्था, संस्कृति और अनुशासन एक साथ चलते हैं।